उलझे जीवन की सुलझी कहानी ‘ज़िन्दगी 50-50’
भगवंत अनमोल का उपन्यास ‘ज़िंदगी 50-50’ इस साल का सरप्राइज़ उपन्यास बनता जा रहा है। हर तरह के पाठकों में अपनी जगह बनाता जा रहा है। इसका पहला संस्करण समाप्त हो गया है। आज इस उपन्यास की समीक्षा लिखी है...
View Articleअणुशक्ति सिंह की कहानी ‘बदलते करवटों के निशां’
अणुशक्ति सिंह की यह कहानी स्त्रीत्व-मातृत्व के द्वंद्व को बहुत संतुलन के साथ सामने रखती है। पढ़कर बताइएगा- मॉडरेटर ——————————- कभी दायीं ओर, कभी बायीं… चर्र-मर्र करते उस बिस्तर पर उसका करवटें बदलना ज़ारी...
View Articleगेब्रियला गुतीरेज वाय मुज की कविताएं दुष्यंत के अनुवाद
26 नवंबर यानी आज के दिन 1959 में जन्मीं चर्चित समकालीन स्पेनिश कवयित्री गेब्रियला गुतीरेज वायमुज ने स्पेनिश में पीएच. डी. की है। वे सिएटल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं और वाशिंग्टन स्टेट आर्ट कमीशन की...
View Article‘पद्मावती’विवादः पाठ और संदर्भ के अनेक कोण
‘पद्मावती विवाद’ पर युवा लेखक, पत्रकार, इतिहास के गहरे अध्येता प्रकाश के रे का यह लेख कुछ गंभीर बिन्दुओं को उठाता है। पढ़ने लायक है- मौडरेटर ======== संजय लीला भंसाली की ‘पद्मावती’ को लेकर सामाजिक और...
View Articleशहनाज़ रहमत की ग़ज़लें
आज पेश है शहनाज़ रहमत की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ====================================================== ग़ज़ल-1 दर्दे दिल हूँ मैं किसी का या कोई सूनी नज़र कुछ पता मुझको नहीं है कौन हूँ मैं क्या ख़बर गर्दिशें...
View Article‘यूपी 65’के बहाने हिन्दी के नए लेखन को लेकर कुछ बातें
पंकज कौरव अनेक माध्यमों में काम करते रहे हैं, अच्छे लेखक भी हैं। उन्होने हाल में आए निखिल सचान के उपन्यास ‘यूपी 65’ को पढ़ते हुए हाल में आई हिन्दी में नई तरह की किताबों पर बहसतालब टिप्पणी की है- मॉडरेटर...
View Articleनीचता के नक्कारखाने में भाषा ज्ञान की तूती- मृणाल पाण्डे
प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे का यह लेख नीच शब्द को लेकर हुए विवाद से शुरू होकर भाषा और उनके प्रयोगों की यात्रा, शब्दों के आदान-प्रदान का विद्वतापूर्ण और दिलचस्प आकलन प्रस्तुत करता है। मौका मिले तो...
View Articleहॉर्स तो बहुत होते हैं लेकिन विजेता कहलाता है ‘डार्क हॉर्स’
‘नीलोत्पल मृणाल के उपन्यास का शीर्षक ‘डार्क हॉर्स’ प्रोफेटिक साबित हुआ। ऐसे समय में जब हर महीने युवा लेखन के नए नए पोस्टर बॉय अवतरित हो रहे हों नीलोत्पल सबसे टिकाऊ पोस्टर बॉय हैं। वह स्वयं डार्क हॉर्स...
View Articleपटना पुस्तक मेला 2017: नया माहौल नया जोश
पटना पुस्तक मेला 2017 का समापन हो गया. एक नए माहौल में पटना पुस्तक मेला का आयोजन इस बार कुछ अलग रहा. युवा लेखक सुशील कुमार भारद्वाज की रपट- मॉडरेटर ================================ पटना पुस्तक मेला...
View Articleऐप उपन्यास ‘वाया गुड़गाँव’के लेखक दुष्यंत के साथ एक बातचीत
युवा लेखक दुष्यंत समकालीन जीवन सन्दर्भों को अपने कहानियों में लिखते रहे हैं. ‘वाया गुड़गाँव’ उनका पहला उपन्यास है, जो जगरनॉट के ऐप पर आया है. इसी उपन्यास को लेकर ‘जानकी पुल’ की उनसे बातचीत- मॉडरेटर...
View Articleचंद्रेश्वर के संग्रह ‘सामने से मेरे’की कुछ कविताएँ
इस साल लखनऊ से रश्मि प्रकाशन की शुरुआत हुई. इससे वरिष्ठ कवि श्री चंद्रेश्वर का कविता संग्रह “सामने से मेरे” प्रकाशित हुआ है अौर पाठकों-समीक्षकों तक पहुँचने लगा है। चंद्रेश्वर का जन्म बिहार के बक्सर...
View Articleफ़रहत एहसास की चुनिन्दा ग़ज़लें
फरहत एहसास उर्दू के संजीदा शायरों में प्रमुख नाम हैं. अनेक लोगों का यह कहना है कि सबसे प्रमुख नाम है. उनकी चुनिन्दा ग़ज़लें जिनका चयन किया है युवा शायर इरशाद खान सिकंदर ने-मॉडरेटर 1 ख़ुशी हुई जो मिला ग़म...
View Articleस्त्री-सपनों की बेदखल होती दुनिया का जीवंत यथार्थ
गीताश्री के उपन्यास ‘हसीनाबाद’ की यह समीक्षा युवा कवयित्री-लेखिका स्मिता सिन्हा ने लिखी है. उपन्यास वाणी प्रकाशन से प्रकाशित है- मॉडरेटर ================ गीताश्री ‘हसीनाबाद ‘ एक स्त्री की कहानी , उसके...
View Articleरोज़मर्रा जीवन की सूक्ष्मदर्शी निगाह में कुलबुलाती कहानियाँ हैं ‘आख़िरी गेंद’
रामनगीना मौर्य के कहानी संग्रह ‘आखिरी गेंद’ की समीक्षा. लिखी है अबीर आनंद ने. किताब का प्रकाशन रश्मि प्रकाशन से हुआ है- मॉडरेटर =================== ऐसा लगता है जैसे भाषा की रेलगाड़ी कहीं कानपुर के...
View Articleअरुण शीतांश की कविताएँ
आज प्रस्तुत है कवि अरुण शीतांश की कविताएं। 2 नवम्बर 1972 के दिन अरवल जिले के विष्णुपुरा गाँव में जन्मे अरुण शीतांश ने भूगोल तथा हिंदी साहित्य में एम.ए.करने के बाद पी.एच.डी.और एल.एल.बी की डिग्री भी...
View Articleग़ालिब पितरों की तरह याद आते हैं !
आज ग़ालिब जयंती है. इस मौके पर युवा लेखक विमलेन्दु का एक लेख पढ़िए. चित्र में गूगल का डूडल है, जो गूगल ने आज बनाया है- मॉडरेटर ===================================== ग़ालिब पितरों की तरह याद आते हैं....
View Articleमुखर्जी नगर का यूटोपिया, नीलोत्पल मृणाल और ‘डार्क हॉर्स’
नीलोत्पल मृणाल का उपन्यास ‘डार्क हौर्स’ अपने नए कलेवर में हिन्द युग्म-वेस्टलैंड से छपकर आया है. नए सिरे से उसको लेकर पाठकों-अध्येताओं में उत्साह है. एक टिप्पणी इस उपन्यास पर रोहिणी कुमारी की- मॉडरेटर...
View Articleगौतम राजऋषि की कहानी ‘सिमटी वादी : बिखरी कहानी’
समकालीन लेखकों में गौतम राजऋषि एक ऐसे लेखक हैं जो सामान दक्षता के साथ अनेक विधाओं में लिखते हैं- ग़ज़ल, कहानियां, डायरी. ‘पाल ले इक रोग नादाँ’ के इस शायर का कहानी संग्रह आया है राजपाल एंड संज प्रकाशन...
View Article‘देह ही देश ‘स्त्री यातना का लोमहर्षक दस्तावेज़ है
गरिमा श्रीवास्तव की किताब ‘देह ही देश’ पर यह टिप्पणी कवयित्री स्मिता सिन्हा ने लिखी है. यह किताब राजपाल एंड संज से प्रकाशित है- मॉडरेटर ================ कुछ किताबें अप्रत्याशित रुप से आपको उन यात्राओं...
View Articleपंखुरी सिन्हा की कुछ कविताएँ
पंखुरी सिन्हा की कुछ कविताएँ और उनके ऊपर राकेश धर द्विवेदी की टिप्पणी- मॉडरेटर ============================================ पुश्तैनी संपत्ति का हिसाब इतना राजनैतिक हो रहा था मूल्यों के ह्रास पर लिखना...
View Article