रामविलास पासवान की जीवनी का प्रकाशन
रामविलास पासवान की जीवनी वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप श्रीवास्तव लिख रहे थे। यह जानकारी मुझे थी। अब वह जीवनी प्रकाशित होकर सामने आ गई है। पेंगुइन से प्रकाशित इस जीवनी में रामविलास पासवान के जीवन संघर्ष, लगभग...
View Article‘ख़ानाबदोश’की काव्यात्मक समीक्षा
पंजाबी की प्रसिद्ध लेखिका अजीत कौर की आत्मकथा ‘ख़ानाबदोश’ की काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने। आप भी आनंद लीजिए- ======================= 1. नाभि से कान सटाये हामला औरत-एक ज़ख्मी बाज़ नंगे दरख़्त...
View Articleकविता शुक्रवार 20: निशांत की कविताएँ सोनम सिकरवार के चित्र
‘कविता शुक्रवार’ की इस बीसवीं प्रस्तुति में युवा कवि निशांत की कविताएं और सोनम सिकरवार के चित्र हैं। वर्ष 2008 में कविता के लिए प्रतिष्ठित भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार निशांत को दिया गया था। किसी एक...
View Articleबहुरुपिये राक्षस और दो भाइयों की कथा: मृणाल पाण्डे
‘बच्चों को न सुनाने लायक बाल कथायें’ सीरिज़ की यह 20 वीं कथा है। इस सीरिज़ में प्रसिद्ध लेखिका मृणाल पाण्डे पारम्परिक लोक कथाओं का पाठ इस तरह से करती हैं कि वे समकालीन लगने लगती हैं। एक और मानीखेज़...
View Articleबदलते समय के सांस्कृतिक क्षरण की दो कहानियां
कथाकार-उपन्यासकार संतोष दीक्षित ने इस लेख में रेणु जी की कहानी ‘रसप्रिया’ और मनोज रुपड़ा की कहानी ‘साज़-नासाज़’ के बहाने सांस्कृतिक क्षरण को रेखांकित किया है। एक अच्छा लेख- =================...
View Article‘राजनटनी’उपन्यास की काव्यात्मक समीक्षा
हाल में गीताश्री का उपन्यास ‘राजनटनी’ प्रकाशित हुआ है, जिसकी काव्यात्मक समीक्षा की है यतीश कुमार ने- ================================= राजनटनी 1. योजनाओं की भी अपनी यात्रा होती है जो घटने के लिए भटकती...
View Articleवीरेन्द्र प्रसाद की कुछ नई कविताएँ
भा.प्र.से. से जुड़े डॉ. वीरेन्द्र प्रसाद अर्थशास्त्र एवं वित्तीय प्रबंधन में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है। वे पशु चिकित्सा विज्ञान में स्नातकोत्तर भी हैं। रचनात्मक लेखन में उनकी रुचि है।...
View Articleरानी रूपमती ने बाँची अपनी कथा: ‘रानी रूपमती की आत्मकथा’
वरिष्ठ लेखक प्रियदर्शी ठाकुर ‘ख़याल’ का उपन्यास आया है ‘रानी रूपमती की आत्मकथा’। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास पर यह टिप्पणी लिखी है युवा कवयित्री रश्मि भारद्वाज ने। आप भी पढ़ सकते हैं-...
View Articleजब दर्द नहीं था सीने में तब ख़ाक मज़ा था जीने में!
शायर और पुलिस अधिकारी सुहैब अहमद फ़ारूक़ी कोविड 19 से संक्रमित होकर आइसोलेशन में हैं। वहाँ से उन्होंने यह मार्मिक अनुभव लिख भेजा है। आप भी पढ़िए – ======================================= जब दर्द...
View Articleप्रतिभा कटियार की कहानी ‘विश्वदीपक’
प्रतिभा कटियार की कहानी पढ़िए। प्रतिभा कटियार – लखनऊ में जन्मी, पली-बढ़ी। राजनीति शास्त्र में एम ए, एलएलबी, पत्रकारिता में डिप्लोमा। 12 वर्षों तक प्रिंट मीडिया में पत्रकारिता। कुछ कहानियां, कुछ कविताएं...
View Articleहरि मृदुल की सात कविताएं
‘कविता शुक्रवार’ ने फ़िलहाल विराम लिया है। नए साल में दुबारा शुरू होगा। राकेश श्रीमाल उसकी तैयारी में लगे हैं। बीच बीच में विशेष प्रसंगों में कविताओं का प्रकाशन होता रहेगा। जैसे आज। हमारे देश में...
View Articleउड़िया भाषा के लेखक प्रबुद्ध जगदेब की कहानी ‘समय-असमय’
युवा उड़िया लेखक प्रबुद्ध जगदेब की कहानी हिंदी में पढ़िए। यह कहानी धौली बुक्स द्वारा उड़िया में प्रकाशित कहानी संग्रह से ली गई है- समय-असमय सुबह नौ से ग्यारह का वक्त रहा होगा। दिल्ली मेट्रो सेन्द्रल...
View Articleखूबसूरत कहानियों का गुलदस्ता है रवि कथा!
ममता कालिया की किताब ‘रवि कथा’ पर यह विस्तृत टिप्पणी लिखी है चिकित्सक लेखिका निधि अग्रवाल ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ================ ‘पापा का आज जन्मदिन है और दिल करता है उन्हें एक सुंदर प्रेमिका उपहार...
View Articleअनुकृति उपाध्याय की कहानी ‘बिल्लियाँ’
अनुकृति उपाध्याय अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में लिखती हैं और ख़ूब लिखती हैं। हिंदी वाले उनको अपने कथा संग्रह ‘जापानी सराय’ के लिए याद करते हैं तो अंग्रेज़ी में आजकल वह अपने उपन्यास ‘किंसुगी’ के कारण चर्चा...
View Article‘देस’ की तलाश में मैथिली सिनेमा
मैथिली सिनेमा पर एक अच्छा लेख ‘प्रभात खबर’ के दीवाली विशेषांक में आया है। लिखा है लेखक-पत्रकार अरविंद दास ने। जिन्होंने न पढ़ा हो उनके लिए साभार प्रस्तुत कर रहे हैं- =================== वर्ष 1937 में...
View Articleइतिहास और कल्पना कोरस ‘राजनटनी’
गीताश्री के उपन्यास राजनटनी की विस्तृत समीक्षा लिखी है प्रखर युवा शोधार्थी सुरेश कुमार ने। यह उपन्यास हाल में ही राजपाल एंड संज प्रकाशन से आया है- =========== स्त्रीविमर्श की सिद्धांतकार गीताश्री ने...
View Articleराजीव कुमार की कहानी ‘वंचना’
राजीव कुमार समीक्षाएँ लिखते हैं, कविताएँ लिखते हैं। यह उनकी पहली कहानी है। एक अलग मिज़ाज, अलग तरह की भाषा में लिखी कहानी- ===================== जुले खान आप बहार की तरह आयी थी और पतझड़ में गुम हो गई।...
View Articleअहमद नदीम क़ासमी : भारतीय उपमहाद्वीप का सरमाया
आज भारतीय उपमहाद्वीप के बड़े लेखक-शायर अहमद नदीम क़ासमी की जयंती है। जब छोटा था तो टीवी पर किसी मुशायरे की रेकार्डिंग आ रही थी तो उसमें वह भी सुना रहे थे। उनका एक शेर आज तक याद रह गया- ‘सुबह होते ही...
View Articleपटना ब्लूज’में बिहार की वर्तमान राजनीति की पृष्ठभूमि है
अब्दुल्ला खान का उपन्यास ‘पटना ब्लूज’ मूल रूप से अंग्रेज़ी में प्रकाशित हुआ लेकिन इस उपन्यास को दो साल के अंदर सभी भारतीय भाषाओं ने अपनाया है। यह हाल के वर्षों में सबसे अधिक भाषाओं में अनूदित होने...
View Articleनहर वाले खेत की हरियाली: मिथिलेश कुमार राय
मिथिलेश कुमार राय युवा लेखकों में जाना पहचाना नाम है। इनका उपन्यास ‘कोयला ईंजन’ शीघ्र प्रकाशित होने वाला है उसी का एक अंश पढ़िए- ======================== नहर वाले खेत की हरियाली प्रभात खबर के दीपावली...
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