उर्दू का मैं पहला शायर हूँ जिसकी किताब के अपनी ही जिंदगी में इतने एडिशन छपे
आज साहिर लुधियानवी का जन्मदिन है. उनका नाम याद आते ही मोहब्बत और मोहब्बत के अफ़साने याद आने लगते हैं. लेकिन उनसे उनके कई समकालीन बेहद जलते भी थे. तरक्कीपसंद लेखक हंसराज रहबर ने अपनी आत्मकथा ‘मेरे सात...
View Articleयुवा शायर विजय शर्मा की कहानी ‘लिविंग थिंग’
आज पेश है युवा शायर विजय शर्मा की कहानी लिविंग थिंग – त्रिपुरारि ==================================================== छुट्टियों वाले दिन नींद अक्सर जल्द खुल जाया करती है..यदि छुट्टी सोमवार की हो, तो...
View Articleपागल बनाने वाला उपन्यास है ‘पागलखाना’
राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित ज्ञान चतुर्वेदी के उपन्यास ‘पागलखाना’ पर यशवंत कोठारी की टिप्पणी- मॉडरेटर ================================================================= राजकमल प्रकाशन ने ज्ञान...
View Articleबेगानों को अपना बनाने वाली किताब ‘न बैरी न कोई बेगाना’
‘न बैरी न कोई बेगाना’– 390 पेज की यह किताब आत्मकथा है जासूसी उपन्यास धारा के सबसे प्रसिद्ध समकालीन लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक की आत्मकथा का नाम है. इसको पढ़ते हुए दुनिया के महानतम नहीं तो महान लेखकों में...
View Articleकिसान आंदोलनों के पीछे षड़यंत्र नहीं किसानों के दर्द को समझिये!
देश में किसानों के संघर्ष बढ़ रहे हैं. हम उसको समझने के स्थान पर या तो उनके मध्यवर्गीय समाधान सुझा रहे हैं या उसके पीछे किसी बड़े राजनीतिक षड़यंत्र को देख रहे हैं. कुमारी रोहिणी का यह लेख ऐसे ही कुछ...
View Articleअपने लिए खुद का एक कमरा चाहती है स्त्री
वरिष्ठ लेखिका विजय शर्मा की पुस्तक ‘विश्व सिनेमा में स्त्री’ के लोकार्पण समारोह की रपट- मॉडरेटर =================================================== लौह नगरी जमशेदपुर में 25 फरवरी की वासंती सुबह होटल...
View Articleतुम्हारी देह जिस आत्मा का घर थी उसे विदा कर दिया है
केदारनाथ सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए यह लेख अंजलि देशपांडे ने लिखा है. अंजलि जी ने हाल में ही जगरनॉट ऐप पर एक जबरदस्त सामाजिक थ्रिलर ‘एक सपने की कीमत’ लिखा है. इससे पहले राजकमल प्रकाशन से इनका उपन्यास...
View Articleउस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ हमारे संगीत की रूह और आत्मा में बसे हुए हैं
कल उस्ताद बिस्मिल्ला खान की जयंती थी. उस्ताद बिस्मिल्ला खान दशकों तक शहनाई के पर्याय की तरह रहे. उनके ऊपर बहुत अच्छी किताब यतीन्द्र मिश्र ने लिखी है ‘सुर की बारादरी’. आज खान साहब पर यतीन्द्र मिश्र की...
View Articleमूर्ति का तराशा हुआ शिल्प इसे पठनीय बनाता है
इरा टाक ने हाल के बरसों में अपनी मेहनत से लेखन में अच्छी पहचान बनाई है. जगरनॉट बुक्स पर उनका उपन्यास ‘मूर्ति’ है. उसकी समीक्षा शिल्पा शर्मा ने की है- मॉडरेटर ================================ मूर्ति,...
View Articleदेवदत्त पटनायक की किताब ‘राम की गाथा’का एक अंश
रामनवमी के अवसर पर देवदत्त पटनायक की किताब ‘राम की गाथा’ का एक अंश प्रस्तुत है. पेंगुइन बुक्स-मंजुल पब्लिशिंग से प्रकाशित यह किताब ‘द बुक ऑफ़ राम’ का हिंदी अनुवाद है. अनुवाद मैंने किया है- प्रभात रंजन...
View Articleरैम्प पे रामजी। रिंग में कपिजी।
नीलिमा चौहान बहुत चुटीले लहजे में गहरी बात लिख जाती हैं. चर्चित पुस्तक ‘पतनशील पत्नियों के नोट्स’ में उनकी भाषा उनकी बारीक नजर का जादू हम सब देख चुके हैं. यह उनके रचनात्मक गद्य की नई छटा है. समय की...
View Articleसदन झा की कुछ दिलचस्प छोटी कहानियाँ
इतिहासकार सदन झा सेंटर फ़ॉर सोशल स्टडीज़, सूरत में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं। राष्ट्रीय झंडे पर उन्होंने महत्वपूर्ण काम किया है और उनके कई शोध लेख देश-विदेश की पत्र-पत्रिकाओं में छप चुके हैं। सदन...
View Article‘हिचकी’ : शिक्षा व्यवस्था की बेहतरीन पड़ताल
‘हिचकी’ फिल्म की एक अच्छी समीक्षा लिखी है दिल्ली विश्वविद्यालय के कमला नेहरु कॉलेज में प्राध्यापक और लेखक मनोज मल्हार ने- मॉडरेटर ‘हिचकी’ ब्रैड कोहेन की पुस्तक ‘फ्रंट ऑफ़ द क्लास : हाउ टूरेट मेड...
View Articleयतीन्द्र मिश्र के जन्मदिवस पर उनकी कुछ नई कविताएँ
यतीन्द्र मिश्र निस्संदेह मेरी पीढ़ी के प्रतिनिधि लेखक हैं. हर पीढ़ी में अनेक लेखक अपने अपने तरीके से शब्दों का संसार रच रहे होते हैं, लेकिन कुछ ही लेखक होते हैं जो उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करने लगते हैं....
View Articleकवयित्री उज्ज्वल तिवारी की पाँच कविताएँ
उज्जवल तिवारी पेशे से वकील हैं. जोधपुर में रहती हैं. छपने की आकांक्षा से अधिक मन की भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए कविताएँ लिखती हैं. इसलिए अभी तक उनकी कविताएँ कहीं प्रकाशित नहीं हुई हैं. पहली बार...
View Articleलेखक बनने की पहली कोशिश, मनोहर श्याम जोशी और अमेरिकन सेंटर लाइब्रेरी
आज मनोहर श्याम जोशी जी की 12 वीं पुण्यतिथि है. इस अवसर पर उनकी स्मृति को प्रणाम करते हुए उनके ऊपर अपनी लिखी जा रही किताब का एक अंश प्रस्तुत कर रहा हूँ- प्रभात रंजन...
View Articleमनमोहन देसाई और उनका सिनेमा
मार्च महीने की पहली तारीख़ को मनमोहन देसाई का निधन हुआ था. आज महीने की आखिरी तारीख़ पर सैय्यद एस. तौहीद का यह लेख उनकी फिल्मों के कुछ सूत्रों की अच्छी व्याख्या करता है लेकिन सम्पूर्णता में नहीं. एक बार...
View Article‘बैड बॉय’की ‘गुड’जीवनी
जब से जाने माने फिल्म पत्रकार-लेखक यासिर उस्मान द्वारा लिखी गई संजय दत्त की जीवनी ‘द क्रेजी अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ बॉलीवुडस बैड बॉय संजय दत्त’ बाजार में आई है तब से यह लगातार चर्चा और विवादों में बनी हुई...
View Articleमनोहर श्याम जोशी की कविता ‘निर्मल के नाम’
निर्मल वर्मा के लिए उनके समकालीन लेखक मनोहर श्याम जोशी ने यह कविता 1950 के दशक के आखिरी वर्षों में लिखी थी जब दोनों लेखक के रूप में पहचान बनाने में लगे थे. मनोहर श्याम जोशी तब ‘कूर्मांचली’ के नाम से...
View Article‘हिचकी’फिल्म पर पूनम अरोड़ा की टिप्पणी
‘हिचकी’ फिल्म पर यह लेख लेखिका पूनम अरोड़ा(श्री) ने लिखा है. अच्छा लगा तो साझा कर रहा हूँ- मॉडरेटर ================================================================= नैना माथुर को टुरेट सिंड्रोम है...
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