बलात्कार, कुछ दिन का शोर और फिर चुप्पी ही चुप्पी
इस समाज में स्त्री कहाँ सुरक्षित है? घर, बाहर, शिक्षण संस्थान या कोई भी संस्थान, पुलिस स्टेशन, जिसका काम ही है सुरक्षा देना या कहीं भी और? पिछले दिनों कलकत्ता में जो हुआ उससे यह ध्यान आया वाजिब है कि...
View Articleजिसे मिला तो सब कुछ मगर देर से
मुक्तिबोध के निधन और उनके अंतिम संस्कार पर यह दुर्लभ रपट लिखी है मनोहर श्याम जोशी ने, जो शायद ‘दिनमान’ में प्रकाशित हुई थी। हमें वरिष्ठ कवि राजेंद्र उपाध्याय के सौजन्य से प्राप्त हुई है। मुक्तिबोध की...
View Articleहरे प्रकाश उपाध्याय की नई कविताएँ
‘खिलाड़ी दोस्त’ के कवि हरे प्रकाश उपाध्याय आजकल कविताओं की नई शैली में लौटे हैं। पढ़िए उनकी कुछ नई कविताएँ- मॉडरेटर ======================== 1 नाम मतवाला दो गाय एक भैंस चार बकरी नाम मतवाला जादो जी के...
View Articleप्रचण्ड प्रवीर की कहानी ‘एक था बुल और एक थी बुलबुल’
आज पढ़िए युवा लेखक प्रचण्ड प्रवीर की कहानी। प्रचण्ड अपने प्रयोगों के लिये जाने जाते हैं और अक्सर विधाओं में तोड़फोड़ करते रहते हैं। उनकी यह कहानी व्यङ्ग्य सम्राट हरिशङ्कर परसाई की कहानी मौलाना का लड़का...
View Articleशापित है स्वर्णः प्रयोगों के धरातल पर लिखा गया पहला मानवशास्त्रीय हिंदी उपन्यास
वीरेंद्र प्रताप यादव के उपन्यास ‘नीला कॉर्नफ्लावर’ की समीक्षा लिखी है डॉ. अपर्णा दीक्षित ने। आधार प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास की समीक्षा आप भी पढ़ सकते हैं- ==================== साहित्यिक...
View Articleवार्षिक इंडिया हैबिटेट सेंटर थिएटर फेस्टिवल
रंगमंच प्रेमियों द्वारा बेसब्री से इंतजार किए जा रहे वार्षिक इंडिया हैबिटेट सेंटर थिएटर फेस्टिवल देश भर से अद्भुत प्रस्तुतियों के साथ वापस आ गया है। यह फेस्टिवल उत्कृष्ट नाटकों के चयनित संग्रह के साथ...
View Articleसंभावनाओं के बीज बाँटता कवि – लाल्टू
वरिष्ठ कवि लाल्टू के कविता संग्रह ‘दिन भर क्या किया’ पर यह टिप्पणी लिखी है प्रवीण प्रणव ने। प्रवीण माइक्रोसॉफ़्ट के प्रोग्राम मैनेजमेंट के निदेशक हैं और पुष्पक साहित्यिकी के संपादक हैं। लाल्टू के...
View Articleविष्णु खरे का सर्टिफिकेट
आज विद्वान कवि विष्णु खरे को याद करने का दिन है। उनको अपनी ही शैली में गल्पमिश्रित स्मरण लेख में याद कर रहे हैं युवा लेखक प्रचण्ड प्रवीर। याद रहे कि विष्णु खरे ने प्रचण्ड प्रवीर की किताबों ‘अभिनव...
View Articleआलोचना की विश्वसनीयता हमारे समय की एक बड़ी चुनौती है
आज पढ़िए गरिमा श्रीवास्तव से संजय श्रीवास्तव की बातचीत। गरिमा श्रीवास्तव जानी-मानी आलोचक, लेखक और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर हैं। आप बातचीत पढ़िए- मॉडरेटर...
View Articleशंकरानंद की कविताएँ
आज शंकरानंद की कुछ कविताएँ प्रस्तुत हैं – ============================================================== १.भागने वाले लोग दुनिया में सबसे ज्यादा खतरा ऐसे ही लोगों से है जिनके बारे में कुछ कहा नहीं जा...
View Articleअमीर ख़ुसरो: इतिहासकार के रूप में
लगभग पाँच दशक के बाद डॉ मलिक मोहम्मद द्वारा संपादित पुस्तक ‘अमीर ख़ुसरो: भावनात्मक एकता के अग्रदूत’ पुस्तक का प्रकाशन हुआ है। राजपाल एंड संज प्रकाशन से प्रकाशित इस पुस्तक से एक लेख पढ़िए ‘अमीर ख़ुसरो:...
View Articleललद्यद के चयनित वाख
मध्यकालीन साहित्य के विद्वान माधव हाड़ा के संपादन में ‘कालजयी कवि और उनका काव्य’ सीरिज़ में अनेक पुस्तकें आई हैं। हाल में ही इस सीरिज़ में कश्मीर की मध्यकालीन कवयित्री ललद्यद के ऊपर उनकी किताब आई है...
View Article‘माया: द सेंस ऑफ वेल्थ’ इवेंट का सफल आयोजन
विषय: ‘माया: द सेंस ऑफ वेल्थ’ इवेंट का सफल आयोजन नई दिल्ली, 23 सितंबर 2024: WICCI दिल्ली YCEC की अध्यक्ष अकार्षिका शर्मा, LXME की सीईओ प्रीति राठी गुप्ता, और अनन्या फाउंडेशन की सीईओ डॉ. अर्चना सिंह की...
View Articleपेरिस: लौट आने के बाद की प्यास
आज पढ़िए युवा कवि देवेश पथ सारिया को। उन्होंने पेरिस यात्रा पर लिखा है- मॉडरेटर =============================== किसी शहर की कई परिभाषाएँ हो सकती हैं। जब शहर पेरिस हो तो उनकी संख्या सतही तौर पर ही बहुत...
View Articleचिल्लर- ‘जेण्डर विमर्श’ सिर्फ़ स्त्री विमर्श नहीं है
हम आज भी स्त्री-पुरुष समानता की बात तो करते हैं लेकिन जैसे यह भूल चुके हैं कि इसके अलावा और भी ‘जेंडर’ हैं, वह हमारे ध्यान में ही नहीं होता। यह हमारी कल्पना से परे है कि बतौर ‘थर्ड जेंडर’ यह दुनिया...
View Article‘एक कंठ विषपायी’वाले दुष्यंत कुमार
आज हिन्दी शायरी को बड़ा मुक़ाम देने वाले दुष्यंत कुमार की जयंती है। दुष्यंत कुमार ने ग़ज़लों के अलावा गद्य और पद्य में खूब लिखा और बेहतर लिखा। आज उनके काव्य-नाटक ‘एक कंठ विषपायी’ पर आज लिखा है वरिष्ठ...
View Articleवो तो मशालों को तेज जलना सिखाती है!
आज पढ़िए प्रचण्ड प्रवीर की यह पोस्ट- =================== कल की बात – २५९ कल की बात है। जैसे ही मैँने रेस्तराँ मेँ कदम रखा, रिसेप्शन पर खड़े कर्मचारी ने मुझे टोका, “सर क्या आपकी कोई बुकिङ् है?” मैँने...
View Articleऋचा की आठ कविताएँ
पेशे से फ्रेंच अध्यापक ऋचा बंगलौर में रहती हैं, लेखन के जरिये अपने को हासिल करना चाहती हैं. यह कहीं भी प्रकाशित होने वाली पहली रचनाएँ हैं- मॉडरेटर ======================= एक सुनो इस तरह जैसे सुनी जाती...
View Articleएक रोमन सम्राट जो दार्शनिक के रूप में याद किया जाता है!
मार्कस ऑरेलियस की प्रसिद्ध किताब मेडिटेशंस का हिन्दी अनुवाद आया है पेंगुइन स्वदेश से। पहली शताब्दी में वे रोम के सम्राट बने। सम्राट बनने के बाद उन्होंने प्लेग-महामारी से लोगों को मरते देखा, युद्ध में...
View Articleमहात्मा गांधी के बारह दूत
महात्मा गांधी की जयंती पर रामचंद्र गुहा का यह आलेख पढ़िए। अनुवाद मैंने किया है और यह आलेख 2019 में ‘हंस’ में प्रकाशित हो चुका है। आप भी पढ़ सकते हैं- प्रभात रंजन ==================== कई साल पहले जब मैं...
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