रुस्तम की बारह कविताएँ
रुस्तम जी की कविताओं का स्वर हिंदी की प्रचलित समकालीन कविता से भिन्न है. वे मूलतः दार्शनिक हैं और उनके लिए कविताएँ सोचने, विचार प्रकट करने का ही एक ढंग है. रुस्तम जी की विचार कविताओं में एक तरह की...
View Articleविक्टर श्क्लोव्स्की (1893-1984) के उपन्यास “ज़ू या (अ)प्रेम पत्र” से एक अंश
चारुमति रामदास जी हैदराबाद के रूसी भाषा विभाग से सेवानिवृत्त हुई. रूसी से उन्होंने हिंदी में काफी अनुवाद किये हैं. आज एक रोचक अंश विक्टर श्क्लोव्स्की के उपन्यास से- मॉडरेटर...
View Articleसंजू शब्दिता के सौ शेर
जैसे गर्मी में बारिश से राहत मिलती है वैसी ही राहत दिल कि बेचैनी को शायरी पढने से मिलती है. संजू शब्दिता के शेर आप सब फेसबुक पर पढ़ते रहे हैं. आज उनके सौ शेर एक साथ पढ़िए...
View Article‘गांधी की मेजबानी’पुस्तक से एक अंश
रज़ा पुस्तकमाला श्रृंखला के अंतर्गत राजकमल प्रकाशन से कई नायाब पुस्तकों का प्रकशन हुआ है, दुर्लभ भी. इनमें एक पुस्तक ‘गांधी की मेजबानी’ भी है. मूल रूप से यह पुस्तक अंग्रेजी में मुरिएल लेस्टर ने लिखी...
View Article‘काला’ प्रतिपक्ष का वितान रचती एक सुंदर फिल्म है
‘काला’ फिल्म पर एक अच्छी टिप्पणी लिखी है युवा लेखक मनोज मल्हार ने- मॉडरेटर ================================================== निर्देशक पा. रणजीत एक निर्देशक के रूप में बहुत सारे अन्य निर्देशकों से...
View Articleकुछ-कुछ सीखना और बहुत कुछ न सीख पाना: व्योमेश शुक्ल
कवि व्योमेश शुक्ल ने अपनी रंग-यात्रा पर बहुत अच्छा लिखा है. इससे किसी भी कलाकार की यात्रा, उसकी जद्दोजहद, उसके संघर्ष को समझा जा सकता है. ‘रंग प्रसंग’ से साभार- मॉडरेटर...
View Articleउषाकिरण खान की कहानी ‘बम महादेव’
हिन्दी और मैथिली की प्रख्यात लेखिका उषाकिरण खान बिहार की पहली महिला लेखिका हैं जिन्हें पद्मश्री का सम्मान मिला। वे बिहार के मिथिला क्षेत्र दरभंगा लहेरियासराय से संबंधित हैं। उनकी तकरीबन चालीस किताबें...
View Articleगगन गिल के नए कविता संग्रह से पांच कविताएँ
गगन गिल ने एक दौर में हिंदी कविता को नया मुहावरा दिया. दुःख की नई आवाज पैदा की. ऐसी आवाज जिसमें निजी-सार्वजनिक सब एकमेक हो जाते हैं. यह ख़ुशी का विषय है कि तकरीबन 14 साल बाद उनका नया कविता संग्रह...
View Articleसागर का सम्मोहन: लक्षद्वीप
लक्षद्वीप की सुंदरता विलक्षण और निराली है। मुकुल कुमारी अमलास ने लक्षद्वीप की यात्रा के पूरे अनुभव को बड़ी ख़ूबसूरती से बयान किया है। यह संस्मरणात्मक लेख काफ़ी बारीकी से लक्षद्वीप के इतिहास और समाज के...
View Articleशुभम अग्रवाल की पन्द्रह कविताएँ
युवा कवि शुभम अग्रवाल (उम्र 27 वर्ष) हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखते हैं. उनकी कविताएँ इन दोनों भाषाओं में साहित्यक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं. हिन्दी में उनका पहला कविता संग्रह लगभग...
View Articleवीरेन डंगवाल की सम्पूर्ण कविताएँ: मंगलेश डबराल की भूमिका
वीरेन डंगवाल सच्चे अर्थों में जनकवि थे. उनकी मृत्यु के बाद उनकी सम्पूर्ण कविताओं का संकलन आया है ‘कविता वीरेन’. किताब का प्रकाशन नवारुण प्रकाशन से हुआ है. भूमिका लिखी है जाने माने कवि मंगलेश डबराल ने....
View Articleहम जैसों को अमृतलाल वेगड़ जी कल्पनाओं में ही मिले, और कल्पना में ही दूर हो गए
नर्मदा नदी की यात्रा करके उस पर किताबें लिखने वाले अमृतलाल वेगड़ आज नहीं रहे. उनकी स्मृति में यह श्रद्धांजलि लिखी है नॉर्वे-प्रवासी डॉक्टर लेखक प्रवीण झा ने- मॉडरेटर =================================...
View Articleचारुमति रामदास अनूदित अलेक्सांद्र कूप्रिन के उपन्यास ‘द डुअल’का एक हिस्सा
अलेक्सांद्र कूप्रिन (1870-1938) एक प्रसिद्ध रूसी लेखक थे. यहाँ दिया गया हिस्सा कूप्रिन के सबसे प्रसिद्ध उपन्यास द डुअल से लिया गया है। इस हिस्से को पढ़ते हुए आपको अहसास होगा कि टाल्सटाय ने क्यों...
View Articleगिसेप उंगारेत्ति की कविताएँ: अमृत रंजन का अनुवाद
प्रसिद्ध इतालवी कवि गिसेप उंगारेत्ति की कविताओं का अनुवाद प्रस्तुत है. अनुवाद किया है अमृत रंजन. अमृत रंजन में पहली बार कविताओं का अनुवाद किया है और काफी प्रवाहमयी शैली में किया है- मॉडरेटर...
View Articleदो रंगों के बीच की रेखा, खजुराहो और सीरज सक्सेना का कला-कर्म
सीरज सक्सेना समकालीन चित्र कला, सिरेमिक आर्ट का जाना-पहचाना नाम है. अपने इस संस्मरणात्मक लेख में चित्रकार-लेखक राजेश्वर त्रिवेदी ने सीरज जी के कला-कर्म के आरंभिक प्रभावों को रेखांकित किया है. बेहद...
View Articleसियाह और सफ़ेद से कहीं अधिक है यह ‘सियाहत’
आलोक रंजन केरल में हिंदी पढ़ाते हैं. उनका यात्रा-वृत्तान्त आया है ‘सियाहत’, जिसकी समीक्षा की है श्रीश पाठक ने- मॉडरेटर ============ आज की दुनिया, आज का समाज उतने में ही उठक-बैठक कर रहा जितनी मोहलत उसे...
View Articleपल्लवी प्रसाद के उपन्यास ‘लाल’का अंश
पल्लवी प्रसाद की कहानियां हिंदी की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं. उन्होंने फणीश्वरनाथ रेणु की कहानियों के अंग्रेजी अनुवाद किये हैं. ‘लाल’ उनका दूसरा उपन्यास है और सामाजिक-राजनीतिक...
View Articleअमृत रंजन की कुछ छोटी-छोटी कविताएँ
कविता को अभिव्यक्ति का सबसे सच्चा रूप माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि कवि कविता के माध्यम से अपने दिल की सबसे सच्ची बातों को अभिव्यक्त करता है. अभिव्यक्ति जितनी सच्ची होती है पढने वाले को...
View Articleअमिताभ को एंग्री यंगमैन बनाने वाले प्रकाश मेहरा
13 जुलाई को प्रकाश मेहरा का जन्मदिन था. 70-80 के दशक के स्टार निर्देशक को लगता है लोग भूल गए हैं. नवीन शर्मा का यह लेख उनको याद करते हुए लिखा है. इसी लेख से मुझे पता चला कि वे अच्छे गीतकार थे और ‘तुम...
View Articleहिंदी साहित्य के प्रारंभिक इतिहास : एक तुलनात्मक अध्ययन
योगेश प्रताप शेखर दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय में प्राध्यापक हैं. प्रखर और मुखर वैचारिकता के साथ लिखते हैं. उनका यह लेख ‘तद्भव 37’ में प्रकाशित हुआ है जिसमें उन्होंने हिंदी साहित्य के आरंभिक...
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