योगिता यादव की कहानी “स्मृति की अधूरी ‘रेखा’”
आज योगिता यादव की कहानी। समकालीन कथाकारों में सुपरिचित नाम योगिता यादव का नया कथा संग्रह भारतीय ज्ञानपीठ से आया है ‘ग़लत पते की चिट्ठियाँ’। उसी संग्रह से यह कहानी- मॉडरेटर ======== स्मृति की अधूरी...
View Articleप्रेम नश्वर को अनश्वर में बदल देता है
‘कादम्बिनी’ का फ़रवरी अंक प्रेम अंक है। इसमें मेरा भी एक लेख प्रकाशित हुआ है। ‘कादम्बिनी’ से साभार पढ़िए- प्रभात रंजन =================== प्रेम: मौन से मुखर तक प्रभात रंजन कथा साहित्य में प्रेम हमेशा...
View Articleकृष्ण बलदेव वैद की कहानी ‘कलिंगसेना और सोमप्रभा की विचित्र मित्रता’
कृष्ण बलदेव वैद की कहानियों का एक अनोखा संकलन है ‘बदचलन बीवियों का द्वीप’, इसमें उन्होंने कथासरित्सागर की कुछ कहानियों का आधुनिक संदर्भों में पुनर्लेखन किया है। उसी संकलन से एक कहानी उनको...
View Articleशहादत खान की कहानी ‘हाउस टैक्स की रसीद’
युवा लेखक शहादत खान समाज पर गहरी नजर रखते हैं और उनकी कई कहानियों में आपको कुछ नया जानने को मिलता है, इस अहसास के साथ कि हम अपने समाज के बारे में कितना कम जानते हैं- मॉडरेटर ================ हाउस...
View Articleकिन्नर धर्मलोक: एक अंतर्यात्रा कृष्णनाथ के साथ
कवि यतीश कुमार ने पुस्तक समीक्षा की अपनी शैली विकसित की है- काव्यात्मक समीक्षा की। इस बार उन्होंने कृष्णनाथ जी की यात्रा पुस्तक ‘किन्नर धर्मलोक’ पढ़कर उसके ऊपर डूबकर लिखा है- मॉडरेटर ===============...
View Articleअनुकृति उपाध्याय की कहानी ‘अमुक शहर का हाथी’
युवा लेखिका अनुकृति उपाध्याय की यह कहानी समकालीन संदर्भों में बहुत अर्थगर्भित है। एक पोलिटिकल कहानी। मूल कहानी अंग्रेज़ी में The Curious Reader पर प्रकाशित हुई थी, जिसका अनुवाद स्वयं लेखिका ने किया...
View Articleनाज़ीवाद एक जन-आंदोलन था
1935 में जर्मन और यहूदी मूल के एक अमेरिकी पत्रकार, ‘मिल्टन मेयर‘ जर्मनी गए थे, हिटलर का साक्षात्कार लेने के मकसद से। “मैं इस राक्षसी शख़्स, इस ‘नाज़ी’ को देखना चाहता था। मैं उससे बात करना चाहता था, और...
View Articleएक ही पृथ्वी पर कितने बनारस
आज सुबह सुबह आलोचक-प्रोफ़ेसर पंकज पराशर का यह लेख पढ़ा। पढ़ते ही साझा करने का ऐसा मन हुआ कि एयरपोर्ट पर बैठे बैठे आज पहली बार फ़ोन से पोस्ट कर रहा हूँ। मैं यात्रा में हूँ, आप इस लेख के साथ परतदार...
View Articleइस वसंत को शरद से मानो गहरा प्रेम हो गया है
1980 में वैद साहब कृष्ण बलदेव वैद को पढ़ा सबने समझा किसने? शायद उन्होंने भी नहीं जो उनको समझने का सबसे अधिक दावा करते रहे। मुझे लगता है सबसे अधिक उनको उस युवा पीढ़ी ने अपने क़रीब पाया जो उनके अस्सी पार...
View Articleप्यार वह फल है जिस पर मासूमियत का छिलका होता है
समकालीन कवियों में सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले कवियों में गीत चतुर्वेदी का नाम निर्विवाद रूप से आता है। रुख़ प्रकाशन से प्रकाशित उनके कविता संग्रह ‘ख़ुशियों के गुप्तचर’ को ख़ूब पसंद किया जा रहा है।...
View Articleहजारों वर्ष बाद भी स्त्रियों की स्थिति में बहुत बदलाव नहीं आया है
आशा प्रभात मेरे गृह नगर सीतामढ़ी में रहती हैं और अपने लेखन से उन्होंने बड़ी पहचान बनाई है। सीता पर उनका उपन्यास ‘जनकनंदिनी’ हो या ‘साहिर समग्र’ का संपादन आशा जी के लेखन-संपादन से हिंदी समाज अच्छी तरह...
View Articleवंदना राग के उपन्यास ‘बिसात पर जुगनू’ का एक अंश
वंदना राग के उपन्यास ‘बिसात पर जुगनू’ को मैंने पूरा पढ़ लिया है तो आपको कम से कम एक अंश पढ़वाने का फ़र्ज़ तो बनता ही है। अगर राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास का अंश पसंद आए तो कल इस उपन्यास पर...
View Articleकनुप्रिया गुप्ता की कहानी ‘स्ट्राबेरी फार्म’
कनुप्रिया गुप्ता अमेरिका के न्यू जर्सी में रहती हैं। छोटी छोटी कहानियाँ लिखती हैं। यह उनकी नई कहानी है- मॉडरेटर =============================================== शाम के धुंधलके का असर था या आस पास चारों...
View Article‘ओस पसीना बारिश फूल’पर एक काव्यात्मक टिप्पणी
युवा कवि मिथिलेश कुमार राय की कविताओं में गाँव का दैनन्दिन जीवन इतनी सहजता से दर्ज होता है पढ़कर आप हैरान रह जाते हैं। उनकी कविता उनके जीवन से गहरे जुड़ी कविता है। उनके कविता संग्रह ‘ओस पसीना बारिश...
View Articleयुवा कवि कुशाग्र अद्वैत की कुछ कविताएँ
नए लड़के जब अच्छा लिखते हैं तो बहुत खुशी होती है। वे भाषा का भविष्य हैं, भाषा की श्रेष्ठ सर्जनशीलता का। कुशाग्र अद्वैत बीए तृतीय वर्ष के छात्र हैं, काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं। ज़रा उनकी...
View Articleअभिषेक रामाशंकर की कहानी ‘लूट’
युवा लेखक अभिषेक रामाशंकर की कविताओं से तो मैं प्रभावित था, आज उनकी यह कहानी भी पढ़ी। आप भी पढ़िए- मॉडरेटर ============================== — लूट— सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था , पुरज़ोर सन्नाटा । दर्जनों...
View Articleअनुकृति उपाध्याय का व्यंग्य ‘मेला देखन मैं गई’
‘जापानी सराय’ की लेखिका अनुकृति उपाध्याय ने इस बार व्यंग्य लिखा है। फागुन में साहित्य महोत्सवों की संस्कृति पर एक फगुआया हुआ व्यंग्य। आप भी पढ़िए- मॉडरेटर ================= मेला देखन मैं गई भूतपूर्व...
View Articleमुक्ति शाहदेव की कुछ कविताएँ
मुक्ति शाहदेव पेशे से अध्यापिका हैं। राँची में रहती हैं। उनका पहला कविता संग्रह प्रकाशित हुआ है ‘आँगन की गोरैया’। कुछ कविताएँ उसी संग्रह से- मॉडरेटर ======================= प्रेयसी वसंत की मैं हूँ...
View Articleप्रमोद द्विवेदी की कहानी ‘वन वे प्रेम कथा’
प्रमोद द्विवेदी पत्रकार हैं और ‘जनसत्ता’ अख़बार में फ़ीचर संपादक रहे हैं। उन्होंने कहानियाँ कम लिखी हैं लेकिन बहुत रसदार कहानियाँ लिखते हैं। भाषा, कहन, विषय सब आपको कहानी के साथ ले जाता है। मसलन यह...
View Articleपॉपुलर बनाम पॉपुलिस्ट: आख्यान की वापसी: चंदन पाण्डेय
कल राजकमल प्रकाशन का 73 वाँ स्थापना दिवस समारोह था। इस अवसर पर भविष्य के स्वर के अंतर्गत अलग अलग पृष्ठभूमियों, अलग अलग विधाओं के सात वक्ताओं को बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था। किसी के वक्तव्य की...
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