‘बेचैन बंदर’के बहाने कुछ बातें विज्ञान, धर्म और दर्शन को लेकर
आम तौर पर विज्ञान को लेकर आम पाठकों के लिए कम किताबें लिखी जाती हैं. लिखी जाती हैं तो आम पाठकों तक उनकी सूचना पहुँच नहीं पाती हैं. फेसबुक पर भी बहुत लोग यह काम कर रहे हैं. ऐसी ही एक किताब ‘बेचैन...
View Articleमशहूर डिज़ाइनर और रंगनिर्देशक बंसी कौल से व्योमेश शुक्ल की बातचीत
आजकल बेस्टसेलर की चर्चा बहुत है. अच्छी बात है लेकिन इस बीच हिंदी में जो बेस्ट हो रहा है हमें उसको भी नहीं भूलना चाहिए. नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए. कोई भी भाषा अपनी विविधता से समृद्ध होती है. आज जाने...
View Articleअनुकृति उपाध्याय की कहानी ‘जानकी और चमगादड़’
अनुकृति उपाध्याय एक प्रतिष्ठित वित्त संस्थान में काम करती हैं. हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखती हैं. यह कहानी बड़ी संवेदनशील लगी. बेहद अच्छी और अलग तरह के विषय पर लिखी गई. आप भी पढ़कर राय...
View Articleलिटरेरी एजेंट और हिंदी का प्रकाशन जगत
सदन झा इतिहासकार हैं. सेंटर फॉर सोशल स्टडीज, सूरत में एसोसियेट प्रोफ़ेसर हैं. उनका यह लेख हिंदी के ‘पब्लिक स्फेयर’ की व्यावहारिकताओं और आदर्शों के द्वंद्व की अच्छी पड़ताल करता है और कुछ जरूरी सवाल भी...
View Articleएक संत के सफल कारोबारी बनने की कहानी
प्रियंका पाठक-नारायण की गॉडमैन टू टायकून: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बाबा रामदेव . इस किताब पर रोक लगाने के लिए केस हुआ. कड़कड़डूमा अदालत द्वारा किताब पर से रोक हटाए जाने के बाद जगरनॉट बुक्स इस किताब को अपने...
View Articleग़ालिब की फ़ारसी कविताओं में बनारस
रजा पुस्तकमाला हिंदी में एक जरूरी हस्तक्षेप की तरह लगता है. कुछ बेस्ट किताबों को प्रकाशित करवाने की दिशा में एक आवश्यक पहल. आज मैं ध्यान दिलाना चाहता हूँ मिर्ज़ा ग़ालिब की बनारस केन्द्रित कविताओं की...
View Articleअलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और असगर वजाहत का उपन्यास ‘कैसी आगी लगाई’
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के बीच असगर वजाहत के उपन्यास ‘कैसी आगी लगाई’ की याद आई. इसका परिवेश एएमयू ही है. राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास का एक अंश, जो संयोग से किसी...
View Articleप्रवीण कुमार और रेणु स्कूल की मिस हीराबाई
‘तीसरी कसम’, हिरामन, हीराबाई पर इतना लिखा जा चुका है कि लगता है अब नया क्या पढना? इसीलिए कोई नया लेख इसके ऊपर देखता हूँ तो पढने का मन ही नहीं करता. लेकिन फिर भी इस विषय पर अच्छा लिखा जा रहा है और कई...
View Articleपत्रकारों की सुरक्षा की चिंता किसे है?
ईयू-एशिया न्यूज़ के नई दिल्ली संपादक पुष्प रंजन जी को पढना बहुत ज्ञानवर्धक होता है. हिंदी अखबारों में ऐसे लेख कम ही पढने को मिलते हैं. पत्रकारों की सुरक्षा का सवाल आज कितने अख़बार और पत्रकार उठा रहे...
View Articleअंग्रेजी कवि संजीब कुमार बैश्य की कविताएँ हिंदी अनुवाद में
संजीब कुमार बैश्य दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज(सांध्य) में अंग्रेजी के प्राध्यापक है. असम के रहने वाले संजीब पूर्वोत्तर कला संस्कृति के गहरे ज्ञाता हैं. हाल में इन्होने कुछ छोटी...
View Articleमिथिला से रवीन्द्रनाथ टैगोर के आत्मीय रिश्ते थे
आज रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती थी. उनके जीवन-लेखन से जुड़े अनेक पहलुओं की चर्चा होती है, उनपर शोध होते रहे हैं. एक अछूते पहलू को लेकर जाने माने गीतकार डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र ने यह लेख लिखा है. बिहार के...
View Articleस्त्री विमर्श की नई बयानी की कहानी ‘लेडिज सर्किल’
हिंदी के स्त्रीवादी लेखन से एक पाठक के रूप में मेरी एक शिकायत है कि अब यह बहुत प्रेडिक्टेबल हो गई हैं. लिफाफा देखते ही मजमून समझ में आने लगता है. ऐसे में गीताश्री की कहानी ‘लेडिज सर्किल’ चौंकाती है....
View Articleमाइक्रोसोफ्ट के सीईओ की किताब ‘हिट रिफ्रेश’का एक अंश
पिछले साल एक ऐसी किताब का अनुवाद किया जिससे बहुत कुछ सीखा. वह किताब है माइक्रोसोफ्ट कंपनी के भारतीय सीईओ सत्य नडेला की ‘हिट रिफ्रेश’. हार्पर कॉलिंस से प्रकाशित यह किताब यह बताती है कि किस प्रकार...
View Articleमुल्क तो बंटा, लोग भी बंट गये। वो एक लोग थे। अब दो लोग हो गये।
गुलजार साहब ने उर्दू में एक उपन्यास लिखा. पहले वह अंग्रेजी में प्रकाशित हुआ ‘टू’ नाम से. कुछ महीने बाद हिंदी में ‘दो लोग’ नाम से प्रकाशित हुआ. उर्दू में अभी तक प्रकाशित हुआ है या नहीं, पता नहीं. इसे...
View Articleसियासत की धुन पर मोहब्बत का फ़साना ‘हसीनाबाद’
गीताश्री के पहले उपन्यास ‘हसीनाबाद’ ने इस साल पाठकों-समीक्षकों-आलोचकों का ध्यान अच्छी तरह खींचा. इस उपन्यास की यह समीक्षा युवा लेखक पंकज कौरव ने लिखी है. इधर उनकी कई समीक्षाओं ने मुझे प्रभावित किया....
View Articleसबसे बड़ा जोखिम है मान लेना कि थोड़ी से हँसी की क़ीमत हैं
आज कुछ कविताएँ अनुकृति उपाध्याय की. अनुकृति एक अंतरराष्ट्रीय वित्त कम्पनी में काम करती हैं. मुंबई-सिंगापुर में रहती हैं. हिंदी में कहानियां और कविताएँ लिखती हैं. इनकी एक कहानी जानकी पुल पर आ चुकी है-...
View Articleअंकिता जैन की कहानी ‘अपनी मोहब्बत’
अंकिता जैन ‘ऐसी वैसी औरत’ किताब की लेखिका हैं. समकालीन परिदृश्य पर बेहद सक्रिय हैं और निरंतर कुछ नया करने में लगी रहती हैं. यह उनकी नई कहानी है- मॉडरेटर ================================= खिड़की में...
View Articleराजकिशोर का लेख ‘मरने की उम्र’
जबसे होश संभाला राजकिशोर जी को पढता रहा. सबसे पहले उस जमाने की सबसे ‘टेस्टी’ पत्रिका ‘रविवार’ में और जैसे जैसे उम्र बढती गई उनको हर कहीं पढता रहा. मुजफ्फरपुर से दिल्ली तक मैंने एक से एक लिक्खाड़ लेखकों...
View Articleकलाकार का मन कवि-मन होता है
जाने-माने शिल्पकार-चित्रकार सीरज सक्सेना हिंदी के अच्छे, संवेदनशील लेखक भी हैं. उनके लेखों का संग्रह ‘आकाश एक ताल है’ वाग्देवी प्रकाशन से प्रकाशित हो रहा है. इसकी भूमिका प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक ओम...
View Articleआपने ‘श्योरली, यू आर जोकिंग मिस्टर फ़ाइनमैन’ पढ़ी है?
यह साल फिजिक्स के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता रिचर्ड फ़िलिप्स फ़ाइनमैन की जन्म शताब्दी का साल है. उनके ऊपर एक रोचक लेख लिखा है जानी मानी लेखिका विजय शर्मा ने- मॉडरेटर...
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