आज के समय में मनोहर श्याम जोशी
मनोहर श्याम जोशी की जयंती आने वाली है और कल उनकी स्मृति में व्याख्यानमाला का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर पढ़िए युवा लेखक प्रचण्ड प्रवीर का लेख- =========================ओटीटी और उन पर छायी...
View Articleउस उम्र की कविताएँ जब प्रेम में भावुकता अधिक होती है( दिव्या श्री की कविताएँ)
आज प्रस्तुत है दिव्या श्री की कुछ कविताएँ जिनमें अधिकता प्रेम की है। दिव्या कला संकाय में परास्नातक कर रही हैं।इनकी कविताएँ हंस, वागर्थ, वर्तमान साहित्य, पाखी, कृति बहुमत, समकालीन जनमत, नया पथ,...
View Articleहिन्दी पट्टी में प्रचलित गानों का विश्लेषण
‘रूप तेरा मस्ताना प्यार तेरा दीवाना, चाँदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल, तेरे चेहरे में वो जादू है, आँखों में तेरी अजब–सी अजब–सी अदाएँ हैं’, हिन्दी में प्रचलित ये सारे गाने आपने सुने होंगे। क्या...
View Articleसभी राजनीतक दल अंबेडकर के विचारों के करीबी होने का दावा करते हैं- शशि थरूर
कल यानी 13 अगस्त को दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में शशि थरूर की पुस्तक ‘अंबेडकर: एक जीवन’ का लोकार्पण कार्यक्रम था। इसका अनुवाद प्रसिद्ध लेखक-पत्रकार अमरेश द्विवेदी ने किया है और प्रकाशन वाणी...
View Articleआज़ाद देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी?
अभी बीते वर्ष से भारत सरकार की ओर से यह आदेश जारी हुआ है कि प्रत्येक वर्ष 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका दिवस’ के रूप में मनाया जाए। विश्विद्यालयों में इस आदेश का पालन भी पिछले वर्ष से ही ज़ोर-शोर से...
View Articleवियोगिनी ठाकुर की कविताएँ
वियोगिनी ठाकुर कविता व कहानी दोनों के लिए जानी जाती हैं। आज उनकी 18 कविताएँ प्रकाशित हो रही हैं, जो कि संख्या व विषय दोनों के लिहाज़ से समय की माँग करती कविताएँ हैं, जिनमें मनुष्य प्रेम के साथ-साथ...
View Articleमेरी चेचिस की तारीख 18 अगस्त है
आज गुलज़ार साहब 90 साल के हो गये। उनकी कला यात्रा पर यह लेख लिखा है कवि, प्राध्यापक, लोक संस्कृति के अध्येता पीयूष कुमार ने। आप भी पढ़िए- मॉडरेटर================== ‘वो उम्र कम कर रहा था मेरी, मैं साल...
View Articleआलोक कुमार मिश्रा की कहानी
स्त्री-मन विद्रोह करना चाहता है लेकिन क्या ऐसा हो पाता है ? अगर होता भी है तो किन परिस्थितियों में ? जीवन के किन क्षणों में? इन सवालों का कोई निश्चित जवाब नहीं। आलोक कुमार मिश्रा की कहानी ‘बुआ चली गई’...
View Article‘ईश्वर और बाज़ार’पर अपूर्वा बनर्जी की टिप्पणी
आज पढ़िए कवयित्री जसिंता केरकेट्टा के कविता संग्रह ‘ईश्वर और बाज़ार’ पर अपूर्वा बनर्जी की टिप्पणी। यह संग्रह राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है-=========================कुछ दिनों से पढ़ रही हूं जसिंता...
View Articleसंध्या नवोदिता की कहानी ‘विष खोपरा’
आज पढ़िए संध्या नवोदिता की कहानी ‘विष खोपरा’। एक छोटी सी घटना कितने बड़े संदर्भों से जुड़ सकती है इस कहानी में देखा जा सकता है- मॉडरेटर ======================== पहली बार जब वह अजब-गजब जानवर दिखा तो...
View Articleअरविंद कुमार मिश्र की कविताएँ
आज पढ़िए अरविंद कुमार मिश्र की कविताएँ। वे दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र पढ़ाते हैं और कविताएँ लिखते हैं। जानकी पुल पर उनकी कविताएँ पहली बार प्रकाशित हो रही हैं- मॉडरेटर...
View Articleगुलज़ार को संपूर्णता में सामने लाने वाली किताब
यतीन्द्र मिश्र की किताब ‘गुलज़ार सा’ब: हज़ार राहें मुड़ के देखीं’ पर यह टिप्पणी लिखी है कवि-लेखक यतीश कुमार ने। आप भी पढ़ सकते हैं- मॉडरेटर========================= इक इक याद उठाओ और पलकों से पोंछ...
View Articleस्त्रीवादी दुविधा
यह सवाल बहुत वाजिब है कि क्या स्त्रीवादी होने का मतलब केवल स्त्री हक़ तक ही सीमित है या इसमें सभी मनुष्य शामिल होते हैं। इसके जवाब सबके पास अलग-अलग हो सकते हैं। इसी विषय पर होती दुविधाओं को आज हमारे...
View Articleललन चतुर्वेदी की कविताएँ
ललन चतुर्वेदी की यह कविताएँ स्त्रियों के संघर्ष के विभिन्न पहलुओं की ओर ध्यान ले जाती हैं। आइए, उनकी यह कविताएँ पढ़ते हैं- अनुरंजनी =======================================रोशनी ढोती औरतें * उसने...
View Articleबदलते हिंदुस्तान के ज़मीनी यथार्थ का चेहरा: कर्फ़्यू की रात
आज पढ़िए युवा लेखक शहादत के कहानी संग्रह ‘कर्फ़्यू की रात’ की समीक्षा। लिखा है वैभव शर्मा ने। संग्रह का प्रकाशन लोकभारती प्रकाशन से हुआ है- मॉडरेटर======================= युवा लेखक शहादत की कहानियों...
View Articleमेक्सिको के आदिवासियों का जापटिस्ट आंदोलन, भारत का समकालीन आदिवासी आंदोलन तथा...
आज महेश कुमार का यह शोध अलेख पढिए जिसमें उन्होंने मेक्सिको के आदिवासियों के जापटिस्ट आन्दोलन का भारत के समकालीन आदिवासी आंदोलन और आदिवासी उपन्यासों में समानता की पड़ताल की है और उसका परिणाम क्या हुआ...
View Articleख़राब कविताओं के बहाने
संलग्न कविताएँ इस विचार से प्रेरित हैँ कि हिन्दी कविता का समकालीन युग ख़राब कविता के दौर से गुज़र रहा है। इस सम्बन्ध मेँ एक सुविचारित लेख भी है , जिसे कोई गम्भीरता से नहीँ लेता। किन्तु इसमेँ कुछ...
View Articleगरिमा जोशी पंत की कहानी ‘गुठली’
मनुष्य के मनोविज्ञान पर कब कौन सी बात किस तरह असर करती रहती है इसे समझना बेहद जटिल है। तमाम मानसिक बीमारियों में से एक है ‘ड्यूल पर्सनालिटी’ में जीना। इसी को केंद्र में रख कर गरिमा जोशी पंत ने यह...
View Articleआदित्य रहबर की कविताएँ
आदित्य रहबर की कविताएँ बेहद प्रभावी हैं। आज प्रत्येक व्यक्ति जिसने अपनी सोचने-समझने की शक्ति को बचाई, बनाई रखी हुई है उन सबकी अभिव्यक्ति है यह कविताएँ। आदित्य बिहार के मुज़फ्फरपुर जिले के एक छोटे से...
View Articleयूरी बोत्वींकिन के नाटक ‘अंतिम लीला’ का अंश
आज जानकी पुल की विशेष प्रस्तुति मनीषा कुलश्रेष्ठ द्वारा- ============================== यूरी बोत्वींकिन मेरे फ़ेसबुक मित्र काफी समय से रहे हैं, मगर वैयक्तिक परिचय वातायन के एक लाइव के दौरान हुआ।...
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