कुछ कविताएँ ‘चौंसठ सूत्र सोलह अभिमान’की
युवा कवि अविनाश मिश्र का कविता संग्रह ‘चौंसठ सूत्र सोलह अभिमान’ हिंदी में अपने ढंग का अकेला संग्रह है. यह कामसूत्र से प्रेरित है और प्रेम सिक्त है. हिंदी में इरोटिक कविताएँ लिखी गई हैं लेकिन घोषित रूप...
View Articleजिंदगी अपनी जब इस रंग से गुजरी ‘ग़ालिब’
मौलाना अल्ताफ हुसैन ‘हाली’ की किताब ‘यादगारे ग़ालिब’ को ग़ालिब के जीवन और उनकी कविता पर लिखी गई आरंभिक किताब में शुमार किया जाता है. हाली ने १८५४ से १८६९ तक यानी उनके जीवन के आखिरी दौर तक को बहुत करीब...
View Articleनामवर सिंह एक व्यक्ति नहीं प्रतीक थे
नामवर सिंह के निधन पर श्रद्धांजलि स्वरुप यह लेख नॉर्वे प्रवासी डॉक्टर-लेखक प्रवीण झा ने लिखा है- मॉडरेटर ================ नामवर सिंह जी पर लिखने बैठा तो घिघ्घी बँध गयी। यूँ हज़ार–दो हज़ार शब्द लिख...
View Articleअर्चना जी के व्यक्तित्व में गरिमा और स्वाभिमान का आलोक था
विदुषी लेखिका अर्चना वर्मा का हाल में ही निधन हो गया. उनको याद करते हुए युवा लेखक-पत्रकार आशुतोष भारद्वाज ने यह लिखा है, उनके व्यक्तित्व की गरिमा को गहरे रेखांकित करते हुए- मॉडरेटर =========== कृष्णा...
View Articleमृणाल पांडे की कहानी ‘चूहों से प्यार करने वाली बिल्ली’
वरिष्ठ लेखिका मृणाल पांडे की एक लघु रूपक कथा पढ़िए- मॉडरेटर ======================================= गली की एक दीवार पर भूरे बालों और कंजी आखों वाली मन्नो बिल्ली आज फिर बैठी बैठी पंजे में थूक लगा लगा...
View Articleकासनी पर्वत-रेखाओं पर तने सुनील आकाश
अनुकृति उपाध्याय का कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ अभी हाल में ही आया है राजपाल एंड संज प्रकाशन से, जिसकी कहानियां अपने कथन, परिवेश, भाषा से एक विशिष्ट लोक रचती है. अनुकृति के यात्रा वर्णनों की भी अपनी...
View Articleउषाकिरण खान की कहानी ‘मुझे ले चलो: भूखी हॅूं’
आज वरिष्ठ लेखिका उषाकिरण खान की कहानी. उषाकिरण जी का कथा संसार बहुत विस्तृत है, इतिहास से वर्तमान तक उनकी कलम से कुछ भी नहीं बचा है. वह लोक और शास्त्र दोनों की सिद्धहस्त लेखिका हैं- मॉडरेटर...
View Articleराजकमल प्रकाशन के सत्तर साल और भविष्य की आवाजें
राजकमल प्रकाशन के सत्तरवें साल के आयोजन के आमंत्रण पत्र पर सात युवा चेहरों को एक साथ देखना मुझे हिंदी साहित्यिक हलके की एक बड़ी घटना की तरह लगती है. राजकमल प्रकाशन ने एक तरह से हिंदी के कैनन निर्माण में...
View Articleहिंदी का सबसे बड़ा साहित्यिक प्रकाशन समूह कौन है?
यह पुराने प्रकाशनों के विलयन का दौर है, उनको नया रूप देने के लिए बड़े प्रकाशकों द्वारा अपनाया जा रहा है. कुछ समय पहले पेंगुइन ने हिन्द पॉकेट बुक्स को खरीद लिया था. अब खबर आई है कि राजकमल प्रकाशन समूह...
View Article‘जहाँ नहीं गया’की कविताओं में समकालीनता और भविष्य
कवि अमृत रंजन के कविता संग्रह ‘जहाँ नहीं गया’ की समीक्षा लिखी है सुपरिचित कवयित्री स्मिता सिन्हा ने- मॉडरेटर ============== आसमान के सात रंग मेरी ही करतूत हैं । जी हाँ ! अचम्भित ? यह वही सात दुपट्टे...
View Article‘जापानी सराय’और अनुभव का नया संसार
अनुकृति उपाध्याय के कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ की समीक्षा लिखी है डॉ. संजीव जैन ने. यह कहानी संग्रह ‘राजपाल एंड संज’ से प्रकाशित है- मॉडरेटर ================================= ‘सोचना, पुकारने से कदम भर...
View Articleमुंशी युनुस की कहानी ‘इन्द्रधनुष का आठवां रंग’
बांगला भाषा के युवा लेखक मुंशी युनुस की कहानियों में मिथकों के साथ इन्टरटेक्सुअलिटी है. यह कहानी भी नचिकेता के मिथक के साथ संवाद करती है. कहानी का अनुवाद लेखक के साथ मैंने किया है- मॉडरेटर...
View Articleत्रिपुरारि की कुछ नई ग़ज़लें
आज युवा शायर त्रिपुरारि की कुछ नई ग़ज़लें पढ़िए- मॉडरेटर ================================== ग़ज़ल-1 तिरा ख़याल है या गुनगुना सा पानी है मिरी निगाह में जो अनकहा सा पानी है हमारी सम्त नज़र जब पड़ी तो उसने कहा...
View Articleइरशाद ख़ान ‘सिकन्दर’ की कहानी ‘अधूरा उपन्यास’
बहुत कम शायर होते हैं जो गद्य भी अच्छा लिखते हैं उन्हीं कुछ शायरों में इरशाद खान ‘सिकंदर’ हैं, उनकी यह कहानी ‘हंस’ में आई है. आप भी पढ़िए- मॉडरेटर ===================================== रात के डेढ़ बजे...
View Articleअंकिता आनंद की आठ कविताएँ
अंकिता आनंद का नाम अंग्रेजी पत्र पत्रिकाओं में सुपरिचित है. हिंदी में कविताएँ लिखती हैं. उनकी कविताओं में जो बात सीखने लायक है वह है शब्दों की मितव्ययिता. चुन चुन कर शब्द रखना और भावों को कविता की शक्ल...
View Articleगौतम राजऋषि की कहानी ‘तीन ख्वाब, दो फोन-कॉल्स और एक रुकी हुई घड़ी’
गौतम राजऋषि सदाबहार लेखक हैं, शायर हैं. आज उनकी एक दिलचस्प कहानी पढ़िए- मॉडरेटर ========== सर्दी की ठिठुरती हुई ये रात बेचैन थी| गुमशुदा धूप के लिए व्याकुल धुंध में लिपटे दिन की अकुलाहट को...
View Articleमृणाल पांडे का उपन्यास ‘सहेला रे’माइक्रोहिस्टोरिकल फ़िक्शन है
मृणाल पांडे का उपन्यास ‘सहेला रे’ एक दौर की कला की दास्तानगोई है. महफ़िल गायकी की छवि को दर्ज करने की एक नायाब कोशिश. इस उपन्यास पर नॉर्वेवासी अपने लेखक डॉक्टर प्रवीण झा ने लिखा है. उपन्यास राधाकृष्ण...
View Articleमृणाल पांडे की लम्बी कहानी ‘पार्टीशन’
जानी-मानी लेखिका मृणाल पाण्डे की कहानी ‘पार्टीशन’ पढ़िए. उनके लेखन में गजब की किस्सागोई के साथ-साथ विभाजन का एक विराट रूपक भी. हमेशा की तरह बेहद पठनीय और सोचनीय भी- मॉडरेटर ================= पार्टीशन...
View Articleमार्केज़ का जादू मार्केज़ का यथार्थ
जानकी पुल पर कभी मेरी किसी किताब पर कभी कुछ नहीं शाया हुआ. लेकिन यह अपवाद है. प्रवासी युवा लेखिका पूनम दुबे ने मेरी बरसों पुरानी किताब ‘मार्केज़: जादुई यथार्थ का जादूगर’ पर इतना अच्छा लिखा है साझा करने...
View Articleबचपन में अपने भविष्य के बारे में कुल जमा पचपन सपने देखे थे
आज मनोहर श्याम जोशी की पुण्यतिथि है. 2006 में आज के ही दिन उनका देहांत हो गया था. संयोग से उसी साल उनको साहित्य अकादेमी पुरस्कार भी मिला था. उस अवसर पर उन्होंने जो संक्षिप्त भाषण दिया था वह यहाँ अविकल...
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