अनुकृति उपाध्याय की नौ ग़ज़लें
अनुकृति उपाध्याय को हम हिन्दी-अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं के समर्थ और सशक्त लेखक के तौर पर जानते हैं। आज कल वह एक नई विधा में हाथ आज़मा रही हैं। ग़ज़लें लिख रही हैं। उनकी कुछ ग़ज़लें प्रस्तुत हैं-...
View Articleममता सिंह की कहानी ‘स्कूबा डाइविंग’
कल ममता सिंह को उनके उपन्यास ‘अलाव में कोख’ के लिए महाराष्ट्र राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया। जानकी पुल की ओर से उनको बधाई और इस अवसर पर पढ़िए उनकी कहानी- ================== मुझे पानी...
View Articleगीताश्री के उपन्यास ‘सामा चकवा’का एक अंश
हाल में ही गीताश्री का उपन्यास आया है ‘सामा चकवा’। मिथिला का एक पर्व, द्वापर युग की कथा, पर्यावरण प्रेम। उपन्यास अनेक समकालीन संदर्भों को ध्वनित करने वाला है। राजपाल एंड संज से प्रकाशित इस उपन्यास का...
View Articleयतीश कुमार की पुस्तक ‘बोरसी भर आँच’का एक अंश
कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की यह पुस्तक राधाकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित हुई है। उसी पुस्तक से एक अंश पढ़िए- ========================== मन के भीतर...
View Articleपुतिन की नफ़रत, एलेना का देशप्रेम
इस साल डाक्यूमेंट्री ‘20 डेज़ इन मारियुपोल’ को ऑस्कर दिया गया है। इसी बहाने रूसी पत्रकार एलेना कोस्त्युचेंको की किताब ‘आई लव रशिया : रिपोर्टिंग फ्रॉम अ लॉस्ट कंट्री’ पर यह लेख लिखा है जाने माने...
View Articleएक सिनेमा शिक्षक की स्मृति में
फ़िल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, पुणे के डीन अमित त्यागी का निधन हो गया। उनको याद किया है लखन रघुवंशी ने, जो देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में प्राध्यापक हैं। आप भी पढ़...
View Articleगिरिराज किराडू की लगभग कविताएँ
आज विश्व कविता दिवस पर पढ़िए मेरी पीढ़ी के सबसे प्रयोगशील और मौलिक कवि गिरिराज किराडू की कविताएँ जो उनकी प्रयोगधर्मिता का नया आयाम हैं- प्रभात रंजन =================== लगभग कविता गिरिराज किराडू वैसे...
View Article‘भक्त ध्रुव’ से ‘कहाँ खो गए हम’ तक
वरिष्ठ लेखिका अंजली देशपांडे की यह दिलचस्प टिप्पणी पढ़िए जो सिनेमा देखने के अनुभवों को आधार बनाकर लिखा गया है। आप भी पढ़ सकते हैं- ================ दिल्ली की हाड़ कंपा देने वाली शीत लहर में जब गाज़ा...
View Articleविश्व रंगमंच दिवस विशेष
आज विश्व रंगमंच दिवस है। आज पढ़िए कवि-नाट्य समीक्षक मंजरी श्रीवास्तव का यह लेख जो कुछ यादगार अंतरराष्ट्रीय नाट्य प्रस्तुतियों को लेकर है- ======================== 1. आज विश्व रंगमंच दिवस पर मैं आप...
View Articleरज़ा युवा-2024 –सीखने का व्यापक मंच
रज़ा न्यास द्वारा आयोजित ‘युवा 2024’ का आयोजन यादगार रहा। यह युवा का सातवाँ आयोजन था। युवा रचनाकारों के लिए हिन्दी पट्टी में इस तरह का शायद ही कोई दूसरा आयोजन होता हो। दो दिन चले कार्यक्रम पर यह रपट...
View Articleगरिमा जोशी पंत की कहानी ‘संवेदनाओं की छिपकलियां’
व्यक्ति अपनी किशोरावस्था में जैसा होता है क्या यह ज़रूरी है कि एक लंबा उम्र जी लेने के बाद उसकी वह भावनाएँ, संवेदनाएँ बदलती होंगी ? वह उसे समझ पाता होगा और क्या समझ कर निर्ममता से उसे स्वीकार कर पाता...
View Articleतसलीमा नसरीन की कविताएँ, अनुवाद- गरिमा श्रीवास्तव
प्रसिद्ध लेखिका तसलीमा नसरीन की कुछ नयी कविताओं का बंगला से हिन्दी अनुवाद प्रोफ़ेसर गरिमा श्रीवास्तव ने किया है। आप भी पढ़ सकते हैं- =========================== 1.मैं हूँ अनश्वर बुरका न पहनने पर...
View Articleकिंशुक गुप्ता की कहानी ‘ज़ी-होश’
युवा लेखकों में किंशुक गुप्ता की कहानियों ने कम समय में ही सबका ध्यान आकर्षित किया है। वे नई संवेदनशीलता के साथ आये हैं और हिन्दी कहानी में एक नई लकीर खींच रहे हैं। आज पढ़िए उनकी कहानी जो वैसे तो ‘हंस’...
View Articleबेबी हालदार से शर्मिला जालान की बातचीत
बेबी हालदार, एक ऐसा नाम जिनकी जीवन यात्रा हमें स्तब्ध करती है। एक ऐसी महिला जिनकी शादी बहुत जल्द करा दी गई, उसी जल्दबाजी में बच्चे भी हो गए। लेकिन अपने जीवन में वह इज्ज़त, गरिमा नहीं मिल पाई जिसका...
View Articleसुरेश पंत की किताबों ‘शब्दों के साथ-साथ’व ‘शब्दों के साथ-साथ-2’की समीक्षा
भाषा, जिसमें हम हर वक्त जीते हैं। एक बात जो बहुत ज़्यादा महसूस होती है कि भाषा के बारे में शुरुआती स्तर पर हर कोई यही कहते आए हैं कि ‘भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम है’ लेकिन क्या यह बस इतना ही है? क्या ऐसा...
View Article‘बोरसी भर आँच’की उष्मा
आज पढ़िए यतीश कुमार की मार्मिक संस्मरण पुस्तक ‘बोरसी भर आँच’ की यह समीक्षा जिसे लिखा है कवि-तकनीकविद सुनील कुमार शर्मा ने। यह पुस्तक राधाकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित है- ============================...
View Articleसंदीप तिवारी की कविताएँ
आज पढ़िए युवा कवि संदीप तिवारी की कविताएँ। इन कविताओं को पढ़ते हुए उन बदली हुई परिस्थितियों पर सहज ही ध्यान चला जाता है जब कभी न कभी, धीरे-धीरे सबसे एक शहर छूट जाता है, जब जीवन में निश्चितताएँ अधिक...
View Article‘बहुजन स्कालर्स फोरम’द्वारा आयोजित गोष्ठी की रपट
‘बहुजन स्कॉलर्स फोरम‘ विभिन्न शोधार्थियों व विद्यार्थियों का एक संगठन है जिसके माध्यम से यह समय-समय पर सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक प्रयास करता रहता है। कल, 14 अप्रैल 2024 ई. को, बाबा भीमराव अंबेडकर की...
View Articleतसनीम खान की कहानी
विभाजन त्रासदी को क्या किसी एक दिन या एक साल से जोड़ कर देखा जा सकता है ? विभाजन वर्ष केवल एक है लेकिन उससे जुड़ी भयानक स्मृतियाँ एक निश्चित समय की नहीं हो सकती हैं। विभाजन पर भीष्म साहनी का उपन्यास...
View Articleअनुकृति उपाध्याय से प्रभात रंजन की बातचीत
किसी के लिए भी अपनी लेखन-यात्रा को याद करना रोमांच से भरने वाला होता होगा । जब आप अपनी शुरुआती स्तर से कुछ दूर निकल आते हैं तब वहाँ से पीछे मुड़ कर देखना-सोचना अलग तरह के एहसास से भर देने वाला होता है,...
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