देवदत्त पट्टनायक का ‘गरुड़ पुराण’
हाल में ही प्रसिद्ध लेखक देवदत्त पट्टनायक की पुस्तक ‘गरुड़ पुराण’ का हिन्दी अनुवाद आया है। मृत्यु, पुनर्जन्म और अमरत्व की अवधारणाओं को समझने के लिए उनके इस भाष्य को पढ़ा जाना चाहिए। राजपाल एंड संज से...
View Article‘सवाल’ आज का सबसे जरूरी शब्द है : गोपालकृष्ण गांधी
04 अक्टूबर, 2024 (शुक्रवार) नई दिल्ली. हम आजकल इतनी जल्दी में है कि तुरन्त सबकुछ हासिल कर लेना चाहते हैं। इस जल्दबाजी में हम अपने मूल्यों और नैतिकता को भुला रहे हैं। हमारी सभ्यता की हजारों वर्षों की...
View Articleप्रमोद द्विवेदी की कहानी ‘जफर भाई उर्फ जैकी यादव’
आप लोगों से पूछा था कि क्या आप अनुकृति उपाध्याय की नई कहानी पढ़ना चाहेंगे? क़ायदे से आज उनकी कहानी पढ़वानी चाहिये थे। लेकिन आज पढ़िए प्रमोद द्विवेदी की यह कहानी। मेरा मित्र शशिभूषण द्विवेदी कहता था कि...
View Articleविमल कुमार की कुछ नई कविताएँ
हिंदी के वरिष्ठ कवि विमल कुमार ने देश की भूली बिसरी तवायफों पर पिछले दिनों कई कविताएं लिखी हैं।उनकी इनमें से कुछ चुनिंदा कविताओं की पुस्तक “तवायफनामा” आ रही है।।शायद ही किसी ने इतनी संख्या में तवायफ...
View Articleयूनिस डिसूज़ा की पाँच अनूदित कविताएँ
आज पढ़िए अंग्रेज़ी भाषा की कवयित्री यूनिस डिसूज़ा की कविताएँ जिनका अनुवाद किया है जाने-माने युवा लेखक किंशुक गुप्ता ने। पढ़िए पाँच कविताएँ- मॉडरेटर =========================== 1 स्त्रियों के लिए सलाह...
View Articleअनुकृति उपाध्याय की कहानी ‘प्रेम के रंग अनेक’
आज पढ़िए एक लंबी कहानी। अनुकृति उपाध्याय की यह कहानी रहस्य-रोमांच से भरपूर लेकिन एक गंभीर कहानी है। अनुकृति हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में अपनी अलग तरह के कहन और शैली के लिये जानी जाती हैं। आप...
View Articleपात्र से एकालाप: रचना से गहरे जुड़ाव का द्योतक
यह किसी भी रचना की महत्ता होती है कि वह पाठक को कितने समय तक और किस तरह से अपने से बाँधे रखती है।इसके साथ कई बार यह जुड़ाव किसी पात्र से भी हो सकता है। जुड़ाव ऐसा जिससे आप संवाद करना चाहें। इसमें अलग...
View Articleजब रतन टाटा ने बनाई भारत की अपनी कार
रतन टाटा के निधन की खबर सुनकर मुझे हरीश भट की किताब ‘टाटा स्टोरीज़’ का ध्यान आया। यह किताब हिंदी में भी अनूदित है और पेंगुइन स्वदेश से प्रकाशित इस किताब का अनुवाद किया है डॉ संजीव मिश्र ने। आइये इस...
View Articleहान काँग, वेजेटेरियन और अनुवाद को लेकर कुछ बातें
कोरियन भाषा की लेखिका हान कांग को साहित्य के नोबेल पुरस्कार दिये जाने की घोषणा हुई है। हान काँग को उनके उपन्यास ‘द वेजेटेरियन’ को प्रतिष्ठित मैन बुकर प्राइज मिला मिल चुका है। उसी उपन्यास और अनुवाद को...
View Articleहान कांग को नोबेल और उनके लेखक पिता की प्रतिक्रिया
यह बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि हान कांग के पिता हान संग-वन भी कोरियाई भाषा के प्रसिद्ध लेखक हैं। पुत्री को नोबेल मिलने पर कोरियाई मीडिया में उनके पिता की जो प्रतिक्रिया आई है उसको मूल कोरियाई भाषा...
View Articleहर युग में रावण और राम आते रहेंगे!
आज दशहरा है। आप सभी इसकी शुभकामनाएँ। आज पढ़िए राम-रावण युद्ध पर संजय गौतम का यह व्यंग्य लेख। संजय गौतम दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं और मूलतः व्यंग्यकार हैं। आप उनका यह लेख पढ़िए- मॉडरेटर...
View Articleसाहित्य का सबसे बड़ा मूल्य मार्मिकता है- किम जू हे
लगता है यह समय कोरियाई साहित्य की विश्वव्यापी प्रतिष्ठा का साल है। 10 अक्तूबर 2024 को हान को साहित्य का नोबेल मिलने की घोषणा वाले दिन ही यानी 10 अक्तूबर को ही कोरियाई अमेरिकी लेखिका किम जू हे को उनके...
View Articleइरशाद ख़ान सिकंदर की कहानी ‘अनासिर में ज़हूरे-तरतीब’
इरशाद ख़ान सिकन्दर शायर हैं, आजकल उनके नाटकों की धूम मची हुई है। वे बहुत अच्छे क़िस्सागो भी हैं। यक़ीन न हो तो यह कहानी पढ़िए- मॉडरेटर =============================== नेटवर्क की समस्या के कारण बात...
View Articleरंजिता सिंह ‘फ़लक’ की प्रेम कविताएँ
आज रंजिता सिंह ‘फ़लक’ की कुछ प्रेम कविताएँ प्रस्तुत हैं, जिनसे हमारा परिचय करा रहे युवा कवि आशुतोष प्रसिद्ध। यह देखना सुखद है कि स्त्री की प्रेम कविता पर एक पुरुष इतना सहज और सुलझी हुई टिप्पणी दे रहा...
View Articleसोमेश मल्होत्रा की ‘गौरव’ गाथा
कल की बात है। जैसे ही मैँने महफिल मेँ कदम रखा, गौरव त्यागी मिल गए। गौरव त्यागी का बहुत गौरवशाली अतीत है। पिछली कम्पनी मेँ भी हमारे साथ थे, इस कम्पनी मेँ भी हमारे साथ हैँ। एक सहकर्मी के जन्मदिन की...
View Articleअसत्य घटनाओं पर आधारित सत्य
शाङ्कर वेदान्ती दार्शनिकों का मानना है कि सारा संसार ही मिथ्या है। साथ में वे यह भी कहते हैं कि इसी असत्य के सहारे ही सत्य तक पहुँचा जा सकता है। कुछ असत्य घटनाओं पर आधारित रिपोर्ट उसी सत्य की खोज में...
View Articleअनुपमा शर्मा की कविताएँ
पेशे से कॉरपोरेट मजदूर, अनुपमा शर्मा एक अलग पहचान की तलाश में हैं। इस तलाश के सफर में अपने विचारों को कविता रूप में ढाल कर उनकी अभिव्यक्ति करने की चेष्टा करती हैं। दिल्ली निवासी अनुपमा का यह कहीं भी...
View Articleपंकज सुबीर की कहानी ‘वीरबहूटियाँ चली गयीं’
मेरे भीतर के पाठक को कथा से पहले वातावरण जानना होता है कि कथा के पात्र आखिर विचरते कहां हैं, क्योंकि वातावरण उन्हें बनाता है। ग्रामीण हैं तो जीवन धीमी गति और सहनशील धैर्य के साथ चलेगा और आप अपनी नब्ज़...
View Articleसंपादन के अनुभव संपादक की ज़ुबानी
जानकी पुल की युवा संपादक अनुरंजनी ने संपादन के अपने अनुभवों को साझा किया है। पढ़िएगा कितनी ईमानदारी से लिखा है उसने- मॉडरेटर =============================== ‘संपादक’, यह एक बड़ी ज़िम्मेदारी का काम...
View Articleट्विंकल तोमर सिंह की कहानी ‘दो दीवाने शहर में’
विवाह संस्था की नींव स्त्री-पुरुष पर टिकी रहती है, यह तो सामान्य सी बात है लेकिन प्रत्येक स्त्री-पुरुष की स्थिति एक-दूसरे से भिन्न ही होती है। कुछ बातें ऐसी भी हैं जहाँ प्रत्येक ‘जोड़ी’ समान भौतिक...
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