बचपन की मोहब्बत की जवान कहानी
मेरे हमनाम लेखक प्रभात रंजन के उपन्यास ‘विद यू विदाउट यू’ की तरफ लोगों का ध्यान गया. इस उपन्यास की शायद यह पहली ही समीक्षा है. वह भी इतनी विस्तृत और गहरी. लिखी है पंकज कौरव ने- मॉडरेटर...
View Articleसुरेन्द्र मोहन पाठक और ‘न बैरी न कोई बेगाना’
हिंदी क्राइम फिक्शन के बेताज बादशाह सुरेन्द्र मोहन पाठक की आत्मकथा ‘न बैरी न कोई बेगाना’ का लोकार्पण जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हुआ. इसका प्रकाशन वेस्टलैंड ने किया है. अब पाठक जी के पाठकों के लिए ख़ुशी...
View Articleचिनार के झड़ते पत्ते और कोरिया की रानी री
प्रवीण झा नौर्वे में रेडियोलोजिस्ट हैं. शायद ही कोई ऐसा विषय है जिसके ऊपर वे न लिखते हों. इस बार जानकी पुल पर बड़े दिनों बाद लौटे हैं. एक अनूठे गद्य के साथ- मॉडरेटर...
View Articleसुरेन्द्र मोहन पाठक और उनके पाठकों की दुनिया: कुछ अनछुए पहलू
सुरेन्द्र मोहन पाठक के आत्मकथा का पहला खंड ‘न बैरी न कोई बेगाना’ बाजार में आने वाला है. उनके पाठकों में बहुत उत्साह है. यह बात शायद लोगों को उतना पता न हो कि पाठक जी अकेले ऐसे लेखक हैं जिनका फाइन क्लब...
View Articleकोरियाई उपन्यास ‘द वेजेटेरियन’और अनुवाद को लेकर कुछ बातें
कोरियन भाषा की लेखिका हान कांग को उनके उपन्यास ‘द वेजेटेरियन’ को प्रतिष्ठित मैन बुकर प्राइज मिला तो इस किताब की दुनिया भर में धूम मच गई. पहली बार हुआ था कि इस उपन्यास की अंग्रेजी अनुवादिका को भी लेखिका...
View Article‘दूसरा इश्क’की पहली ग़ज़लें
युवा शायर इरशाद खान सिकंदर के पहले इश्क का तो पता नहीं लेकिन उनका ‘दूसरा इश्क’ हाल में ही नुमाया हुआ है- ग़ज़ल संग्रह की शक्ल में. इसमें कोई शक नहीं कि वे नई नस्ल के सबसे नुमाइंदा शायरों में एक हैं....
View Articleचिनार पत्तों पर जख़्मों की नक्काशी
गौतम राजऋषि के कहानी संग्रह ‘हरी मुस्कुराहटों वाला कोलाज’ पर कल यतीन्द्र मिश्र जी ने इतना आत्मीय लिखा कि उसको साझा करने से रोक नहीं पाया. ऐसा आत्मीय गद्य आजकल पढने को कम मिलता है- मॉडरेटर...
View Articleशर्मिला जालान की कहानी ‘चारुलता’
आज समकालीन कहानी की एक विशिष्ट स्वर शर्मिला जालान की कहानी ‘चारुलता’. शर्मिला जी कम लिखती हैं लेकिन भीड़ से अलग लिखती हैं, रहती हैं. हाल में ही उनका कहानी संग्रह वाग्देवी प्रकाशन से आया है ‘राग-विराग...
View Articleहृषिकेश सुलभ की कहानी ‘हबि डार्लिंग’
आज जाने माने लेखक हृषिकेश सुलभ का जन्म दिवस है. उनको पढ़ते हुए हम जैसे लेखकों ने लिखना सीखा. आज जानकी पुल की तरफ से उनको बधाई. वे इसी तरह हमें प्रेरणा देते रहें- मॉडरेटर =========== उस रात एक आदिम...
View Articleबचपन की मोहब्बत की जवान कहानी
मेरे हमनाम लेखक प्रभात रंजन के उपन्यास ‘विद यू विदाउट यू’ की तरफ लोगों का ध्यान गया. इस उपन्यास की शायद यह पहली ही समीक्षा है. वह भी इतनी विस्तृत और गहरी. लिखी है पंकज कौरव ने- मॉडरेटर...
View Articleगुलजार साहब की ‘पाजी नज्में’
दिन भर हिंदी उर्दू की बहस देखता रहा, लेकिन शाम हुई तो गुलजार साहब याद आ गए. उनकी नज्मों की किताब आई है राजकमल प्रकाशन से ‘पाजी नज्में’. उसी संकलन से कुछ नज्में- मॉडरेटर...
View Articleके सच्चिदानंदन की कविताएँ प्रकाश के रे का अनुवाद
मलयालम साहित्य में मॉडर्निज़्म के सशक्त हस्ताक्षर के सच्चिदानंदन को केरल सरकार के शीर्ष साहित्यिक सम्मान Ezhuthachan Purasakaram से नवाज़ा जायेगा. वे कवि होने के साथ आलोचक और निबंधकार भी हैं....
View Articleबिजली भगवान का क्रोध नहीं है और बच्चे पेड़ से नहीं गिरते हैं!
नए संपादक की नई रचना. अमृत रंजन में जो बात मुझे सबसे अधिक प्रभावित करती है कि वह झटपट कुछ लिखकर लोकप्रिय नहीं हो जाना चाहता है बल्कि वह लेखक के माध्यम से वैचारिक कगारों को छूना चाहता है, उनका...
View Articleफिल्मों के अंतरिक्ष से एक चकित करने वाला धूमकेतु है ‘ब्लैक पैंथर’
लेखक लेखिकाओं की पूरी नई पीढी हमारे बीच आ चुकी है. अब यह फिल्म समीक्षा ही देखिये. अमेरिकन सुपर हीरो फिल्म की यह बारीक समीक्षा लिखी है कनुप्रिया कुलश्रेष्ठ ने. पढ़िए और नई पीढ़ी का स्वागत कीजिये- मॉडरेटर...
View Articleआशुतोष भारद्वाज की पुस्तक ‘मृत्यु कथा’के कुछ अंश
आशुतोष भारद्वाज ने कई साल मध्य भारत के नक्सल प्रभावित इलाक़ों में पत्रकारिता की है. फ़र्ज़ी मुठभेड़, आदिवासी संघर्ष, माओवादी विद्रोह पर नियमित लिखा जिसके लिए उसे पत्रकारिता के तमाम पुरस्कार मिले,...
View Articleराकेश शंकर भारती की कहानी ‘हाथ पकड़वा विवाह’
बिहार के पकड़उआ बियाह पर युक्रेनवासी हिंदी लेखक राकेश शंकर भारती की कहानी पढ़िए- मॉडरेटर =========================================================== 1 मई महीने की चिलचिलाती हुई धूप में दिनेश बैजनाथपुर...
View Articleसिनेमा और होली का चोली-दामन का साथ रहा है!
होली पर जानकी पुल की तरफ से हैप्पी होली युवा लेखक विमलेन्दु के इस सुन्दर लेख के साथ- मॉडरेटर ============================================================ होली और ईद, भारत के दो ऐसे धार्मिक पर्व हैं,...
View Articleहिंदी व्यंग्य में ताजा हवा का झोंका है ‘मदारीपुर जंक्शन’
बालेन्दु द्विवेदी के उपन्यास ‘मदारीपुर जंक्शन’ की आजकल बहुत चर्चा है. वाणी प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास की एक सुघड़ समीक्षा लिखी है युवा लेखक पंकज कौरव ने- मॉडरेटर...
View Articleऑनलाइन समाचार की दुनिया में नयापन क्यों नहीं है?
ऑनलाइन समाचारों की दुनिया पर ‘हिंदी में समाचार’ जैसी शोधपरक पुस्तक के लेखक अरविन्द दास का लेख- मॉडरेटर =============== श्रीदेवी की दुखद मौत बॉलीवुड और उनके फैन्स के लिए सदमे से कम नहीं था. उनकी मौत...
View Articleआदम हुआ न आदम, हव्वा हुई न हव्वा — बाबुषा की कविताएँ
तुमने खेल-खेल में मेरा बनाया बालू का घर तोड़ दिया था, तुम इस बार फिर से बनाओ, मैं इस बार नहीं तोड़ूँगी। ग़लती थी मेरी, मैंने तोड़े थे। मैं तुम बनती जा रही थी। तुम धूप ही रहो, मैं छाँव ही रहूँ। तुम कठोर...
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