चीन, आम, माओ और सांस्कृतिक क्रांति!
एक किताब में आम, चीन और वहाँ की सांस्कृतिक क्रांति को लेकर यह दिलचस्प क़िस्सा पढ़ा तो आपसे साझा कर रहा हूँ। किताब का नाम पोस्ट में यथास्थान दिया गया है- प्रभात रंजन...
View Articleज्ञानी कुमार की कविताएँ
ज्ञानी कुमार गया कॉलेज, गया से हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं।जानकीपुल पर उनकी कविताओं के प्रकाशन का यह पहला अवसर है। आज उनकी कविताओं से हमारा परिचय करा रही हैं युवा लेखिका ट्विंकल...
View Articleताइवान की रात और एक दुर्घटना
आज पढ़िए देवेश पथ सारिया का यह संस्मरण को ताइवान से जुड़ा हुआ है। एक रात के अनुभव को लेकर लिखा है देवेश ने जब वे एक दुर्घटना के गवाह बने थे। देवेश हिन्दी के उन कवियों में हैं जो अच्छा गद्य भी लिखते...
View Article‘जवाहरलाल हाज़िर हो’पुस्तक का एक अंश
हाल में पंकज चतुर्वेदी की एक किताब आई ‘जवाहरलाल हाज़िर हो’। यह किताब आजादी की लड़ाई के दौरान देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जेल यात्राओं को लेकर है। नेहरू जी ने 3259 दिन जेल में बिताये थे।...
View Articleप्रज्ञा विश्नोई की नौ कविताएँ
युवा लेखिका प्रज्ञा विश्नोई की कहानी हम लोगों ने कुछ दिन पहले पढ़ी थी। बहुत ताजगी थी उनकी शैली में। आज पढ़िए उनकी कुछ कविताएँ। उनकी कविताएँ भी अलग शैली की हैं। नौ ग्रहों को आधार बनाकर लिखी गई प्रेम...
View Articleकान फ़िल्म फेस्टिवल: विस्तृत टिप्पणी
वाणी त्रिपाठी अभिनेत्री रही हैं, फ़िल्म सेंसर बोर्ड की सदस्य रही हैं। जानकी पुल के लिए वह एक स्तंभ लिखती हैं ‘जनहित में जारी सब पर भारी’। इस स्तंभ में आज उन्होंने फ़्रांस के प्रतिष्ठित कान फ़िल्म...
View Articleज्यामिति: संवेदना और साहस से उपजी कविताएँ
शांति नायर के कविता संग्रह ‘ज्यामिति’ पर यह विस्तृत टिप्पणी लिखी है जानी-मानी कवयित्री सुमन केशरी ने। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस संग्रह पर सुमन जी ने जो लिखा है यह उन कविताओं की व्याख्या भी करती है...
View Articleपूनम अरोड़ा की पुस्तक ‘परख’की समीक्षा
कवयित्री पूनम अरोड़ा की पुस्तक आई है ‘परख’, जो प्रसिद्ध कवि-लेखक-संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी से बातचीत पर आधारित पुस्तक है। इसी पुस्तक पर यह टिप्पणी लिखी है कवयित्री अमिता मिश्र ने। सेतु प्रकाशन से...
View Articleविनायक दामोदर सावरकर की पुस्तक‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ का इतिहास
विनायक दामोदर सावरकर की किताब ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ का भी अपना इतिहास है। यह पहली किताब है जिसमें 1857 की क्रांति को उन्होंने स्वाधीनता का पहला संग्राम कहा। नहीं तो उसको सिपाही विद्रोह ही कहा जाता...
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पालतू पशुओं का चलन अब आम हो चुका है। इस संदर्भ में मुख्यतः अकेलेपन का सवाल उठता रहा है। इससे संबंधित आज प्रवीण ‘बनजारा’ की कहानी ‘दो एकांत’ प्रस्तुत है- अनुरंजनी ================================= दो...
View Articleउनाकोटी और छबिमुड़ा: त्रिपुरा की गोद में छिपा रोमांच
जानी-मानी लेखिका विनीता परमार हाल में त्रिपुरा की एकल यात्रा पर गई थीं। त्रिपुरा यात्रा को उन्होंने शब्दों में संजोया और मुझे भेजा। आप लोगों से साझा कर रहा हूँ। आप भी इस रोमांचक यात्रा में भागीदार...
View Articleबाघों के सबसे प्रिय दोस्त वाल्मीकि थापर का जाना
प्रकृति प्रेमी, बाघों के संरक्षण के लिए आजीवन काम करने वाले वाल्मीकि थापर नहीं रहे। उनके अतुलनीय योगदान को याद कर रही हैं प्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी वाणी त्रिपाठी– मॉडरेटर ==========================...
View Articleनिहाल पराशर की कहानी ‘चुन्नू उत्साही, MLA कैंडिडेट’
समकालीन लेखकों में निहाल पराशर की कहानियों का मिज़ाज सबसे जुदा है। गहरे व्यंग्य-बोध के साथ लिखते हैं। उदाहरण के लिए यही कहानी लीजिए- मॉडरेटर =================== चून्नू उत्साही चुनाव के मैदान में कूद...
View Articleलोक और शास्त्र का लालित्यपूर्ण वैभव- प्रिया नीलकण्ठी
आज हिन्दी के प्रसिद्ध निबंधकार कुबेरनाथ राय की पुण्यतिथि है। इस अवसर पर उनके प्रसिद्ध निबंध संग्रह ‘प्रिया नीलकंठी’ पर पढ़िए युवा विद्वान अम्बुज पाण्डेय का यह लेख। अम्बुज जी ने बीएचयू से पढ़ाई की है और...
View Articleअम्बर पाण्डेय से प्रभात रंजन की बातचीत
समकालीन लेखकों में अम्बर पाण्डेय ऐसे हैं जिनके पास कहने के लिए बहुत कुछ है। परंपरा की गहरी समझ है तो आधुनिक दृष्टि भी है। आप उनसे असहमत हो सकते हैं लेकिन उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते। प्रस्तुत...
View Article‘आन्ना कारेनिना’उपन्यास पर मनीषा कुलश्रेष्ठ
लियो टॉलस्टॉय का उपन्यास आन्ना कारेनिना 1878 में प्रकाशित हुआ था। प्रेम, यौनाचार, बेवफ़ाई जैसी मूल प्रवृत्तियों को लेकर लिखे गये इस उपन्यास में टॉलस्टॉय ने जो प्रश्न उठाये थे वे आज भी प्रासंगिक हैं। यह...
View Articleज्योति रीता की कविताएँ
आज प्रस्तुत है ज्योति रीता की कुछ नयी कविताएँ। इन कविताओं के केंद्र में प्रेम, स्त्री, प्रकृति और युद्ध मुख्यतः शामिल हैं जो निश्चित ही हमें संवेदनशील होने के प्रति और अधिक प्रेरित करती है – अनुरंजनी...
View Articleशहादत की कहानी ‘मुज़फ़्फ़रनगर में ईद’
आज पढ़िए शहादत की कहानी। शहादत की कहानी समकालीन समाज के ताने-बाने को को बहुत संवेदनशील ढंग से इस कहानी में दिखाते हैं। आप भी पढ़िए- मॉडरेटर =================================== मुज़फ्फरनगर में यह हमारी...
View Articleमिथिलेश प्रियदर्शी की कहानी ‘सहिया’
आज पढ़िए समकालीन कथाकारों में जाने-पहचाने नाम मिथिलेश कुमार प्रियदर्शी की कहानी ‘सहिया’। उनका कहानी संग्रह ‘लोहे का बक्सा और बंदूक़’ जानकी पुल शशिभूषण द्विवेदी स्मृति सम्मान की लांग लिस्ट में शामिल...
View Articleविश्वनाथ त्रिपाठी से एक मुलाक़ात
हाल में ही युवा शायर और दिल्ली विश्वविद्यालय के शोध छात्र अभिषेक कुमार अम्बर प्रसिद्ध आलोचक विश्वनाथ त्रिपाठी से मिलने गये। उस मुलाक़ात का बड़ा जीवंत वर्णन किया है अभिषेक ने। आप भी पढ़ सकते हैं-...
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