हिमांशु त्यागी की कविता ‘नहीं आज ये बातें नहीं होंगी’
हिमांशु त्यागी को मैं कॉलेज के दिनों से ही एक अच्छे संवेदनशील अभिनेता के रूप में जानता रहा हूँ। उन्होंने जेएनयू से इतिहास में शोध किया है और एक नागरिक के नाते से स्पष्टता से अपने विचार रखते हैं। आज...
View Articleशिक्षा के नज़रिए से फ़िल्म’सुपर थर्टी’का एक विश्लेषण
‘सुपर थर्टी’ फ़िल्म का शिक्षा की दृष्टि से बहुत अच्छा विश्लेषण किया है शिक्षा एवं भाषाशास्त्र के विशेषज्ञ कौशलेंद्र प्रपन्न ने- मॉडरेटर ================================================ संघर्ष व दुख...
View Articleटोनी मॉरिसन और अफ्रो अमेरिकी लेखन
प्रसिद्ध अफ्रो-अमेरिकी लेखिका टोनी मॉरिसन का निधन हो गया। उनके प्रसिद्ध उपन्यास ‘बिलवेड'(beloved) के बहाने उनके लेखन पर यह लम्बा लेख लिखा है अंग्रेज़ी साहित्य की विद्वान विजय शर्मा ने- ===========...
View Articleमनोहर श्याम जोशी: जन्मदिन स्मरण
आज हिंदी में एक ढंग के अकेले लेखक मनोहर श्याम जोशी की जन्मतिथि है। यदि वे आज जीवित होते तो 86 साल के होते। उनको याद करते हुए पढ़ते हैं उनके उपन्यास ‘कौन हूँ मैं’ का एक अंश, जिसके ऊपर अपने जीवन के...
View Articleअंबपाली, बाँसुरी वादक और वीणा वादक
गीताश्री वैशाली की प्राचीन कहानियाँ लिख रही थीं लेकिन इन कहानियों में अंबपाली नहीं आई थी अभी तक। अंबपाली के बिना वैशाली की कोई कहानी हो सकती है क्या भला? ख़ैर, उनकी इस नई कहानी में वैशाली है, अंबपाली...
View Articleराजेंद्र राव के कहानी संग्रह ‘कोयला भई न राख’पर यतीश कुमार के नोट्स
वरिष्ठ कथाकार राजेंद्र राव के कहानी संग्रह ‘कोयला भई न राख’ पर कवि यतीश कुमार के कुछ नोट्स अपने आपमें कहानियों की रीडिंग भी और एक मुकम्मल कविता भी। उनके अपने ही अन्दाज़ में- मॉडरेटर...
View Articleबाल की तलाश
‘प्रेम लहरी’ के लेखक त्रिलोक नाथ पाण्डेय वर्षों गुप्तचर अधिकारी के रूप में कश्मीर में रहे हैं. कोई आधी सदी पूर्व अपनी गुमशुदगी से एशिया के कई देशों में हिंसा भड़का देने वाली हजरतबल के पवित्र बाल की...
View Article‘जापानी सराय’पर मनीषा कुलश्रेष्ठ की टिप्पणी
जब आपकी पहली किताब पर जाने माने लेखक-लेखिकाएँ लिखने लगें तो समझ लीजिए कि आपको बहुत गम्भीरता से लिया जा रहा है, आपको बहुत उम्मीदों से देखा जा रहा है। अनुकृति उपाध्याय के पहले कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’...
View Article‘सोचो अगर हम इंडिया न गए होते, तो इंडिया आज कहाँ होता?’
नॉर्वे प्रवासी डॉक्टर प्रवीण कुमार झा ने ‘कुली लाइंस’ किताब लिखकर इंडियन डायस्पोरा की दास्तान सुनाई। आज स्वाधीनता दिवस के दिन वे परदेस में भारतीय होने का मतलब समझा रहे हैं। उनकी और जानकी पुल की तरफ़...
View Articleफ़िराक़ गोरखपुरी पर मनीषा कुलश्रेष्ठ की टिप्पणी
फ़िराक़ गोरखपुरी के रुबाई संग्रह ‘रूप’ पर यह टिप्पणी जानी मानी लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ ने लिखी है। इस लेख को पढ़ते हुए फ़िराक़ साहब की कई रुबाइयाँ मुझे याद आ गई। जैसे, जादू भरे भरे ये नैना रस के/साजन...
View Article‘विटामिन ज़िंदगी’की समीक्षा यतीश कुमार द्वारा
ललित कुमार की पुस्तक ‘विटामिन ज़िंदगी’ की काव्यात्मक समीक्षा पढ़िए यतीश कुमार के शब्दों में- मॉडरेटर ===================== नहीं रहनेवाली ये मुश्किलें ये हैं अगले मोड़ पे मंज़िलें मेरी बात का तू यकीन...
View Articleपंखुरी सिन्हा की नई कविताएँ
पंखुरी सिन्हा एक अच्छी कथाकार रही हैं। हाल के दिनों में उन्होंने कविताएँ लिखी हैं। हर पत्र पत्रिका में उनकी कविताएँ छपती रही हैं। ये कविताएँ उनके सद्य प्रकाशित कविता संग्रह ‘प्रत्यंचा’ से ली गई हैं-...
View Article‘स्टोरीटेल’पर श्रीकांत वर्मा की कविताओं को सुनते हुए
स्टोरीटेल पर पिछले दो दिनों से श्रीकांत वर्मा की कविताएँ सुन रहा था। 2 घंटे आठ मिनट के इस ऑडियो बुक में राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित श्रीकांत वर्मा की प्रतिनिधि कविताओं का पाठ मेरे दौर के ‘भारतभूषण’ कवि...
View Articleप्राग कभी भी आपको दूर जाने नहीं देता
पूनम दुबे के यात्रा वृत्तांत हमलोग पढ़ते आए हैं। इस बार उन्होंने प्राग शहर पर लिखा है। काफ़्का के शहर प्राग को हम हिंदी वाले निर्मल वर्मा के कारण भी जानते हैं। आइए पढ़ते हैं- मॉडरेटर ============ कुछ...
View Articleधर्म धंधा हैं । कोई शक?
हरिशंकर परसाई के निबंध ‘वैष्णव की फिसलन’ पर युवा लेखिका-प्राध्यापिका राजकुमारी का लेख- प्रस्तुत निबंध परसाई जी के मेरे रुचिकर निबंधो में से एक हैं । आधुनिक युग के व्यंग्य निबंधकारों में परसाई जी का...
View Articleधर्म या धर्मग्रन्थ गलत नहीं होता बल्कि उसकी व्याख्याएं गलत होती हैं
पाकिस्तान के लेखक अकबर आगा के उपन्यास ‘द फ़तवा गर्ल’ पर यह टिप्पणी लिखी है तेज़पुर विश्वविद्यालय, असम की शोध छात्रा प्रीति प्रकाश ने- मॉडरेटर =========================================================...
View Articleअनामिका अनु की कुछ नई कविताएँ
अनामिका अनु ने बहुत कम समय में अपनी कविताओं से अच्छी पहचान बनाई है। आज उनकी कुछ नई कविताएँ- मॉडरेटर ==================== 1.लड़कियाँ जो दुर्ग होती हैं जाति को कूट पीस कर खाती लड़कियों के गले से...
View Articleजो विस्मित नहीं हो सकते, वे अधूरे मनुष्य हैं
‘बनास जन’ पत्रिका के नए अंक में कई रचनाएँ पठनीय हैं। आज पढ़िए वरिष्ठ कवि-लेखक कुमार अम्बुज का गद्य, बनास जन से साभार- मॉडरेटर =============================== संसार के आश्चर्य (जो विस्मित नहीं हो सकते,...
View Article‘कॉलिंग सहमत’ के हिंदी संस्करण का विमोचन
पीछे दिनों राज़ी फ़िल्म की बड़ी चर्चा हुई। यह फ़िल्म कॉलिंग सहमत उपन्यास पर आधारित थी। अब इसका हिंदी संस्करण पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया से प्रकाशित होकर आ गया है। पढ़िए लोकार्पण से जुड़ी ख़बरें-...
View Articleकहानी में प्रेम है, वासना है, अकेलापन है, दोस्ती है, पार्टियाँ हैं, समंदर है
वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया के उपन्यास ‘बेघर’ पर यह टिप्पणी युवा लेखिका अंकिता जैन ने लिखी है- मॉडरेटर ==================================================== पिछले कुछ महीनों से किताबें पढ़ना थोड़ा कम हो...
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