Quantcast
Channel: जानकी पुल – A Bridge of World's Literature.
Viewing all articles
Browse latest Browse all 1475

नीरज की अंतिम कृति ‘साँसों के सितार पर’से कुछ कविताएँ

$
0
0
प्रसिद्ध कवि-गीतकार गोपालदास ‘नीरज’ के मरणोपरांत उनकी अंतिम कृति के रूप में प्रकाशित हुई है ‘साँसों के सितार पर’, जिसे सम्पादित किया है नीरज जी के अंतिम दौर के पसंदीदा संगीतकार कुमार चंद्रहास ने. हिन्द पॉकेट बुक्स तथा पेंगुइन बुक्स के संयुक्त उद्यम के रूप में प्रकाशित यह पहली किताब है. उसी संग्रह से कुछ कविताएँ- मॉडरेटर
===========================================
1.
हार न अपनी मानूंगा मैं!
 
हार न अपनी मानूंगा मैं!
चाहे पथ में शूल बिछाओ
चाहे ज्वालामुखी बसाओ,
किन्तु मुझे जब जाना ही है-
तलवारों की धारों पर भी, हँस कर पैर बढ़ा लूँगा मैं!
 
मन में मरू-सी प्यास जगाओ,
रस की बूँद नहीं बरसाओ,
किन्तु मुझे जब जीना ही है-
मसल-मसल कर उर के छाले, अपनी प्यास बुझा लूँगा मैं!
हार न अपनी मानूंगा मैं!
 
चाहे चिर गायन सो जाए,
और ह्रदय मुरदा हो जाए,
किन्तु मुझे अब जीना ही है-
बैठ चिता की छाती पर भी, मादक गीत सुना लूँगा मैं.
हार न अपनी मानूंगा मैं!
 
2
मधुर, तुम इतना ही कर दो!
 
मधुर तुम इतना ही कर दो!
यदि यह कहते हो मैं गाऊँ,
जलकर भी आनंद मनाऊँ
इस मिटटी के पंजर में मत छोटा सा उर दो!
मधुर तुम इतना ही कर दो!
 
तेरी मधुशाला के भीतर,
मैं ही खाली प्याला लेकर,
बैठा हूँ लज्जा से दबकर,
मैं पी लूं, मधु न सही, इसमें विष ही भर दो!
मधुर, तुम इतना ही कर दो!
 
3
मैं फूल
निर्जन की नीरव डाली का मैं फूल!
कल अधरों में मुस्कान लिए आया था,
मन में अगणित अरमान लिए आया था,
पर आज झर गया खिलने से पहले ही,
साथी हैं बस तन से लिपटे दो शूल.
निर्जन की नीरव डाली का मैं फूल.
 
4
तुम गए चितचोर!
 
तुम गए चितचोर!
स्वप्न-सज्जित प्यार मेरा,
कल्पना का तार मेरा,
एक क्षण में मधुर निष्ठुर तुम गए झकझोर.
तुम गए चितचोर!
 
हाय! जाना ही तुम्हें था,
यों रुलाना ही मुझे था
तुम गए प्रिय, पर गए क्यों नहीं ह्रदय मरोड़!
तुम गए चितचोर!
 
लुट गया सर्वस्व मेरा,
नयन में इतना अँधेरा,
घोर निशि में भी चमकती है नयन की कोर!
तुम गए चितचोर!
 

The post नीरज की अंतिम कृति ‘साँसों के सितार पर’ से कुछ कविताएँ appeared first on जानकी पुल - A Bridge of World's Literature..


Viewing all articles
Browse latest Browse all 1475

Trending Articles