युवा शायर त्रिपुरारि की नज़्म ‘फ़र्ज़’
समकालीन दौर के प्रतिनिधि शायरों में एक त्रिपुरारि की यह मार्मिक नज़्म पढ़िए- मॉडरेटर ======= फ़र्ज़ – यही है हुक्म कि हम सब घरों में क़ैद रहें तो फिर ये कौन हैं सड़कों पे चलते जाते हैं कि तेज़ धूप में...
View Articleलॉकडाउन के दिनों में ट्रेवेलॉग के बारे में
मानव कौल की किताब ‘बहुत दूर कितना दूर होता है’ की समीक्षा प्रस्तुत है। हिंद युग्म से प्रकाशित इस पुस्तक की समीक्षा की है अविनाश कुमार चंचल ने- मॉडरेटर ================= अभी जब मैं यह लिखने बैठा हूं...
View Articleदिल की दहलीज़ प’बैठी है कोई शाम उदास
सुहैब अहमद फ़ारूक़ी ज़िम्मेदार पुलिस अधिकारी हैं और शायर हैं। उनका यह सफ़र 25 साल का हो चुका है। उन्होंने अपने इस सफ़र की दास्तान लिखी है, जो प्रसिद्ध लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक की भूमिका के साथ...
View Articleजी. एस. पथिक : नवजागरण का स्त्री पक्ष
सुरेश कुमार युवा हैं, शोध छात्र हैं। इनको पढ़ते हुए, इनसे बातें करते हुए रोज़ कुछ नया सीखता हूँ। 19 वीं-20 वीं शताब्दी के साहित्य पर इनकी पकड़ से दंग रह जाता हूँ। फ़िलहाल यह लेख पढ़िए। स्त्री विमर्श...
View Articleउर्मिला शिरीष की कहानी ‘बिवाइयाँ’
उर्मिला शिरीष 1980-90 के दशक की पढ़ी जाने वाली लेखिका रही हैं। मेरे मेल पर उनकी यह कहानी आई है। आप भी पढ़िए- मॉडरेटर ============= दुकान पर पाँव रखने की जगह नहीं थी। शहर का पुराना बाज़ार। छोटी सँकरी...
View Articleजेंडर गैरबराबरी का आईना कोविड- 19
कोविड-19 के काल में घरेलू हिंसा का पहलू उभरकर आ रहा है। इसके ऊपर यह विश्लेषणपरक लेख लिखा है मधु भट्ट ने। मधु भट्ट जागोरी नामक प्रसिद्ध संस्था में काम करती हैं और महिला अधिकार कार्यकर्ता हैं- मॉडरेटर...
View Articleखिड़की के पल्ले के बाहर झींगुरों की आवाज़ अभी भी आ रही है: रस्किन बॉन्ड
19 मई को महान लेखक रस्किन बॉन्ड 86 साल के हो जाएँगे। आज इंडियन एक्सप्रेस में उनसे बातचीत के आधार पर देवयानी ओनियल ने यह लेख लिखा है। मेरी अंतरात्मा को जगाने वाले के मित्र के अनुरोध-आदेश पर इस लेख का...
View Articleअपनी सही चमक जानने वाला तारा बनना है!
देवेश पथ सारिया ताइवान के एक विश्वविद्यालय में शोध छात्र हैं, और हाल के दिनों में सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं, वेबसाइट्स-ब्लॉग्स में इनकी कविताएँ प्रकाशित हुई हैं, सराही गई हैं। इस लेख में उन्होंने युवा...
View Articleप्रमोद द्विवेदी की कहानी ‘पिलखुआ की जहाँआरा’
‘जनसत्ता’ के फ़ीचर एडिटर रहे प्रमोद द्विवेदी ने अपने कथाकार रूप के प्रति उदासीनता बरती नहीं तो वे अपनी पीढ़ी के सबसे चुटीले लेखक थे। मुझे याद है आरम्भिक मुलाक़ातों में एक बार शशिभूषण द्विवेदी ने उनकी...
View Articleविवाह को ‘जीवन बीमा’कहने वाली लेखिका प्रियंवदा देवी
सुरेश कुमार हिंदी के नवजागरणकालीन साहित्य से जुड़े अछूते विषयों, भूले हुए लेखक-लेखिकाओं पर लिखते रहे हैं। आज स्त्री विमर्श की एक ऐसी लेखिका पर उन्होंने लिखा है जो महादेवी वर्मा की समकालीन थीं। लेकिन...
View Articleसुमेर सिंह राठौड़ की लॉकडाउन डायरी
सुमेर सिंह राठौड़ पक्के न्यू एज राइटर हैं। न्यू एज राइटर से मेरा मतलब यह नहीं है कि जो कैम्पस पर लिखे, प्रेम पर लिखे बल्कि वह जो अलग अलग माध्यमों को समझे, उनकी सम्भावनाओं-सीमाओं को समझते हुए उनका...
View Articleजन्नत, दोज़ख़ और पाताललोक
सुहैब अहमद फ़ारूक़ी पुलिस अधिकारी हैं, शायर हैं। वेब सीरिज़ पाताललोक पर उनकी कहानी पढ़िए। मुझे पाताललोक देखने की सलाह उन्होंने ही दी थी। अब समझ में आया क्यों दी थी। दिलचस्प है- प्रभात रंजन...
View Articleमौत को नज़र चुरा कर नहीं नज़र मिला कर देखें
लॉकडाउन डायरी आज भेजी है ब्रिटेन से प्रज्ञा मिश्रा ने। मृत्यु और दुनिया भर की क़ब्रों को लेकर लिखा गया यह गद्य इस समय की भयावहता को तो दिखाने वाला है ही भौतिकता की निस्सारता का पाठ भी है- मॉडरेटर।...
View Articleप्रवीण कुमार झा की कहानी ‘स्लीपर सेल’
बहुत कम लेखक होते हैं जो अनेक विधाओं में लिखते हुए भी प्रत्येक विधा की विशिष्टता को बनाए रख सकते हैं। उनकी ताज़गी बरकरार रखते हुए। लॉकडाउन काल में प्रवीण कुमार झा का कथाकार रूप भी निखार कर आया है। यह...
View Articleकोरोना के समय में गंगा से बातें
संवाद अनुवाद के माध्यम से भी होता है। रेखा सेठी का यह अनुवाद पढ़िए उनकी भूमिका के साथ- मॉडरेटर ================================== भारतीय अंग्रेज़ी कविता की खूबसूरती इस बात में है कि संवेदना के धरातल पर...
View Articleकिताबों के विज्ञापन और हमारे मूर्धन्य लेखक
युवा शोधकर्ता सुरेश कुमार के कई लेख हम पढ़ चुके हैं। इस बार उन्होंने इस लेख में अनेक उदाहरणों के साथ यह बताया है कि आधुनिक हिंदी साहित्य के आधार स्तम्भ माने जाने वाले लेखक भी अपनी किताबों के...
View Articleइस अकेले समय में पढ़ने का आनन्द: अशोक महेश्वरी
पिछले दिनों प्रकाशन जगत की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘ऑल अबाउट बुक पब्लिशिंग’ मैंने अंग्रेज़ी के एक प्रमुख प्रकाशन के प्रतिनिधि का इंटरव्यू पढ़ा था, जिसमें उनका कहना था कि लॉकडाउन के दौरान उनके प्रकाशन की...
View Articleईद पर सुहैब अहमद फ़ारूक़ी की ग़ज़लें
आज ईद है। मुझे कल चाँद दिखते ही ईदी मिल गई थी। भाई सुहैब अहमद फ़ारूक़ी ने अपनी ग़ज़लें ईद के तोहफ़े में भेजी। आप लोगों को भी ईद मुबारक के साथ साझा कर रहा हूँ- मॉडरेटर ============== 1 रफ़्ता रफ़्ता...
View Articleसजी थी बज़्म, मगर टूट गया साज़ का तार
पं जश करण गोस्वामी एक मूर्घन्य सितार वादक थे. राजस्थान संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार एवं एम0 पी0 बिरला फाउंडेशन कला सम्मान जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित पं गोस्वामी ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा...
View Articleदुष्यंत बहुत ही फक्कड़, उन्मुक्त लेकिन बहुत सुसंस्कृत व्यक्ति था – कमलेश्वर
दुष्यंत कुमार वरिष्ठ कथाकार कमलेश्वर के अभिन्न मित्र थे।दुष्यंत के नहीं रहने के बाद कमलेश्वर ने अपनी बिटिया ममता का रिश्ता दुष्यंत के बेटे आलोक त्यागी से किया। इस संस्मरण में दुष्यंत को उनके अभिन्न...
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