सत्य और गल्प की गोधूलि का लेखक शरतचन्द्र
कई साल पहले प्रकाश के रे जी के कहने पर महान लेखक शरतचन्द्र पर यह लेख लिखा था।आज उनकी जयंती पर याद आ गया- प्रभात रंजन ======================================== शरतचन्द्र जिस दौर में लिख रहे थे तब...
View Articleलापरवाह, चरित्रहीन, आवारा, मसीहा : आखिर तुम कौन हो शरत!
शरतचंद्र की जयंती पर देवेंद्र शर्मा का यह गद्य पढ़ा तो साझा करने से रोक नहीं पाया- मॉडरेटर —————————————————————– अब, जबकि तुमसे मिले बरसों बीत गए हैं और तुम्हारे होने का मेरे होने पर प्रभाव स्पष्ट...
View Articleड्रीम गर्ल- कहानी भीड़ में तन्हा होने की
हाल में ही रिलीज़ हुई फ़िल्म ड्रीम गर्ल की समीक्षा लिखी है निवेदिता सिंह ने- ====================================== इस फ़िल्म को देखने से पहले जब भी किसी के मुँह से ड्रीम गर्ल के बारे में सुनती थी तो...
View Articleविवेक मिश्र की कहानी ‘कारा’
विवेक मिश्र समकालीन साहित्य का जाना-माना नाम हैं। उनकी नई कहानी पढ़िए- मॉडरेटर ========================= बाहर फैले स्याह रंग में हल्की-सी रोशनी घुलने लगी थी। अंधेरा फीका हो चला था। माया ने कुर्सी से...
View Articleगौरव सोलंकी की तीन कविताएँ
गौरव सोलंकी को हम उनकी कहानियों के लिए जानते हैं, आर्टिकल 15 जैसी सामाजिक सरोकार से जुड़ी फ़िल्म के लेखक के रूप में जानते हैं, लेकिन वे बहुत अच्छे कवि भी हैं। उनकी लगभग हर कविता में एक प्रसंग होता है...
View Articleसीमा मेहरोत्रा की पाँच कविताएँ
सीमा मेहरोत्रा ने बीएचयू से अंग्रेज़ी में एमए करने के बाद अमेरिका के शिकागो शहर में रहकर पढ़ाई की। आजकल शिकागो के एक विश्वविद्यालय में अंग्रेज़ी की प्रोफ़ेसर हैं। हिंदी में कविताएँ लिखती हैं जो पत्र...
View Articleज्ञान और संवेदना के संतुलन का उपन्यास
पंकज सुबीर के उपन्यास ‘जिन्हें जुर्म–ए–इश्क़ पे नाज़ था’ की आजकल बहुत चर्चा है। इसकी समीक्षा पढ़िए। वीरेंद्र जैन ने लिखी है- ============== मुक्तिबोध ने कहा था कि साहित्य संवेदनात्मक ज्ञान है। उन्होंने...
View Article‘पॉपुलर की हवा’और ‘साहित्यिक कहलाए जाने की ज़िद’के बीच हिंदी लेखन
राजकमल प्रकाशन समूह के संपादकीय निदेशक सत्यानंद निरुपम निस्सन्देह इस समय हिंदी के ऐसे चुनिंदा संपादक हैं जो हिंदी के नए और पुराने दोनों तरह के लेखकों-पाठकों के महत्व को समझते हैं और हिंदी में अनेक नए...
View Articleबक्सर का आखिरी नायक?
अमृतांशु नामक इस युवा को उसके इस गद्य के पढ़ने से पहले मैं जानता भी नहीं था। अभी भी केवल इतना जानता हूँ कि कुछ अलग ढंग से लिखने की ललक है इनमें। आप भी पढ़कर बताइएगा- मॉडरेटर ============= मैं प्रायः...
View Articleरूसी लेखक सिर्गेइ नोसव की कहानी ‘फ्रीज़र’
रूसी लेखक सिर्गेइ नोसव की कहानी का अनुवाद किया है आ. चारुमति रामदास ने- =============== आख़िरकार रात के दो बजे केक आ ही गया. दो टुकड़े खाने के बाद – एक अपने लिए और एक शौहर के लिए, – मार्गारीटा मकारोव्ना...
View Articleआज़ादी को ज्यादातर लोग पाप समझते हैं.
पूनम दुबे को पढ़ते हुए कई बार लगता है कि वह यात्राओं पर लिखने के लिए ही बनी हैं। इस बार उन्होंन एम्सटर्डम शहर पर लिखा है- मॉडरेटर =========================== एम्सटर्डम में एक पूरा दिन ऐसे बिता जैसे...
View Articleअभिषेक रामाशंकर की तीन कविताएँ
मैं जब सोचता हूँ कि अब कविताएँ नहीं पढ़ूँगा, जानकी पुल पर कविताएँ नहीं। तभी कोई कवि आ जाता है, कोई कविता आ जाती है और सोचता हूँ एक बार और लगा लेता हूँ कविताएँ। इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे अभिषेक...
View Articleईशान त्रिवेदी की कहानी ‘स्टील का बिल्ला’
एनएसडी के ग्रेजुएट, फ़िल्मों-टीवी की दुनिया के वरिष्ठ पेशेवर ईशान त्रिवेदी के छोटे छोटे क़िस्सों का मेरे ऊपर ग़ज़ब जादू हो गया है। हर बार एक ताज़ा अहसास से भर देती हैं उनकी कहानियाँ। जैसे इसी कहानी को...
View Articleपराग मांदले की कहानी ‘चाह की गति न्यारी’उपसना झा की टिप्पणी के साथ
‘नया ज्ञानोदय’ के अगस्त अंक में प्रकाशित पराग मांदले की कहानी ‘चाह की गति न्यारी’ पढ़िए युवा कवयित्री-लेखिका उपासना झा की टिप्पणी के साथ- मॉडरेटर =============================== नया ज्ञानोदय के अगस्त...
View Articleलोकप्रियता को कलात्मक-वैचारिक स्तर का पैमाना नहीं बनाया जा सकता
एक ज़माने में जिसको लुगदी साहित्य कहा जाता था आज वह लोकप्रिय साहित्य कहा जाता है। उसकी परम्परा पर वरिष्ठ कवयित्री कात्यायनी ने फ़ेसबुक वाल पर एक लम्बी टिप्पणी लिखी थी। आप भी पढ़ सकते हैं- मॉडरेटर...
View Articleअनुपम मिश्र का लेख ‘तैरने वाला समाज डूब रहा है’
आज सत्यानंद निरुपम जी ने फ़ेसबुक पर अनुपम मिश्र के इस लेख की याद दिलाई तो मुझे ‘जनसत्ता’ के वे दिन याद आ गए जब एडिट पेज पर हमने यह लेख प्रकाशित किया था, याद आई अशोक शास्त्री जी की जिनसे घंटों घंटों इस...
View Articleप्रेम में लोग अक्सर अक्टूबर में आये फूलों की तरह ख़त्म हो जाते हैं
आमतौर पर किसी कवि की कविताएँ इतनी जल्दी दुबारा नहीं प्रकाशित की जानी चाहिए, हिंदी में बहुत कवि हैं। लेकिन अभिषेक रामाशंकर कुछ अलग कवि है जिसको जितना पढ़ता जाता हूँ मुग्ध होता जाता हूँ। इंजीनियरिंग के...
View Articleउनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है
प्रसिद्ध लेखक रोमां रोलाँ ने ने महात्मा गांधी पर किताब लिखी थी, जिसका हिंदी अनुवाद सेंट्रल बुक डिपो, इलाहाबाद से 1947 में प्रकाशित हुआ था। अनुवादक का नाम किताब में नहीं है लेकिन इसका पहला संस्करण 2000...
View Articleगाँधी का अंत संवाद की एक परंपरा का अंत था
आज की पीढ़ी गांधी के बारे में क्या सोचती है यह जानना मेरे लिए ज़्यादा ज़रूरी है।यह लेख अमृतांशु ने लिखा है जो दिल्ली विश्वविद्यालय के क्लस्टर इनोवेशन सेंटर में बीए तृतीय वर्ष के होनहार छात्र हैं-...
View Articleमिखाइल बुलगाकोव के उपन्यास ‘मास्टर एंड मार्गरीटा’का एक अंश
रूसी लेखक मिखाइल बुलगाकोव के उपन्यास ‘मास्टर एंड मार्गरीटा’ मूल का मूल रूसी से अनुवाद किया है आ चारुमति रामदास जी ने- ========================= मास्टर और मार्गारीटा अध्याय – 28 लेखक : मिखाइल बुल्गाकव...
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