नीरज की अंतिम कृति ‘साँसों के सितार पर’से कुछ कविताएँ
प्रसिद्ध कवि-गीतकार गोपालदास ‘नीरज’ के मरणोपरांत उनकी अंतिम कृति के रूप में प्रकाशित हुई है ‘साँसों के सितार पर’, जिसे सम्पादित किया है नीरज जी के अंतिम दौर के पसंदीदा संगीतकार कुमार चंद्रहास ने....
View Articleनागार्जुन से तरौनी कभी छूटा नहीं
आज बाबा नागार्जुन की पुण्यतिथि है. इस अवसर पर युवा पत्रकार-लेखक अरविन्द दास का यह लेख प्रस्तुत है, जिसमें उनके गाँव तरौनी की यात्रा का भी वर्णन है. यह लेख उनके शीघ्र प्रकाश्य पुस्तक ‘बेखुदी में खोया...
View Articleरामचंद्र गुहा की पुस्तक ’गांधी: द इयर्स दैट चेंज्ड द वर्ल्ड’ की समीक्षा
हिंदी में पुस्तकों की अच्छी समीक्षाएं कम पढने को मिलती हैं. रामचंद्र गुहा द्वारा लिखी महात्मा गांधी की जीवनी के दूसरे और अंतिम भाग,’गांधी: द इयर्स दैट चेंज्ड द वर्ल्ड’ की यह विस्तृत समीक्षा जाने माने...
View Articleबड़ी जहाज का दिशाहीन सफ़र ‘ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान’
‘ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान’ की यह समीक्षा लिखी है सैयद एस. तौहीद ने- मॉडरेटर ============================================== साल की बहुप्रतीक्षित ‘ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान’ रिलीज़ हो चुकी है। दिवाली का मौका और आमिर...
View Articleहे दीनानाथ, सबको रौशनी देना!
युवा संपादक-लेखक सत्यानन्द निरुपम का यह लेख छठी मैया और दीनानाथ से शुरू होकर जाने कितने अर्थों को संदर्भित करने वाला बन जाता है. ललित निबंध की सुप्त परम्परा के दर्शन होते हैं इस लेख में. आप भी पढ़िए-...
View Articleरघुराम जी. राजन की पुस्तक ‘I Do What I Do’का एक अंश
इन दिनों रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन नोटबंदी और जीएसटी को लेकर अपने बयान से चर्चा में हैं. पिछले साल जब उनकी किताब आई थी तब वह किताब भी बेहद चर्चा में रही. अर्थशास्त्र की किताब बेस्टसेलर...
View Articleदोन किख़ोते: विश्व साहित्य की एक धरोहर
स्पैनिश साहित्य की अमर कृति ‘दोन किख़ोते’ पर यह लेख सुभाष यादव ने लिखा है. वे हैदराबाद विश्वविद्यालय में स्पैनिश भाषा के शोधार्थी हैं, मूल स्पैनिश भाषा से हिंदी में अनुवाद करते हैं. एक विस्तृत और रोचक...
View Articleदरवेश सोई जो दर की जानें
रज़ीउद्दीन अक़ील दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में असोसियेट प्रोफ़ेसर हैं. मध्यकालीन इतिहास के वे उन चंद विद्वानों में हैं जिन्होंने अकादमिक दायरे से बाहर निकलकर आम पाठकों से संवाद करने की कोशिश...
View Article‘patna blues’उपन्यास के लेखक अब्दुल्ला खान की नज़्में
अब्दुल्ला खान इन दिनों अपने उपन्यास ‘patna blues’ के कारण चर्चा में हैं. वे पेशे से बैंकर हैं. मुंबई में टीवी के लिए स्क्रीनप्ले लिखते हैं, गाने लिखते हैं. आज उनकी कुछ नज़्में पढ़िए- मॉडरेटर ====== कुछ...
View Articleपिता व पुत्री के सुंदर रिश्ते पर आधारित ‘The Frozen Rose’
ईरानी शार्ट फिल्म ‘फ्रोज़ेन रोज’ पर सैयद एस. तौहीद की टिप्पणी- मॉडरेटर ============================================ इंसान दुनिया में जिस किसी को मोहब्बत में जान से ज्यादा अजीज बना लेता है परवरदिगार उसे...
View Articleहर लिहाज़ से एक सराहनीय फिल्म है ‘पीहू’
फिल्म ‘पीहू’ की समीक्षा सैयद एस. तौहीद द्वारा लिखी हुई- मॉडरेटर ===================================== कल्पना कीजिए एक ऐसी कहानी जिसमें अकेली मासूम घर में अकेली रह जाए। बच्ची खुद ही खाना बनाए और फिर...
View Articleयह सामा-चकेवा का मौसम है
कार्तिक मास के बढ़ते चाँद के साथ मिथिला-तिरहुत के लोगों की स्मृतियों में सामा चकेवा आ जाता है. भाई-बहन के प्रेम के इस पर्व पर यह लेख लिखा है मुकुल कुमारी अलमास ने- मॉडरेटर ============ कार्तिक माह का...
View Articleरेंगने वाली हिंदी अब उड़ रही है!
हिंदी की स्थिति पर मेरा यह लेख ‘नवभारत टाइम्स’ मुम्बई के दीवाली अंक में प्रकाशित हुआ है- प्रभात रंजन =========================== मेरी बेटी नई किताबों को खरीदने के लिए सबसे पहले किंडल स्टोर देखती है,...
View Articleतथ्य और सत्य के बीच फेक न्यूज
युवा पत्रकार अरविन्द दास का यह लेख फेक न्यूज को लेकर चल रही बहस को कई एंगल से देखता है. उसके इतिहास में भी जाता है और वर्तमान पेचीदिगियों से भी उलझता है. अरविन्द दास पत्रकार हैं, पत्रकारिता पर शोध कर...
View Articleसिनेमा में काशी भी है और अस्सी भी!
फिल्म ‘मोहल्ला अस्सी’ की समीक्षा लिखी है रांची के नवीन शर्मा ने- मॉडरेटर ========================================== किसी भी साहित्यिक कृति चाहे वो कहानी हो , उपन्यास हो या फिर आत्मकथा उस पर फिल्म...
View Articleकोई इच्छा अधूरी रह जाये, तो जिंदगी में आस्था बनी रहती है!
सुरेंद्र वर्मा का उपन्यास ‘मुझे चाँद चाहिए’ वह उपन्यास है जिसकी समीक्षा लिखते हुए उत्तर आधुनिक आलोचक सुधीश पचौरी ने लिखा था ‘यही है राईट चॉइस बेबी’. आज इस उपन्यास पर पूनम दुबे की टिप्पणी प्रस्तुत है....
View Articleसुरेंद्र मोहन पाठक की नजर से हिन्द पॉकेट बुक्स का इतिहास
हाल में हिंदी प्रकाशन जगत में एक बड़ी घटना बड़ी खामोशी से हुई. पेंगुइन रैंडम हाउस और हिन्द पॉकेट बुक्स प्रकाशन एक हो गई. हिंदी में पॉकेट बुक्स क्रांति लाने में हिन्द पॉकेट बुक्स की बड़ी भूमिका रही है....
View Articleप्रतिभा चौहान की कुछ कविताएँ
प्रतिभा चौहान बिहार न्यायिक सेवा में अधिकारी हैं लेकिन मूलतः कवयित्री हैं. उनकी कवितायेँ लगभग सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं. जानकी पुल पर पहली बार प्रकाशित हो रही हैं. उनकी कुछ...
View Articleपेंगुइन से संपर्क हुआ तो मेरे पंख कुछ और खुल गए- नरेन्द्र कोहली
हिंदी के वरिष्ठ लेखक नरेन्द्र कोहली की दो किताबें जनवरी में पेंगुइन रैंडम हाउस-हिन्द पॉकेट बुक्स से प्रकाशित होने वाली है. इसकी घोषणा हाल में ही हुई- मॉडरेटर...
View Articleन माला न मंतर न पूजा न सजदा तुझे हर घड़ी सोचना भी इबादत
रचना भोला यामिनी के लव नोट्स की किताब ‘मन के मंजीरे’ इस साल के आरम्भ में राजपाल एंड संज से आई थी. अपने ढंग की अलग सी शैली की इस रूहानी किताब की समीक्षा लिखी है कवयित्री स्मिता सिन्हा ने- मॉडरेटर...
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