‘सूरमा’दलजीत दोसांझ के लिए याद की जायेगी
सूरमा फिल्म पर नवीन शर्मा का लेख- मॉडरेटर =============================== आज भले ही क्रिकेट हमारे देश का सबसे लोकप्रिय खेल बन गया है लेकिन हमारा राष्ट्रीय खेल तो हॉकी ही है। हॉकी में भारत की...
View Articleप्रेम और रूमान के इस गीतकार ने जैसे अन्तस छू दिया हो
कवि-गीतकार नीरज का कल निधन हो गया. जिस तरह से सोशल मीडिया, मीडिया में उनको याद किया जा रहा है उससे लगता है कि वे सच्चे अर्थों में जनकवि थे. समाज के हर तबके में उनके प्रेमी थे. कल वे ट्विटर पर भी ट्रेंड...
View Articleनीरज हिंदी में प्रेम की पीड़ा के सबसे मौलिक कवि थे
नीरज जी को श्रद्धांजलिस्वरूप यह लेख लिखा है युवा कवयित्री उपासना झा ने- मॉडरेटर ===================================================== श्री गोपालदास नीरज हिंदी के सर्वाधिक लोकप्रिय कवियों में एक थे....
View Articleपंकज कौरव और शनि श्रृंखला की आठ कविताएँ
हम ग्रहों-नक्षत्रों के बारे में बात नहीं करते, बल्कि उसकी तरफ उदासीन रहकर अपनी प्रगतिशीलता जताते रहते हैं और यह नहीं देखते कि समाज पर इनका प्रभाव बढ़ता जा रहा है. पिछले दस-बारह सालों में शनि का प्रभाव...
View Articleसैराट नहीं देखी है तो धड़क देखी जा सकती है
‘धड़क‘ फिल्म पर अनु रॉय की टिप्पणी- मॉडरेटर ============================= “जो मेरे दिल को दिल बनाती है तेरे नाम की कोई धड़क है ना.” सच है न. बिना प्रेम के हम क्या हम होते जो आज हैं, नहीं. प्रेम में हम...
View Articleमैं उनका शबाब ले बैठी…
शिव कुमार बटालवी आज होते तो 81 साल के होते. पंजाबी के इस अमर कवि को याद करते हुए युवा लेखिका अणुशक्ति सिंह का लेख- मॉडरेटर =========== माये नी माये मैं एक शिकरा यार बनाया उदे सर दे कलगी, ते उदे पैरी...
View Articleप्लास्टिक-पुस्तकों के प्रकाशन की रोचक कहानी
जैसे-जैसे लोगों की जीवन शैली बदल रही है किताबों के रूप भी बदल रहे हैं. फोन ऐप पर किताबों के साथ एक नया ट्रेंड जापान से शुरू हुआ है नहाते समय पढने के लिए प्लास्टिक के पन्नों पर छपी किताबें. आज ‘दैनिक...
View Articleध्यान का एक प्रकार है हार्टफुलनेस
आजकल आध्यात्म से जुड़ी किताबें खूब छप रही हैं. वेस्टलैंड ने कुछ दिन पहले ही श्री श्री रविशंकर की जीवनी प्रकाशित की थी जिसकी लेखिका उनकी बहन हैं. अब ध्यान पर आधारत एक किताब वेस्टलैंड से ही आई है ‘द...
View Article‘आयाम’पटना के तीसरे वार्षिकोत्सव की रपट
पटना में लेखिकाओं की संस्था ‘आयाम’ का तीसरा वार्षिकोत्सव संपन्न हुआ. उसकी एक बहुत अच्छी रपट भेजी है युवा लेखक सुशील कुमार भारद्वाज ने- मॉडरेटर ================================== आयाम का तीसरा...
View Articleदेश प्रेम और राष्ट्रवाद में मूलभूत अन्तर है: उदयन वाजपेयी
वाणी प्रकाशन की पत्रिका ‘वाक्’ का संपादन सुधीश पचौरी करते हैं. पत्रिका के नए अंक में राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर बहस का आयोजन किया आया है. इसमें सबसे सुचिंतित लेख मुझे कवि-लेखक-सम्पादक उदयन वाजपेयी का...
View Articleअमूल्य शब्द पन्द्रह प्रतिशत सस्ते में मिल रहे हैं
अनुकृति उपाध्याय मुंबई में एक अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थान में काम करती हैं, नई जीवन स्थितियों को लेकर ख़ूबसूरत कहानियां लिखती हैं. सिंगापुर डायरी की यह उनकी तीसरी और आखिरी क़िस्त है. कितनी अजीब बात है...
View Article‘चौपड़ की चुड़ैलें’की कहानियां पंकज कौरव की समीक्षा
पंकज सुबीर के कहानी संग्रह ‘चौपड़े की चुड़ैलें’ की कहानियों की पंकज कौरव ने बड़ी अच्छी समीक्षा की है. कई जरूरी मुद्दे उठाये हैं- मॉडरेटर ======================== वैचारिकी रचनाओं की नींव भर होती है....
View Articleश्रुति गौतम की कविताएँ
अभी हाल में ही ‘दैनिक भास्कर’ ने राजस्थान में युवा लेखकों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया था जिसमें एक लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार श्रुति गौतम की कहानी को मिला. श्रुति अजमेर में कर अधिकारी हैं. उनकी...
View Articleअलेक्सान्द्र पूश्किन की प्रेम कहानी ‘बर्फानी तूफ़ान’
अलेक्सान्द्र पूश्किन को हम एक कवि के रूप में जानते हैं. लेकिन उन्होंने कहानियां भी लिखी. उनकी प्रेम कहानियों का अनुवाद आ. चारुमति रामदास जी किया है, जो पुस्तकाकार प्रकाशित है. उसी पुस्तक से एक कहानी-...
View Articleशशिभूषण द्विवेदी की कहानी ‘अभिशप्त’
शशिभूषण द्विवेदी नई-पुरानी कहानी के सीमांत के कथाकार हैं. नए तरह की जीवन स्थितियों-परिस्थितियों की आहट सबसे पहले जिन कथाकारों में सुनाई पड़ने लगी उनमें शशिभूषण सबस अलग हैं. उनकी कहानी ‘अभिशप्त’ मुझे...
View Articleइतिहास, स्त्री एवं पवन करण का ‘स्त्री शतक’
वरिष्ठ कवि पवन करण की पुस्तक ‘स्त्री शतक’ की एक विस्तृत समीक्षा लिखी है अमित मंडलोई ने- मॉडरेटर ============================================================== पीढिय़ों का इतिहास पन्नों में दफन हो जाता...
View Articleपूर्वग्रहों की परतें उघाड़ता ‘मुल्क’
फिल्म ‘मुल्क’ रिलीज होने के पहले से ही चर्चा में है. इसकी एक अच्छी समीक्षा लिखी है पाण्डेय राकेश ने- ‘मुल्क’ बहुत अच्छी फिल्म है। और हां, यह राजनीतिक यथार्थवादी फिल्म है, पर कोरी बौद्धिक और...
View Articleभोजपुरी कविता संग्रह की हिंदी समीक्षा
जलज कुमार ‘अनुपम’ के भोजपुरी कविता संग्रह पर पीयूष द्विवेदी भारत ने हिंदी में समीक्षा लिखी है- मॉडरेटर ============================================= जलज कुमार ‘अनुपम’ का भोजपुरी कविता संग्रह ‘हमार...
View Articleमाओ के बाद के कम्युनिस्ट चीन की ‘मनोहर’झांकी
करीब 40 साल पहले मनोहर श्याम जोशी तत्कालीन विदेश मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ चीन यात्रा पर गए थे, माओ के बाद का चीन धीरे धीरे खुल रहा था. उन्होंने बहुत बारीकी से चीन के बदलावों को दिखाया है. आज...
View Articleविश्व की पहली ट्रांसजेंडर प्रधानाचार्या मनोबी बंद्योपाध्याय का साक्षात्कार
विश्व की पहली ट्रांसजेंडर प्रधानाचार्या ,बंगाल ट्रांसजेंडर सेल की प्रमुख, ट्रांसजेंडर पर पहला शोध देने वाली , अबोमनोब (शुभुमन) पहली बंगला ट्रांसजेंडर पत्रिका की सम्पादिका, A Gift of goddess Lakshmi की...
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