नामवर सिंह की नई किताब है ‘द्वाभा’
जीते जी किंवदंती बन चुके नामवर सिंह की नई किताब आ रही है ‘द्वाभा’. राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब के बारे में पढ़िए- मॉडरेटर =================================== नामवर सिंह अब एक विशिष्ट शख्सियत की...
View Articleनिर्मल वर्मा को जब भी पढ़ती हूँ तो चकित होती हूँ- ममता सिंह
रेडियो की प्रसिद्ध एंकर ममता सिंह की कहानियां हम सब पढ़ते रहे हैं. हाल में ही राजपाल एंड संज प्रकाशन से उनकी कहानियों का पहला संकलन आया है ‘राग मारवा’, उसी को सन्दर्भ बनाकर युवा लेखक पीयूष द्विवेदी ने...
View Articleभारतीय भाषाओं में इतिहास-लेखन की परम्पराएँ और चुनौतियाँ (हिंदी के विशेष...
मध्यकालीन इतिहास के विद्वान रज़ीउद्दीन अक़ील ने भारतीय भाषाओं में इतिहास लेखन को लेकर एक गंभीर सवाल उठाया है. आजकल रज़ी साहब की चिंता के केंद्र में यह बात है कि हिंदी सहित अन्य भारतीय भाषाओं में इतिहास की...
View Article‘तमाशा’प्रेम की कहानी है या रोमांस की
तीन साल पहले आज के ही दिन इम्तियाज़ अली की फिल्म ‘तमाशा’ पर युवा लेखिका सुदीप्ति ने यह लेख लिखा था. तमाशा इम्तियाज़ की शायद सर्वश्रेष्ठ फिल्म है. प्यार और रोमांस के दर्शन की ओर ले जाने वाली फिल्म. खैर,...
View Article‘इमा’तुझे रोके है , रोके है मुझे ‘बेटी’
मणिपुर की राजधानी इम्फाल का इमा बाजार, जहाँ सिर्फ महिलायें बाजार लगाती हैं. उसके बारे में एक जीवंत टेक्स्ट लिखा है गीताश्री ने. वह अभी हाल में मणिपुर यात्रा पर गई थीं. बहुत साधा हुआ गद्य, न्यू...
View Articleविनीता परमार की कुछ कविताएँ
आज पढ़िए विनीता परमार की कविताएँ- मॉडरेटर ============= *नहीं की मैंने कोई यात्रा* 1. अंतहीन प्रतीक्षा की सरलता कितनी आसानी से मान लिया ठहर कर देखने की सहजता ने । तुम्हें हमेशा चलने की परेशानी रही...
View Articleकिताबों का साल अनुवाद का हाल
हिंदी में अनुवाद के पाठक बढ़ रहे हैं और चुपचाप उसका बाजार भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. इसी विषय पर मेरा यह लेख ‘कादम्बिनी’ के दिसंबर अंक में प्रकाशित हुआ है. जिन्होंने न पढ़ा हो उनके लिए- प्रभात रंजन...
View Articleलोकप्रिय लेखन सम्राट सुरेन्द्र मोहन पाठक अब पेंग्विन रैंडम हाउस इण्डिया से
हिंदी लोकप्रिय लेखन सम्राट सुरेन्द्र मोहन पाठक के प्रसिद्ध विमल सीरीज की आगामी दो किताबें अब हिंद पॉकेट बुक्स से प्रकाशित होंगी. जैसा कि विदित हो पेंग्विन-रैंडम हाउस ने हिंदी के सबसे प्रतिष्ठित...
View Articleकोलकाता में आयोजित ‘लिटरेरिया -2018’की एक रपट
कोलकाता में आयोजित होने वाले साहित्यिक आयोजन लिटरेरिया का यह दूसरा साल था. इस साल भी लेखकों-पाठकों की अच्छी भागीदारी रही. इस आयोजन से भाग लेकर लौटी कवयित्री स्मिता सिन्हा ने इस आयोजन पर एक विस्तृत...
View Article‘एक सेक्स मरीज़ का रोगनामचा: सेक्स ज़्यादा अश्लील है या कला जगत’की समीक्षा
प्रसिद्ध कला एवं फिल्म समीक्षक विनोद भारद्वाज ने कला जगत को लेकर दो उपन्यास पहले लिखे थे. हाल में ही उनका तीसरा उपन्यास आया है ‘एक सेक्स मरीज़ का रोगनामचा: सेक्स ज़्यादा अश्लील है या कला जगत’, इस...
View Articleजब ग़ज़ल नहीं बुन पाता हूँ कहानी बुनने लगता हूँ- गौतम राजऋषि
गौतम राजऋषि भारतीय सेना में कर्नल हैं लेकिन हम हिंदी वालों के लिए वे शायर हैं, ‘हरी मुस्कुराहटों का कोलाज’ के कथाकार हैं, साहित्यिक बहसों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले लेखक हैं. उनसे एक बेलाग और बेबाक...
View Articleमनीषा कुलश्रेष्ठ की पुस्तक ‘बिरजू लय’का एक अंश
प्रसिद्ध लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ ने कथक-गुरु बिरजू महाराज पर एक पुस्तक लिखी ‘बिरजू लय’. अभी हाल में ही उसका प्रकाशन नयी किताब प्रकाशन से हुआ है. प्रस्तुत है पुस्तक का एक छोटा सा अंश मनीषा कुलश्रेष्ठ...
View Articleख़ुसरौ रैन सुहाग की जागी पी के संग, तन मेरो मन पियो को दूधिए एक रंग
जब इतिहास के किसी किरदार, किसी प्रसंग पर इतिहासकार लिखता है तो उससे विश्वसनीयता आती है और आजकल इतिहास के विश्वसनीय पाठ पढना जरूरी लगने लगा है. हज़रत अमीर ख़ुसरौ देहलवी (१२५३ – १३२५) पर जाने-माने...
View Article‘केदारनाथ’के सिवा फिल्म में नया कुछ नहीं है
फिल्म ‘केदारनाथ’ की समीक्षा सैयद एस. तौहीद ने लिखी है- मॉडरेटर ========================================== रॉक ऑन’ और ‘काई पो चे’ जैसी फिल्में बनाने वाले अभिषेक कपूर की फ़िल्म ‘केदारनाथ‘ रिलीज़ हो चुकी...
View Articleसो न सका कल याद तुम्हारी आई सारी रात, और पास ही बजी कहीं शहनाई सारी रात
कल एक पुस्तक मिली ‘कविता सदी‘. राजपाल एंड संज प्रकाशन से प्रकाशित इस संकलन के सम्पादक हैं सुरेश सलिल. 624 पृष्ठों के इस संकलन को नाम दिया गया है आधुनिक कविता का प्रतिनिधि संचयन. भारतेंदु हरिश्चंद्र,...
View Articleरोजनामचा है, कल्पना है, अनुभव है!
हाल में ही रज़ा पुस्तकमाला के तहत वाणी प्रकाशन से युवा इतिहासकार-लेखक सदन झा की ललित गद्य की पुस्तक आई है ‘हाफ सेट चाय और कुछ यूँही’. प्रस्तुत है उसकी भूमिका और कुछ गद्यांश- मॉडरेटर ================...
View Articleकोलंबियंस को सिएस्टा और फिएस्टा दोनों से लगाव है
गाब्रिएल गार्सिया मार्केज़, शकीरा और पाब्लो एस्कोबार के देश कोलंबिया की राजधानी बोगोता की यात्रा पर यह टिप्पणी लिखी है युवा लेखिका पूनम दुबे ने. पूनम पेशे से मार्केट रिसर्चर हैं. बहुराष्ट्रीय रिसर्च...
View Articleतसनीम खान की कहानी ‘मेरे हिस्से की चांदनी’
समकालीन युवा लेखन में तसनीम खान का नाम जाना-पहचाना है. उनकी नई कहानी पढ़िए- मॉडरेटर ============ आंगन में फैली रातरानी के महकने का वक्त हो चला। वो इस कदर महक रही थी कि पूरा घर इस खूशबू से तर हो गया।...
View Articleभारत में शादी विषय पर 1500-2000 शब्दों में निबंध लिखें
अभी दो दिन पहले नोएडा जाते वक्त जाम में फंस गया. कारण था शादियाँ ही शादियाँ. तब मुझे इस व्यंग्य की याद आई. सदफ़ नाज़ ने लिखा था शादियों के इसी मौसम में- मॉडरेटर...
View Articleनेटफ्लिक्स का जंगल बुक सांप्रदायिक है
नेटफ्लिक्स पर जंगल बुक देख रहा था. उसमें मैंने देखा कि बघीरा मोगली को सिखा रहा था कि गाय का शिकार नहीं करना चाहिए क्योंकि वह हमारी माँ होती है. यही नहीं केवल एक शेर खान है जो जंगल में गाय का शिकार...
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