असग़र वजाहत के कुछ क़िस्से
असग़र वजाहत बड़े किस्सागो हैं। आज वे 75 साल के हो गए। जानकी पुल की तरफ़ से उनको बधाई देते हुए उनके कुछ क़िस्से पढ़ते हैं, जो उनकी पुस्तक ‘भीड़तंत्र’ से लिए गए हैं। यह पुस्तक राजपाल एंड संज से प्रकाशित...
View Articleयुवा लेखक अमित गुप्ता की कहानी ‘अमावस’
कल पूर्णिमा थी। आज युवा लेखक अमित गुप्ता की कहानी अमावस पढ़िए- ================ अमावस की रात थी और मैं काफ़ी देर तक खिड़की की देहरी पर बैठा बारिश देख रहा था, रह-रहकर सामने नीम के पेड़ से उल्लू की बोली...
View Articleअकीरा कुरोसावा की आत्मकथा का एक अंश
महान फिल्मकार अकीरा कुरोसावा ने अपनी आत्मकथा ‘समथिंग लाइक एन ऑटोबायोग्राफी’ में अपने आरंभिक जीवन के बारे में लिखा है, अपने सिनेमाई अनुभवों-विचारों को भी रखा है. उसी के एक छोटे-से अंश का अनुवाद- जानकी...
View Articleपंकज कौरव की कहानी ‘स्वप्नलोक’
पंकज कौरव ऐसे लेखक हैं जो बहुत अलग अलग तरह के विषयों पर साहस के साथ लिखे हैं और अच्छा लिखते हैं। यह कहानी स्वप्न-यथार्थ, लोक-परलोक के ताने बाने से लिखी गई एक बेजोड़ मौलिक कहानी है। पढ़कर बताइएगा-...
View Articleकोरोना की चुनौती एवं अवसर
दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा भूमिका सोनी एक बहुराष्ट्रीय बैंक में काम करती हैं। लॉकडाउन के दौरान कामकाज के अनुभव किस प्रकार के हैं, युवा किस तरह से सोच रहा है इसके ऊपर उन्होंने एक अच्छा लेख...
View Articleपूर्वोत्तर अब पराया नहीं रह गया
उमेश पंत युवा लेखक हैं और इसी साल इनकी यात्रा-पुस्तक आई ‘दूर दुर्गम दुरुस्त‘, जो पूर्वोत्तर यात्रा अनुभवों से उपजी पुस्तक है। हिंदी में पूर्वोत्तर को लेकर कम पुस्तकें लिखी गई हैं यह किताब उस कमी को...
View Articleकविता शुक्रवार 4: प्रयाग शुक्ल की दस कविताएँ
कविता शुक्रवार के इस अंक में प्रयाग शुक्ल की कविताएं और हेमंत राव के चित्र प्रस्तुत हैं। कवि, कथाकार, निबंधकार, कला समीक्षक और अनुवादक प्रयाग शुक्ल का जन्म 1940 में कोलकाता में हुआ था।...
View Articleहिंद पॉकेट बुक्स से प्रकाशित होगी प्रियंवद की भारतीय जनतंत्र पर लिखी किताब
हिंद पॉकेट बुक्स, पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया के हिंदी इम्प्रिंट ने सम्मानित लेखक और कथाकार प्रियंवद की नई किताब प्रकाशित करने का अनुबंध किया है। ‘भारतीय लोकतंत्र का कोरस: कुछ बिसरी बिखरी ध्वनियाँ’ के...
View Articleभोपाल क्यों याद करे काॅमेडियन जगदीप को?
प्रसिद्ध अभिनेता जगदीप के निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए यह लेख लिखा है अजय बोकिल ने। वे ‘सुबह सवेरे’ अख़बार के वरिष्ठ संपादक हैं- ======================== कोई फिल्मी या मंचीय किरदार जब जिंदगी की हकीकत...
View Articleमृणाल पाण्डे की कहानी ‘पिशाचों की पोथी और पंडित की कथा’
प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे आजकल बच्चों को न सुनाने लायक बालकथाएँ लिख रही हैं। यह पाँचवीं कड़ी है। इस बार उन्होंने गुणाढ्य और उनके कथाओं के चिरंतन कोष, बृहत्कथासरित्सागर की बाबत पर जो किंवदंतियाँ...
View Articleकोरोना काल में मध्यवर्गीय खिड़की और बालकनी
सदन झा इतिहासकार हैं, संवेदनशील लेखक हैं। अपने तरह के अनूठे गद्यकार हैं। कोरोना काल के अनुभवों को उन्होंने रचनात्मक तरीक़े से लिखा है- ========================= कोरोना काल में मध्यवर्गीय खिड़की और...
View Articleये चराग़ बे-नज़र है ये सितारा बे-ज़बाँ है!
दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह पुरा नायक की तरह रहे हैं, जितनी उपलब्धियाँ उतने ही क़िस्से। अलीगढ़ के मोहम्मडन एंग्लो ओरियेंटल कॉलेज के लिए भी उन्होंने योगदान किया था और वहाँ उन्होंने एक व्याख्यान भी दिया...
View Articleउन्नीसवीं शताब्दी का आख़िरी दशक, स्त्री शिक्षा और देसी विदेशी का सवाल
युवा शोधकर्ता सुरेश कुमार ने 19 वीं शताब्दी के आख़िरी दशकों तथा बीसवीं शताब्दी के आरम्भिक दशकों के स्त्री साहित्य पर गहरा शोध किया है। हम उनके लेख पढ़ते सराहते रहे हैं। आज उनका लेख 19 वीं शताब्दी के...
View Articleसंजीव पालीवाल के उपन्यास ‘नैना’के बनने की कहानी
संजीव पालीवाल के उपन्यास ‘नैना’ की चर्चा लगातार बढ़ती जा रही है। वेस्टलैंड से प्रकाशित इस उपन्यास के बनने की कहानी पढ़िए- ============ इस उपन्यास का आपके हाथ में होना मेरे लिये एक सपने के पूरा होने के...
View Articleकविता शुक्रवार 5: अरुण देव की नई कविताएँ
‘कविता शुक्रवार’ में इस बार अरुण देव की कविताएं और युवा चित्रकार भारती दीक्षित के रेखांकन हैं। अरुण देव का जन्म सन बहत्तर के फरवरी माह की सोलह तारीख़ को कुशीनगर में हुआ, जो बुद्ध का महापरिनिर्वाण स्थल...
View Articleरचना का समय और रचनाकार का समय
योगेश प्रताप शेखर दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्राध्यापक हैं और हिंदी के कुछ संभावनाशील युवा आलोचकों में हैं। रचना के समय और रचनाकार के समय में अंतर को समझने में यह लेख बहुत सहायक है-...
View Articleएक लडकी को उसके जूते की सही जोड़ी दो और वह आपको दुनिया जीत कर दिखा देगी:...
मर्लिन मुनरो 1950 के दशक की हॉलीवुड की सबसे चर्चित अदाकारा रही हैं. उनका जन्म 1 जून, 1926 को अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत में हुआ. मर्लिन जब पैदा हुईं तो उनकी मां बहुत खराब मनोस्थिति से गुजर रही थी....
View Articleमृणाल पाण्डे की कहानी ‘निर्बुद्धि राजा और देशभक्त चिड़ियों की कथा’
प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे इन दिनों कथा ऋंखला लिख रही हैं- बच्चों को न सुनाने लायक बालकथा। यह उस सीरिज़ की छठी कथा है। जितनी प्राचीन उतनी ही समकालीन। इतिहास अपने आपको दुहराता है या नहीं लेकिन कथाएँ...
View Articleहरि मृदुल की कहानी ‘आलू’
हरि मृदुल संवेदनशील कवि और कथाकार हैं। छपने छपाने से ज़रा दूरी बरतते हैं लेकिन लिखने से नहीं। जीवन के छोटे छोटे अनुभवों को बड़े रूपक में बदलने में दक्ष हैं। बानगी के तौर पर यह कहानी पढ़िए-...
View Articleहिंदी की भूमंडलोत्तर कहानी के बहाने
दिनेश कर्नाटक लेखक हैं, अध्यापक हैं। हिंदी कहानी के सौ वर्ष और भूमंडलोत्तर कहानी पर उनकी एक किताब आई है। उसी किताब से यह लेख पढ़िए- ========================== भूमंडलोत्तर कहानीकारों के हिन्दी कथा...
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