विद्यानिवास मिश्र के भारत पर हितेन्द्र पटेल
प्रसिद्ध विद्वान विद्यानिवास मिश्र ने 1998 में एक किताब लिखी थी- ‘सपने कहाँ गए’। यह किताब एक तरह से आज़ादी के पचास वर्षों का लेखा-जोखा है, उन सपनों का जिनको आज़ादी के दिनों में देखा गया था। किस तरह...
View Articleभइया का ‘सादी’
साहित्य का जीवन में समावेश सांस्कृतिक मूल्य है। इसमें गीत-कविता बहुधा आते हैं। यह पुस्तक अंश नौ साल पुरानी घटना है, जो कि एक विवाह का सच्चा निमंत्रण पत्र है। पाठकों के लिए ‘प्रचण्ड प्रवीर’ का विशेष –...
View Articleसंजीव पालीवाल से प्रभात रंजन की बातचीत
आज प्रस्तुत है ‘मुंबई नाइट्स’ के लेखक संजीव पालीवाल से बातचीत। संजीव जी से बातचीत करने में बहुत आनंद इसलिए भी आता है क्योंकि वे क्राइम फ़िक्शन विधा के न केवल अच्छे लेखक हैं बल्कि इस विधा के साहित्य के...
View Articleमनप्रीत कौर मखीजा की की सात कविताएँ
आज मनप्रीत कौर मखीजा की सात कविताएँ। मनप्रीत गांधीनगर की रहने वाली हैं। कविताओं के साथ-साथ कहानियाँ भी लिखती हैं जिनका प्रकाशन विभिन्न कहानी संग्रहों में हो चुका है। उनकी इन कविताओं में व्यवस्था से आम...
View Articleदक्षिण कोरिया के कवि को उन की कविताएँ
आज पढ़िए दक्षिण कोरिया के कवि को उन की कविताएँ। को उन कोरिया के प्रमुख कवि और राजनीतिक कार्यकर्ता रहे हैं। दक्षिण कोरिया में लोकतंत्र के आंदोलन में अपनी भूमिका के लिए उनको याद किया जाता है। उनकी...
View Articleउत्सव’ तभी मनाये जाते हैं, जब अंधकार गहरा होता है!
दिवाली महा-उत्सव है। भारत की उत्सवधर्मिता पर महान लेखक उदय प्रकाश ने यह लेख लिखा है। कल उनका यह प्रकाशित लेख जब मैंने पढ़ा तो आदरपूर्वक उसने जानकी पुल के लिये उस लेख की माँग की और उदय जी ने हमारे...
View Articleसाहित्यिक साक्षात्कार को ले कर कुछ विचार
जानकी पुल के सलाहकार संपादक प्रचण्ड प्रवीर ने साहित्यिक साक्षात्कार को लेकर अपने विचार रखे हैं और कुछ सुझाव भी। आप लोग भी पढ़िए और उनके सुझावों पर अपनी प्रक्रिया दें- जानकी पुल ================== पिछले...
View Articleमनीषा कुलश्रेष्ठ की कहानी ‘नीला घर’
साल 2024 में प्रकाशित कथा-संग्रहों में जो संग्रह मुझे बहुत पसंद आये उनमें मनीषा कुलश्रेष्ठ का कथा-संग्रह ‘वन्या’ भी है। राजपाल एंड संज से प्रकाशित इस कहानी संग्रह में पर्यावरण प्रेमी की कहानियाँ हैं।...
View Articleकोयल बिन बगिया ना सोहे राजा
शारदा सिन्हा को याद करते हुए यह परिचयात्मक लेख लिखा है पीयूष प्रिय ने – अनुरंजनी ================================== ‘कोयल बिन बगिया ना सोहे राजा’ एक आवाज जो आप चाहे साल भर में ना सुने मगर दो महीने, चैत...
View Articleउर्दू शायरी में तख़ल्लसु क्या होता है?
हाल में ही एक किताब आई है ‘उर्दू शायरी समझें और सराहें’। किताब के लेखक हैं बाल कृष्ण और प्रकाशक हैं राजपाल एंड संज। आज इसी किताब के दो अंश पढ़िए जो शायरों के तख़ल्लुस तथा उर्दू के दीवान यानी कविता...
View Articleमनोज रुपड़ा के उपन्यास ‘काले अध्याय’पर यतीश कुमार
मनोज रुपड़ा हमारे दौर के बड़े विजन वाले लेखक हैं। उनके उपन्यास ‘काले अध्याय’ के बारे में हाल में वरिष्ठ लेखक धीरेंद्र अस्थाना ने लिखा था कि भारतीय ज्ञानपीठ से उपन्यास के तीन संस्करण आ गया लेकिन इसकी...
View Articleमस्ट रीड है ‘देह ही देश’
गरिमा श्रीवास्तव ने बहुत लिखा है। बहुत महत्वपूर्ण अकादमिक लेखन किया है। लेकिन उनकी किताब ‘देह ही देश’ का अलग ही मुक़ाम है। कह सकते हैं कि इस किताब से उनको अकादमिक जगत के बाहर व्यापक पहचान मिली। पहले इस...
View Articleयतीन्द्र मिश्र की ग्यारह नई कविताएँ
बतौर पाठक यतीन्द्र मिश्र से मेरा पहला परिचय उनकी कविताओं के माध्यम से ही हुआ था। साल था 1999. इससे याद आया कि उनकी कविताएँ पचीस सालों से पढ़ रहा हूँ। लेकिन इस बार उनका संग्रह तेरह साल के अंतराल के बाद...
View Articleअंबर पांडेय की कहानी ‘प्रेत सरित्सागर’
अंबर पांडेय की ‘प्रेत सरित्सागर‘ कई स्तरों पर चलने वाली कहानी है। बिलावल, 42 वर्षीय अकेला युवक, जिसके जीवन में ‘स्त्री’ का आगमन हुआ ही नहीं, और जो परिवार जन थे वे भी एक-एक कर गुजरते गए। वहीं एक पात्र...
View Articleरुचि बहुगुणा उनियाल की कविताएँ
आज प्रस्तुत है रुचि बहुगुणा उनियाल की कविताएँ जिनमें विषय की विभिन्नता तो है लेकिन एक बिंदु सबमें समान रूप से शामिल है, वह है कोमलता। चाहे वे प्रेम की कविता हो, मनुष्य बने रहने के निवेदन की कविता हो,...
View Articleकथाकार दिव्या विजय की कुछ कविताएँ
आज प्रथम जानकी पुल शशिभूषण द्विवेदी स्मृति सम्मान से सम्मानित लेखिका दिव्या विजय का जन्मदिन है। जानकी पुल की ओर से उनको शुभकामनाओं के साथ पढ़िए उनकी कुछ कविताएँ- =======================================...
View Articleदौलत कुमार राय की कहानी ‘आहुति’
‘आहुति’, दौलत कुमार राय की यह कहानी अयोध्या के ‘राम मंदिर’ निर्माण पर आधारित है। दौलत राजनीति विज्ञान के विद्यार्थी हैं, उन्होंने इसी वर्ष उक्त विषय से स्नातकोत्तर किया है। उनकी कहानी के प्रकाशन का...
View Articleनन्द चतुर्वेदी रचनावली पर प्रणव प्रियदर्शी की टिप्पणी
हाल में ही राजकमल प्रकाशन से नन्द चतुर्वेदी की रचनावली प्रकाशित हुई है। चार खंडों में प्रकाशित इस रचनावली का संपादन किया है पल्लव ने। रचनावली पर यह टिप्पणी लिखी है प्रणव प्रियदर्शी ने-...
View Articleदीपा मिश्रा की कविताएँ
दीपा मिश्रा की कविताएँ उन स्त्रियों का प्रतिनिधित्व करती हैं जिनके मन में कई ऐसे सवाल हैं जिनका उत्तर वह इस समाज से चाहती हैं लेकिन वे उत्तर भी उन्हें नहीं मिलते हैं। साथ ही उनकी कविताएँ में यह...
View Articleहरि भटनागर की कहानी ‘अग्नि परीक्षा’
लंबी कहानी की कड़ी में आज प्रस्तुत है हरि भटनागर की कहानी ‘अग्नि परीक्षा’। यह कहानी साहित्यिक जगत के ‘खेल’ के ज़रिए बहुत कुछ कहती है जिसमें से एक है सत्य की चुनौतियों की ओर ध्यान दिलाना। हमारे सामने...
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