किताबों की दुनिया का अगला बड़ा घमासान ऑडियो बुक का क्षेत्र है। ऑडियो बुक के क्षेत्र के बारे में यह माना जा रहा है कि आने वाले समय में इससे वे पाठक भी हिंदी से जुड़ सकते हैं जो किताबें नहीं पढ़ते हैं। हाल में ही अमेजन की सहयोगी कम्पनी ऑडिबल ने हिंदी के पुराने और प्रतिष्ठित प्रकाशन राजपाल एंड संज के साथ करार किया है, इस करार के तहत दो सौ से अधिक नई पुरानी किताबें ऑडियो बुक के रूप में सुनने को मिलेंगी। राजपाल की कुछ अत्यंत प्रसिद्ध किताबें, जैसे आज के प्रसिद्ध शायर सीरिज़ की किताबें, आवारा मसीहा जैसी किताब, या मोहन राकेश का नाटक ‘आषाढ़ का एक दिन’ कमलेश्वर के उपन्यास, रस्किन बॉंड की किताबें, साहिर की प्रसिद्ध किताब ‘तल्खियाँ’ आदि जल्द ऑडियो बुक के रूप में सुनने को उपलब्ध हो सकती हैं। हिंदी के नए लेखकों, जैसे भगवंत अनमोल, अनुकृति उपाध्याय, अशोक कुमार पांडेय, गौतम राजऋषि आदि के साथ साथ मनीषा कुलश्रेष्ठ आदि वरिष्ठ लेखिकाओं की किताबें भी जल्द ऑडियो बुक के रूप में सुनने को मिल सकती हैं। राजपाल एंड संज के प्रणव जौहरी ने बताया कि 235 किताबों का करार हुआ है और जिनमें से 60 किताबें ऑडिबल के मंच पर सुनने के लिए उपलब्ध हैं। ऑडिबल औडियो बुक के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनी है और एक बड़े हिन्दी प्रकाशक के साथ इस करार से यह लगता है कि वह बड़े स्तर पर हिंदी में विस्तार की योजना बना रही है।
यह ध्यान रखने की बात है कि पिछले कुछ साल से स्टोरीटेल नामक एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी ऑडियो बुक के क्षेत्र में सक्रिय है और उसका करार राजकमल और वाणी प्रकाशन से रहा है। लेकिन ऑडिबल के आने से इस क्षेत्र में प्रतियोगिता शुरू होगी, जिसका फ़ायदा निश्चित रूप से किताब के श्रोताओं को होगा। किताबों को सुनना उसको पढ़ने से एक अलग तरह का अनुभव होता है और इस क्षेत्र में यह देखने में आया है कि सुनने के लिए श्रोताओं को जितना कम खर्च करना होता है सुनने वालों की तादाद उतनी अधिक होती है। ऑडिबल बहुत कम शुल्क पर उपलब्ध करवा रहा है। आप एंड्रोईड प्लेटफ़ोर्म पर इसके ऐप को डाउनलोड करके मुफ़्त ट्रायल शुरू कर सकते हैं। एक दिक्कत है, ऑडिबल भारत में अभी आइओएस प्लेटफ़ोर्म पर उपलब्ध नहीं है इसलिए आइफ़ोन के उपभोक्ता फ़िलहाल इसका लाभ नहीं उठा सकते हैं।
लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि राजपाल-ऑडिबल करार हिंदी की दुनिया की एक बड़ी घटना है।
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