राकेश तिवारी की कहानी ‘चिट्टी जनानियाँ’
कुमाऊँ के परिवेश पर राकेश तिवारी की दो कहानियाँ ऐसी हैं जो मुझे बहुत पसंद हैं- एक तो ‘मुचि गई लड़कियाँ’, जो नैनीताल के परिवेश पर है। जानकी पुल पर उसको बहुत पहले लगाया भी था। दूसरी कहानी है ‘चिट्टी...
View Articleविद्यार्थी कवि निर्वाण योगऋत की कविताएँ
हिंदी कविता की विविधता भाषा में भी दिखाई देती है। बिहार के भोजपुर अंचल के कवि निर्वाण योगऋत की इन कविताओं की भाषा ने भी प्रभावित किया। आजकल ऐसी क्लासिकल हिंदी कौन लिखता है? अच्छा लगता है जब कोई युवा...
View Articleहिन्दी रंगपरिदृश्य और नाट्यालेखन:हृषीकेश सुलभ
हृषीकेश सुलभ को कथाकार-उपन्यासकार के अलावा हम सब नाटककार और रंगकर्म विशेषज्ञ के रूप में दशकों से जानते रहे हैं। अभी हाल में ही उनका उपन्यास ‘अग्निलीक’ राजकमल से आया है, जिसकी बहुत चर्चा है। फ़िलहाल इस...
View Articleउपासना के उपन्यास ‘डेस्क पर लिखे नाम’का एक अंश
उपासना समकालीन कथाकारों में सुपरिचित नाम हैं। अभी हाल में ही उनका बाल उपन्यास ‘डेस्क पर लिखे नाम’ प्रकाशित हुआ है. इसे राष्ट्रीय पुस्तक न्यास नई दिल्ली ने प्रकाशित किया है. उसका एक अंश देखिए-...
View Articleनेपाली भाषा के कवि चंद्रा गुरुंग की कविताएँ
चंद्रा गुरुंग नेपाली भाषा के कवि हैं। बहरीन में रहते हैं और मूल रूप से नेपाली भाषा में लिखने के अलावा दूसरी भाषाओं से नेपाली में अनुवाद भी करते हैं। प्रस्तुत हैं उनकी कुछ कविताएँ- मॉडरेटर...
View Articleफणीश्वरनाथ रेणु की कहानी ‘पहलवान की ढोलक’
कल रात प्रधानमंत्री जी ने रविवार की रात थाली-ताली बजाने का आह्वान किया। कुछ समझ पाता कि सुबह देखा सत्यानंद निरुपम ने फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी ‘पहलवान की ढोलक’ की याद दिलाई थी। महामारी की आशंका और घर...
View Articleअज्ञेय के उपन्यास ‘अपने अपने अजनबी’का एक अंश
आज बैठे बैठे अज्ञेय के उपन्यास ‘अपने अपने अजनबी’ की याद आई। उपन्यास के केंद्र में मृत्यु का भय है। किस तरह मृत्यु को सामने पाकर कैसे प्रियजन भी अजनबी हो जाते हैं और अजनबी पहचाने हुए। मृत्यु से ज़्यादा...
View Articleयुवा अंग्रेज़ी लेखक तनुज सोलंकी की हिंदी कविताएँ
तनुज सोलंकी अंग्रेज़ी के युवा लेखक हैं और उनको अपने कहानी संग्रह ‘दीवाली इन मुज़फ़्फ़रनगर: स्टोरीज़’ के लिए साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार मिल चुका है। ‘नियोन नून’ नाम से उनका एक उपन्यास भी प्रकाशित...
View Articleअब्दुल अहद साज़ की नज़्म ‘ज़ियारत’
चंद नाम ऐसे होते हैं, जिनके साथ RIP लिखते हुए हमारी उंगलियाँ काँप उठती हैं। 16 अक्टूबर 1950 को जन्मे, मुम्बई के मशहूर शायर अब्दुल अहद साज़ ऐसा ही एक नाम है, कल जिनका इंतकाल हो गया। ग़ज़ल और नज़्म की...
View Article23 मार्च एक जज्बाती याद : कवि पाश
आज शहीदी दिवस है- भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत का दिन। आज के ही दिन पंजाबी के क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह ‘पाश’ भी शहीद हुए थे। भगत सिंह और पाश के रचनात्मक संबंधों को लेकर यह लेख लिखा है अमित...
View Articleअनुपम ओझा की कहानी ‘बाँस का पुल’
अनुपम ओझा ने हिंदी सिनेमा पर शोध किया है, फ़िल्मी दुनिया से जुड़े रहे हैं। मूलतः बनारसी हैं। या उनकी कहानी है इसमें भी बनारस को पहचानिए- ===================== बाबतपुर हवाई अड्डे से सारनाथ तक दिमाग में...
View Articleजेंडर डिस्कोर्स में अंततः पुरुष ही हीरो बनता है
अनुभव सिन्हा की फ़िल्म ‘थप्पड़’ पर यह सुविचारित टिप्पणी लिखी है युवा लेखक-पत्रकार फ़िरोज़ खान ने- =================== हिंदी में हम जिस तरह का सिनेमा देखते रहे हैं, उसमें सांप्रदायिकता पर भी बात हुई...
View Articleकुशाग्र अद्वैत की कुछ नई कविताएँ
कुशाग्र अद्वैत बीएचयू में बीए के छात्र हैं और बहुत अच्छी कविताएँ लिखते हैं। उनकी कुछ नई कविताएँ पढ़िए- ================= चाहना जो आवाज़ देगा वो चाहेगा आप पहुँचे जो पुष्प देगा वो चाहेगा आप खिल उठें...
View Articleइक्कीसवीं सदी के ग्रामीण यूनिवर्स की जातक उर्फ़ जात कथा का आख्यान
वरिष्ठ लेखक हृषीकेश सुलभ के उपन्यास ‘अग्निलीक’ को पढ़ते हुए यह टिप्पणी लिखी है जानी मानी लेखिका वंदना राग ने, हाल में ही जिनका उपन्यास आया है ‘बिसात पर जुगनू’। यह टिप्पणी दो पीढ़ियों का संवाद है –...
View Articleयू. आर. अनंतमूर्ति के प्रसिद्ध उपन्यास ‘घटश्राद्ध’ का एक अंश
यू. आर. अनंतमूर्ति के प्रसिद्ध उपन्यास ‘घटश्राद्ध’ का एक अंश पढ़िए। आजकल प्रिंट किताबों को मँगवाना मुश्किल हो गया है लेकिन राजकमल से प्रकाशित इस उपन्यास को किंडल पर ईबुक में पढ़ सकते हैं। फ़िलहाल यहाँ...
View Articleमनोहर श्याम जोशी के उपन्यास ‘कौन हूँ मैं’पर एक टिप्पणी
आज हिंदी के हरफ़नमौला लेखक मनोहर श्याम जोशी की पुण्यतिथि है। 2006 में आज के दिन उनका निधन हो गया था। आज प्रस्तुत है उनके मरणोपरांत प्रकाशित उनके उपन्यास ‘कौन हूँ मैं‘ पर राहुल सिंह की टिप्पणी-...
View Articleचे गेवारा की जीवनी का एक अंश
पिछले दिनों महान क्रांतिकारी चे गेवारा की जीवनी राजकमल से प्रकाशित हुई थी। वी के सिंह की लिखी इस जीवनी का एक अंश पढ़िए- ===================== स्टूडियो जल्दी ही हम सारे गुयेवारा भाई-बहनो और हमारे...
View Articleकितना प्यार करता हूँ मैं इण्डियन फ़िल्म्स से!
एक उभरते हुए रूसी बाल-साहित्यकार हैं- सिर्गेइ पिरिल्यायेव। उन्हें भारत और भारतीय फिल्मों से दीवानगी की हद तक प्यार है। अपनी जीवनी भी उन्होंने “इण्डियन फिल्म्स ” नाम से लिखी है। उसी किताब से एक अंश...
View Article‘पीली छतरी वाली लड़की’की काव्य समीक्षा
यतीश कुमार की काव्यात्मक समीक्षा इस बार उदय प्रकाश के उपन्यास ‘पीली छतरी वाली लड़की’ की है। पढ़कर बताइए कैसा लगा- =================== (‘पीली छतरी वाली लड़की’ ) ——————————————- वह रोज आईने में पहले...
View Article‘उत्तर पैग़म्बर’जीवन, प्रेम और राग का अद्भुत समागम है
राजकमल से प्रकाशित अरूण देव के कविता संग्रह ‘उत्तर पैग़म्बर’ पर यह टिप्पणी राजीव कुमार की है। राजीव जी इतिहास, साहित्य, सिनेमा के गहरे अध्येता हैं। लिखते काम हैं लेकिन ठोस लिखते हैं- मॉडरेटर...
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