गुजराती लेखिका कुंदनिका कपाड़िया की कहानी ‘जाने देंगे तुम्हें’
गुजराती की वरिष्ठ लेखिका कुंदनिका कपाड़िया की कहानी का अनुवाद किया है प्रतिमा दवे ने- मॉडरेटर ============================ खिड़की से उन्होंने आकाश की तरफ नज़र फेरी। पलंग उन्होंने इस तरह रखवाया था कि...
View Articleप्रियंका ओम की कहानी ‘जट्टा और चिरैया’
युवा लेखिका प्रियंका ओम की कहानी पढ़िए-मॉडरेटर ========= वह औचक ही सामने आ गया था. मुझपर नज़र पड़ते ही शर्मिंदगी से उसकी आँखें झुक गई थी. मानो उसका कृत्य क्षण भर पहले का हो. इतने वर्ष बीत गये, वक़्त...
View Articleहारना नागार्जुन की फितरत में नहीं था
तारानंद वियोगी ने राजकमल चौधरी की बहुत अच्छी जीवनी लिखी थी, आजकल नागार्जुन की जीवनी लिख रहे हैं। अभी दो दिन पहले नागार्जुन की पुण्यतिथि के अवसर पर ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ पटना में उन्होंने नागार्जुन पर...
View Articleएक सितारे की तरह थीं सितारा देवी
आज सितारा देवी का जन्मदिन है। इस मौक़े पर राजेंद्र शर्मा का यह लेख पढ़िए-मॉडरेटर =================== ============================= जिसके नृत्य से भावाभिभूत होकर महज सोलह साल में गुरुदेव रवीन्द्र नाथ...
View Articleरमाकांत जी की ऊर्जा हमारे मध्य सदैव रहेगी
कल अचानक प्रसिद्ध ध्रुपद गायक रमाकान्त गुंदेचा का निधन हो गया। उनकी गायकी कि याद करते हुए प्रवीण झा ने बहुत सारगर्भित लेख लिखा है- मॉडरेटर ======================= आम लोगों के लिए हिंदुस्तानी संगीत...
View Articleहृषीकेश सुलभ के शीघ्र प्रकाश्य उपन्यास ‘अग्निलीक’का अंश
हृषीकेश सुलभ हिंदी के उन चुनिंदा लेखकों में हैं जो लोक और शास्त्र दोनों में सिद्ध हैं। उनका पहला उपन्यास ‘अग्निलीक’ प्रकाशित होने वाल है। यह उपन्यास घाघरा नदी के आसपास के गाँवों के इतिहास-वर्तमान की...
View Articleहम क्या से क्या नहीं कर गुजरते हैं अपने प्रॉमिस लैंड की तलाश में!
पूनम दुबे के यात्रा-संस्मरणों का अपना ही मज़ा है। हर बार उनके लिखे में एक न एक कहानी होती है। इस बार बेल्जियम है और एक कहानी-मॉडरेटर =============================== बेल्जियम के एक छोटे से शहर घेंट के...
View Articleरूसी लेखक सिर्गेइ नोसव की कहानी ‘छह जून’
रूसी भाषा के लेखक सिर्गेइ नोसव की इस कहानी के बारे में अनुवादिका आ. चारुमति रामदास का कहना है कि यह एक ख़तरनाक कहानी है, सच में बहुत रोमांचक। मूल रूसी से अनूदित इस कहानी का आनंद लीजिए- मॉडरेटर...
View Articleअनघ शर्मा की कहानी ‘बीच समंदर मिट्टी है’
अनघ शर्मा युवा लेखकों में सबसे अलग हैं। ना किसी होड़ में, ना किसी दौड़ में। ठहर ठहर कर लिखते हैं और इस गहराई से लिखते हैं कि आप उनकी प्रेम कहानी पढ़ते हुए प्रेम को जीने के भ्रम में पड़ सकते हैं। अब इस...
View Articleकुश वैष्णव की कहानी ‘जान में जान’
कुश वैष्णव इतने सारे काम करते हैं कि हमें ध्यान ही नहीं रहता कि वे लेखक भी हैं। पढ़िए उनकी कहानी- मॉडरेटर ================= जान में जान आयी थी। मतलब हमारी जान में। मतलब कि हमारी जान ‘प्रेगनेंट’ थी और...
View Articleप्रदीपिका सारस्वत की कविताएँ और कश्मीर
प्रदीपिका सारस्वत कश्मीर में लम्बा समय बिताकर अभी हाल में लौटी हैं। कुछ कविताओं में घाटी के दिल के दर्द को महसूस कीजिए- मॉडरेटर ======================= कश्मीर पर तीन कविताएँ ऑप्रेसर मैं एक...
View Articleअगर पेरिस बेहतरीन रेड वाइन है तो रोम बहुत ही पुरानी व्हिस्की
आशुतोष भारद्वाज हिंदी-अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में समान रूप से लेखन करते हैं और उन समकालीन दुर्लभ लेखकों में हैं जो समय के चलन से हटकर लिखते हैं और इसके लिए समादृत भी हैं। इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकारिता...
View Articleलाल-हरा चूड़ा और गोल्ड्मन साक्स
अनुकृति उपाध्याय को हम उनके हिंदी कहानियों के संग्रह ‘जापानी सराय’ तथा अंग्रेज़ी में दो लघु उपन्यासों ‘दौरा’ और ‘भौंरी’ के लिए जानते हैं।जानकी पुल पर वह समय समय पर वह यात्राओं पर लिखती रही हैं और...
View Article‘माउथ ऑर्गन’अपनी धुन गुनगुना रहा है
सुशोभित के लेखन की अपनी ख़ास शैली है जिसके कारण हज़ारों लोग उनको फ़ेसबुक पर रोज़ पढ़ते हैं। उनकी किताब ‘माउथ ऑर्गन’ का गद्य भी बहुत सम्मोहक है। मन की यात्राओं के इस गद्य पुस्तक की काव्यात्मक समीक्षा...
View Articleस्त्री-कविता का सबसे बड़ा योगदान यही है कि उसने एक चटाई बिछाई है
रेखा सेठी हिंदी की सुपरिचित आलोचक हैं। हिंदी की स्त्री कविता पर उनकी किताब आई है ‘स्त्री कविता पहचान और द्वंद्व’ तथा ‘स्त्री कविता पक्ष और परिप्रेक्ष्य’।राजकमल से आई दोनों किताबों का कल दोनों का...
View Articleश्वेता मिश्र की कहानी ‘नाइजीरिया, नोरा और अजगर’
श्वेता मिश्र लागोस नाइजीरिया में रहती हैं। कहानियाँ लिखती हैं। इनकी कई कहानियाँ प्रकाशित भी हो चुकी हैं। यह एक नई कहानी है- मॉडरेटर ===================== एक दशक पहले यूरोप से अफ्रीका जब मेरा आना हुआ...
View Articleरितुपर्णो घोष की फ़िल्म ‘शुभो मुहूर्त’पर विजय शर्मा का लेख
रितुपर्णो घोष की फ़िल्में उपन्यास की तरह होती हैं। किसी क्लासिक उपन्यास की तरह बार बार थोड़ा-बहुत देखने लायक़। ‘शुभो मुहूर्त’ तो अगाथा क्रिश्टी के उपन्यास पर आधारित है और रितुपर्णो द्वारा निर्देशित...
View Articleक्यों नहीं हो रहा हिंदी में इतिहास-लेखन
जाने-माने इतिहासकार रजीउद्दीन अक़ील ने इस लेख में बहुत गम्भीर सवाल उठाया है कि इतिहास लेखन हिंदी में क्यों नहीं हो रहा? इतिहासकारों के सामने यह बड़ा सवाल है कि उन्होंने कभी इस दिशा में कोई ठोस काम...
View Articleचुन-चुन खाइयो मांस: आमिस
असमिया भाषा की फ़िल्म ‘आमिस’ पर यह टिप्पणी युवा लेखक-पत्रकार अरविंद दास ने लिखी है- मॉडरेटर ============== एक बार मैं एक दोस्त के साथ खाना खा रहा था. अचानक से दाल की कटोरी से उसने झपटा मार के कुछ...
View Articleक्योंकि रेप भी एक सियासत है
हैदराबाद में बलात्कार और हत्या की अमानवीय घटना ने देश भर की संवेदना को झकझोर दिया है। हमारा समाज आगे जा रहा है या पीछे यह समझ नहीं आ रहा है। मुझे नीलिमा चौहान की किताब ‘ऑफ़िशियली पतनशील‘ का यह अंश...
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