रईशा लालवानी और उनका उपन्यास ‘द डायरी ऑन द फिफ्थ फ्लोर’
‘द डायरी ऑन द फिफ्थ फ्लोर’ की युवा लेखिका रईशा लालवानी मुंबई, जयपुर, दिल्ली, दुबई में रह चुकी हैं और उनके लिए जिंदगी एक लम्बा सफ़र रहा है. उनका मानना है कि कुछ लोग पैसों के लिए लिखते हैं, कुछ लोगों के...
View Articleअनुकृति उपाध्याय की कविता ‘अभी ठहरो’
मीटू अभियान से प्रेरित यह कविता युवा लेखिका अनुकृति उपाध्याय ने लिखी है. आपके लिए- मॉडरेटर ========= अभी ठहरो अभी ठहरो अभी हमने उठाए ही हैं कुदालें, कोंचने , फावड़े हमें तोड़ने हैं अभी कई अवरोध ढहाने...
View Articleमी टू के लिए शक्ति के पर्व से बेहतर मौका और क्या हो सकता है?
मीटू अभियान के बहाने एक अच्छा लेख वरिष्ठ पत्रकार-लेखिका जयंती रंगनाथन का आज ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में पढ़ा. साझा कर रहा हूँ- प्रभात रंजन ============================ हैशटैग-मी टू की गुहार हमारे यहां भी...
View Articleअंजलि देशपांडे का नाटक ‘अंसारी की मौत की अजीब दास्तान’
अंजलि देशपांडे के दो उपन्यास, एक कहानी पढ़कर उनका मुरीद हुआ. उनकी रचनाओं में प्लॉटिंग होती है, सामाजिक सन्दर्भ होता है और गज़ब की रोचकता होती है. उनका यह सम्पूर्ण नाटक पढ़िए- प्रभात रंजन...
View Articleमहात्मा गांधी और कॉपीराइट का सवाल
रामचंद्र गुहा ऐसे ऐसे विषयों पर लिखते हैं जिनको पढना रुचिकर भी लगता है और बहुत अच्छी जानकारी भी मिलती है. उनका यह लेख आज ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में प्रकाशित हुआ है. महात्मा गांधी और कॉपीराइट विषय पर....
View Articleअन्नपूर्णा देवी की संगीत-साधना हरिदासी है, निर्मोही है!
चित्र साभार: द इन्डियन एक्सप्रेस प्रवीण झा आजकल शास्त्रीय संगीत पर इतने रस के साथ लिखते हैं कि मेरे जैसा संगीत ज्ञानहीन भी संगीत समझकर उसका आनंद लेना सीख गया है. यही संगीत-लेखकों का काम भी होना चाहिए-...
View Articleदुर्गा में लीन हुईं एकाकी संगीत साधिका
चित्र साभार: द इन्डियन एक्सप्रेस संगीत साधिका अन्नपूर्णा देवी के निधन पर यह आलेख प्रसिद्ध लेखिका-संगीतविद मृणाल पांडे ने लिखा है. एक सुन्दर आलेख पढ़िए- मॉडरेटर ============================== शारदीय...
View Articleमेला, रेला, ठेला रामलीला!
कल यानी रविवार को ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ के ‘फुर्सत’ सप्लीमेंट में रामलीला पर एक छोटा-सा लेख मैंने लिखा था. आपने न पढ़ा हो तो आज पढ़ सकते हैं- प्रभात रंजन ========================================== यह...
View Articleकहानियां तो हैं लेकिन कौशल की कमी है!
विजयश्री तनवीर के कथा-संग्रह ‘अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार’ की सम्यक समीक्षा युवा लेखक पीयूष द्विवेदी द्वारा- मॉडरेटर ================== विजयश्री तनवीर के पहले कहानी-संग्रह ‘अनुपमा गांगुली का चौथा...
View Articleगीताश्री की कहानी ‘खानाबदोश’
समकालीन कथाकारों में गीताश्री के पास कहानियों की रेंज काफी विस्तृत है. इतने अलग-अलग तरह के विषयों पर उन्होंने कहानियां लिखी हैं कि कई बार हैरानी हो जाती है. जैसे यह कहानी पढ़िए- मॉडरेटर =============...
View Articleप्रियंका ओम की कहानी ‘अजीब आदमी’
युवा लेखिकाओं में प्रियंका ओम के नाम से सब परिचित हैं और उनके उपन्यासों से भी. यह एक छोटी-सी कहानी है. कहानी क्या एक कैफियत है. लेकिन पठनीय है- मॉडरेटर =============================================...
View Articleसोनम कपूर ने किया बुक लांच
21 अक्टूबर को फिल्म अभिनेत्री सोनम कपूर ने रईशा लालवानी के पहले उपन्यास ‘द डायरी ऑन द फिफ्थ फ्लोर’ का लोकार्पण किया. उपन्यास एक लड़की की आत्मकथात्मक यात्रा है जिसमें एक दिन अचानक एक मोड़ आ जाता है....
View Articleकश्मीरनामा : इतिहास और समकाल के दूसरे संस्करण का लोकार्पण
अशोक कुमार पाण्डेय की पुस्तक ‘कश्मीरनामा’ ने यह बता दिया है कि अच्छी शोधपूर्ण पुस्तकों के न पाठक कम हुए हैं न बाजार. राजपाल एंड संज से प्रकाशित 650 रुपये की इस पुस्तक के दूसरे संस्करण के लांच के मौके...
View Articleमुसाफिर बैठा की कुछ कविताएँ
मुसाफिर बैठा अपनी कविताओं में खरी-खरी कहने में यकीन रखते हैं. कभी विष्णु खरे ने उनको भारत का सर्वश्रेष्ठ दलित कवि था. उनके नए कविता संग्रह ‘विभीषण का दुःख’ से कुछ कविताएँ पढ़िए- मॉडरेटर 1. सुख का दुःख...
View Articleमैं अब कौवा नहीं, मेरा नाम अब कोयल है!
युवा लेखिका अनुकृति उपाध्याय उन चंद समकालीन लेखकों में हैं जिनकी रचनाओं में पशु, पक्षी प्रकृति सहज भाव से उपस्थित रहते हैं. यह उनकी ताज़ा रचना है मौसम और परिस्थिति के अनुकूल- मॉडरेटर ============ पतझड़...
View Articleसुनील गंगोपाध्याय की कविताएँ सुलोचना का अनुवाद
बांगला भाषा के मूर्धन्य कवि-उपन्यासकार सुनील गंगोपाध्याय की पुण्यतिथि विगत 23 अक्टूबर को थी. उनको याद करते हुए उनकी कुछ कविताओं का मूल बांगला भाषा से अनुवाद किया है हिंदी की सुपरिचित कवयित्री सुलोचना...
View Articleसमानता का नया यूटोपिया रचती है देह ही देश- अनामिका
कल दोपहर दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज में गरिमा श्रीवास्तव की पुस्तक ‘देह ही देश’ पर परिचर्चा का आयोजन हुआ. जिसकी रपट डॉ. रचना सिंह की कलम से- मॉडरेटर...
View Articleभिंचे जबड़ों को खुलकर हँसने देने का मौका देने वाली फिल्म
सिनेमा पर मुझे अक्सर ऐसे लोगों का लिखा पसंद आता है जो उस विषय के पेशेवर लेखक नहीं होते हैं. फिल्म ‘बधाई’ हो’ पर यह टिप्पणी डॉ. आशा शर्मा ने लिखी है. दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज में पढ़ाती हैं,...
View Articleमनोज कुमार पांडेय की कहानी ‘पापियों के उद्धार की अनोखी योजना’
मनोज कुमार पांडेय मेरी पीढ़ी के उन कथाकारों में हैं जो न सिर्फ निरंतर लिख रहे हैं बल्कि नए-नए कथा-प्रयोग भी कर रहे हैं. यह उनकी नई कहानी है जो लक्षणा और व्यंजना में पढ़े जाने की मांग करती है- प्रभात...
View Article‘चौरासी’: एक बिरादरी-बाहर कारोबारी लेखक की निगाह में
निर्विदाद रूप से सुरेन्द्र मोहन पाठक हिंदी के सबसे लोकप्रिय लेखक हैं. सत्य व्यास समकालीन हिंदी के सबसे लोकप्रिय लेखकों में एक हैं. उनके नवीनतम उपन्यास ‘चौरासी’ पर सुरेन्द्र मोहन पाठक ने यह टिप्पणी...
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