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लेन स्टेली –  भग्न पंखों वाला देवदूत

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अमेरिकी रॉकस्टार लेन स्टेली पर यह लेख लिखा है कवयित्री अनुराधा सिंह ने-

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बहुत साल हुए पतझड़ की एक शाम किसी ने मुझे लेन स्टेली की कहानी सुनाई थी. कहानी के दौरान जब हमने बालकनी में सफ़ेद से लाल और फिर सुरमई होते आसमान को देखते हुए उनका सिग्नेचर गीत ‘वेक अप’ सुना तो लगा जैसे किसी ने दिल को मुट्ठियों में भींच लिया है.

२२ अगस्त १९६७ में जन्मे लेन थॉमस स्टेली (जन्म का नाम लेन रदरफोर्ड स्टेली) यदि आज जिंदा होते तो अपने जीवन के ५३ साल पूरे करने को होते, फिर भी उस शाम यही अहसास हुआ कि यदि उनके जीवित रहते कभी उनसे मुलाकात हुई होती तो हम उस थके- डरे एक किशोर से भावुक और सरल  इंसान  को अपने गले लगाकर हर भय से उबार लेते, उनकी विराट प्रतिभा के बरअक्स एक पराजित होते, छीजते विलक्षण जीवन को एक सुरक्षित आलिंगन में समेट लेते और अपना सबकुछ दाँव पर लगा कर भी उन्हें बचा लेते. ऐसा ही तो होता है दुर्लभ, विलक्षण कलाकारों के प्रति हमारा प्रेम. उस घड़ी हम क्या कुछ कर गुज़रना चाहते थे पर सब ख़त्म हो चुका था, मुंबई का धुएँदार आसमान फीका काला रंग ओढ़ चुका था, हमारे छलके हुए आँसू कोरों पर ही सूख गए थे और लेन स्टेली का क्लांत आर्त्तनाद बारहवीं बार तार सप्तक में चुक रहा था….वेक अप….. वेक अप.

‘९० के आरंभ में ही लेन स्टेली अपने मशहूर रॉक बैंड एलिस इन चेन्स के फ्रंटमैन यानी केन्द्रीय गायक के रूप में पहचान बना चुके थे. एलिस इन चेन्स की स्थापना उनके परम मित्र और गिटारिस्ट गायक जैरी कैन्ट्रेल ने ड्रमर सीन किनी के साथ मिलकर १९८७ में सिएटल, वाशिंगटन में की थी, जिसमें लगभग उन्हीं दिनों लेन स्टेली को मुख्य गायक के तौर पर शामिल किया गया. जल्दी ही इस बैंड ने सीएटल में उठे ‘ग्रंज आन्दोलन’ के प्रतिनिधि स्वर के तौर पर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की. (सीएटल की रिकॉर्ड कंपनी ‘सब पॉप’ के मालिकों ने जब स्थानीय संगीत शैली के सम्मिश्रण से रचित उत्तरपश्चिमी पंक रॉक का विपणन किया तो मीडिया को इसे ‘ग्रंज’ के नाम से प्रचारित करने को प्रोत्साहित किया. ग्रंज से अभिप्राय पंक व मेटल की संकर शैली का संगीत था.) एलिस इन चेन्स बैंड की प्रमुख संगीत शैली हैवी मेटल्स है. यह लेन की विशिष्ट मुखर गायन शैली और उनके ऊँचे स्वरों के अतिरिक्त गिटारवादक/ सहगायक जैरी कैन्ट्रेल के साथ उनकी अद्भुत सामंजस्यपूर्ण प्रस्तुति के लिए भी विख्यात हुआ. आज तक यह बैंड ‘टू-वोकल’ बैंड के नाम से जाना जाता है. इसमें लेन स्टेली टेनर यानी ऊँचे स्वरों में और जेरी कैन्ट्रेल मध्यम स्वरों यानी बैरीटोन में एक साथ गाते थे. उनका यह प्रयोग ‘डुएल वोकल स्टाइल’ के रूप में खासा चर्चित हुआ. इस बैंड के अतिरिक्त स्टेली ‘स्लीज़’ जैसे ग्लैम मेटल बैंड्स तथा ‘मैड सीज़न’ और ‘क्लास ऑफ़ ’९९’ जैसे सुपरग्रुप्स के सदस्य भी थे.

बीसवीं सदी के अंत में अमरीका भर में, और खासतौर पर सिएटल में नशीली दवाओं के प्रचलन ने एक शौक, एक फैशन स्टेटमेंट और उन्मुक्त जीवन शैली की पहचान बनते- बनते एक सामाजिक महामारी का रूप धारण कर लिया था. कर्ट कोबेन सहित संगीत और कला की तमाम बड़ी हस्तियों को यह व्यसन लील गया. लेन स्टेली उन अभागे लोगों में से एक थे जो अपनी पूरी युवावस्था ही नहीं, वरन् संक्षिप्त जीवनपर्यंत इस प्राणघातक लत से जूझते रहे. अंततः अल्पायु में प्राणों से हाथ धो बैठे. पश्चिम के इन कलाकारों की यह पीढ़ी विलक्षण प्रतिभाशाली होने के साथ अभूतपूर्व रूप से दुर्भाग्यशाली थी. कर्ट कोबेन, ब्रिटनी स्पीयर्स और क्रिस कोर्नेल जैसे दसियों सितारे इस आंधी की चपेट में आकर लड़खड़ाते, ढहते गये. उनके प्रेम सम्बन्ध और निजी जीवन तो नष्टप्रायः थे ही इस हाल में संगीत की दुनिया में अपने आपको सक्रिय रख पाना भी उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था. बीसवीं सदी पश्चिमी संगीत की दुनिया के दिग्गजों के लिए निजी तौर पर एक अभागी सदी कही जा सकती है .

नशीली दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण स्टेली १९९६ के मध्य से ही सार्वजनिक जीवन की चकाचौंध से दूर हो गए, उसके बाद उन्होंने फिर कभी लाइव शो नहीं किया. २९ साल की आयु तक संगीत में उल्लेखनीय योगदान देने के साथ- साथ उन्होंने अपना अधिकांश वयस्क जीवन अवसाद और ड्रग एडिक्शन में गँवा दिया. जिसने अंततः, ५ अप्रैल साल २००२ को मात्र ३४ वर्ष की आयु में ‘स्पीडबॉल ओवरडोज़’ (कोकेन और हेरोइन जैसी नशीली दवाओं के प्राणघातक सम्मिश्रण) की शक्ल में उनकी जान ले ली.

सन् २००६ में विश्वविख्यात अमरीकी संगीत पत्रिका ‘हिट परेडर’ ने सर्वकालिक श्रेष्ठ १०० हैवी मेटल गायकों की सूची ज़ारी की, जिसमें स्टेली २७वें स्थान पर सुस्थापित हैं. इसके अतिरिक्त सन् २०१२ में वे ‘काम्प्लेक्स’ पत्रिका द्वारा ज़ारी विश्व के ५० श्रेष्ठ केन्द्रीय गायकों की सूची में ४२वें स्थान पर आते हैं. सिएटल शहर ने अपने प्रिय गायक की याद और सम्मान में २२ अगस्त २०१९ को आधिकारिक रूप से ‘लेन स्टेली दिवस’ घोषित किया.

इस पर भी आज सम्पूर्ण विश्व और सिएटल शहर, स्टेली को सिर्फ इसलिए याद नहीं करते कि वे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गायकों में शुमार हैं या कि वे बेहद संवेदनशील और अभूतपूर्व नेतृत्व क्षमता के धनी व्यक्तित्व थे. लेन की त्रासद जीवनगाथा में जो एक बात उन्हें उनके समकालीन अधिकांश गायकों से अलग करती थी वह थी नशे की समस्या के प्रति उनकी सोच . तमाम शोधकर्ताओं ने पाया है कि जिन पश्चिमी गीतों में नशे का उल्लेख किया जाता है उनमें से केवल ४ प्रतिशत उसका हानिकारक पक्ष सामने रखते हुए दूर रहने की नसीहत देते हैं. शेष 96 प्रतिशत गीतों ने नशे की सकारात्मक व आकर्षक छवि ही गढ़ी और उस छवि का व्यापक प्रसार किया. लेन स्टेली इनसे अलग थे, रोलिंग स्टोन्स बैंड के मिक जैगर या ऑज़ी ऑज़बोंन की तरह उन्होंने नशे को अपने युवा प्रशंसकों के मध्य एक हॉट ट्रेंड की तरह महिमा मंडित नहीं किया. वे एक ज़िम्मेदार और विवेकवान इंसान थे. अपने कुछ बेहद चर्चित गीतों में जिन्हें उन्होंने खुद ही रचा और संगीतबद्ध भी किया था, वे युवाओं को लगभग चेतावनी देते हुए अपनी व्यथा कहते हैं. आरंभ में उनके जिस गीत ‘वेक अप’ का उल्लेख हुआ है, उसे उन्होंने मैड सीजन नामक सुपरग्रुप के लिए गाया था, उस गीत के बोलों से ही उनकी यातना और दुनिया के प्रति परवाह का पता लिया जा सकता है.

जागो मेरे यार

अब जाग जाओ

तुम्हारे इस प्रेम को यहीं ख़त्म होना होगा

लम्बे दस साल, पूरे दस साल, झड़ी हुई

पत्तियों को समेटने का वक्त आ गया है

यह धीमी आत्महत्या प्रस्थान का तरीका नहीं

यह नीला, मेघाच्छादित सलेटी अहसास

तुम्हारा सिरफिरापन नहीं

बस एक धुंध के शिकार हो, लड़खड़ाते

आगे बढ़ते हुए

इसे अपने जीवन का एक चरण न कहो, यह एक व्याधि है

वे दरारें और रेखाएं जहाँ तुमने हौसला हारा था

तुम्हें पढ़ना मुमकिन करती हैं, ओह

वह तमाम वक्त जब तुमने उन्हें खुद को घायल करने दिया

वह थोडा सा सुकून जो तुमने ईश्वर से माँगा, तुम गिड़गिड़ाये

वह थोडा सुकून जो तुमने ईश्वर से माँगा

जागो लड़के, जाग जाओ

  यदि लेन २०१७ तक जिंदा रहते तो पूरे ५० साल के होते. उस साल उनकी पुण्यतिथि से कुछ पहले उनकी माँ ने सिएटल टाइम्स को दिए गए अपने साक्षात्कार में लेन के आरंभिक जीवन और मृत्यु के बारे में बताया, “लेन अपनी हाईस्कूल कक्षा का सबसे चुप्पा बच्चा था. स्टेज ने उसे वह करने की छूट दी जो हममें से हर कोई कभी न कभी करना चाहता है, यानी भर ताकत चीखना.” स्टेली जब बस दो साल के थे तो एक रिद्म बैंड का हिस्सा हो गए, वह समूह में सबसे छोटे थे. ९ वर्ष की उम्र में उन्होंने एक किताब के ‘अबाउट मी’ भाग में लिखा था कि वे एक गायक बनना चाहते हैं.

उनके माता पिता का तलाक तभी हो गया था जब स्टेली मात्र ७ वर्ष के थे. जीवन में पिता के अभाव ने दूरगामी दुष्प्रभाव छोड़े. फिर भी स्टेली, १२ वर्ष की आयु में ड्रम्स बजाने लगे थे और किशोरावस्था की शुरुआत में ही कई ग्लैम बैंड्स के लिए सफलतापूर्वक यह काम किया. उस समय तक उनके ह्रदय में एक गायक बनने की लालसा और बलवती हो चुकी थी. १९८४ में यानी मात्र १७ वर्ष की आयु में वे शोरवुड हाई के छात्रों द्वारा गठित बैंड ‘स्लीज़’ का हिस्सा बन गये, जो बाद में ‘एलिस ‘एन चेन्स’ कहलाया और एक साल बाद ही टूट गया. आगे चलकर इसके कुछ पूर्व सदस्यों ने सुविख्यात बैंड एलिस इन चेन्स का गठन किया. उसके बाद की कहानी दुनिया बार- बार सुनाते थकती नहीं है.

एलिस इन चेन्स ग्रंज संगीत से सम्बद्ध एक हैवी मेटल शैली का बैंड है. अपनी स्थापना से अब तक यह बैंड छः स्टूडियो एल्बम, तीन एक्सटेंडेड प्ले रिकार्ड्स, तीन लाइव एल्बम, चार संकलन, २ डीवीडी, ४३ संगीत वीडियो और ३२ एकल ज़ारी कर चुका है. नब्बे के दशक में संगीत की सबसे सफल घटनाओं में से एक इस बैंड ने दुनिया भर में ३ करोड़ रिकॉर्ड बेचे. बिलबोर्ड चार्ट २०० में इसके दो एल्बम नंबर एक पर और छः पहले दस में रहे. उनके कई ट्रैक्स और एक्सटेंडेड प्ले लोकप्रियता सूचियों में शीर्ष पर रहे. ११ बार ग्रैमी अवार्ड के लिए अनुशंसित हुए. निर्वाना, पर्ल जैम, और साउंडगार्डन के साथ एलिस इन चेन्स ऐसा बैंड साबित हुआ जिसके जन्मस्थान होने का गौरव सिएटल को मिला. और सिएटल कभी नहीं भूल सकता …न कर्ट कोबेन को, न क्रिस कोर्नेल को, न लेन स्टेली को.

नशे की लत के साथ उनकी लड़ाई के बारे में उनकी माँ ने बताया कि, “वह अक्सर दुनिया भर में दौरे पर रहता, घर आता तो उसका इलाज शुरू हो जाता. वह पूरी तरह नशे के शिकंजे में फँस गया था . मुझे यह समझने में बहुत देर हो गयी. नशे की लत की तुलना आप कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से कर सकते हैं. इसका इलाज हो भी जाये तो भी लौट- लौट आती है. इसलिए हमें इससे पीड़ित व्यक्ति के प्रति उदार होना चाहिए. उन पर कड़ाई करने की बजाय उसके बेहतर इलाज और इलाज सम्बन्धी शोध पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए.”

लेन २० अप्रैल २००२ की शाम अपने अपार्टमेंट में मरे पाये गए. पुलिस ने जब दरवाज़ा तोड़कर भीतर प्रवेश किया तो उन्हें गुज़रे हुए दो सप्ताह बीत चुके थे. उन्होंने लेन की माँ से आग्रह किया कि वे भीतर न जाएँ पर वे वहाँ जाकर अपने बेटे के सड़ते हुए शव के ठीक बगल में बैठी रहीं. ‘मैंने खुद से वायदा किया था कि हमेशा अपने बच्चों का साथ दूँगी, न जाने ऐसा कैसे हो गया. मैं उससे माफ़ी माँगती रही.’

स्टेली के जीवन के अंतिम वर्ष उनके खुद के लिए और उनके परिजनों व मित्रों के लिए यातनादायक थे. गिटारवर्ल्ड नामक साइट पर उनके अंतिम दिनों का का हृदयविदारक वर्णन है. लेखक डेविड डे सोला की पुस्तक ‘एलिस इन चेन्स : द अनटोल्ड स्टोरी’ के कुछ महत्वपूर्ण अंश यहाँ प्रकाशित किये गए हैं. इस किताब के लिए उन्होंने न सिर्फ बैंड के सदस्यों के साक्षात्कार लिए बल्कि बैंड से किसी भी तरह जुड़े हुए हर व्यक्ति के अनुभवों को सम्मिलित किया है.

    १९९७ की क्रिसमस पार्टी जिसमें लेन भी आमंत्रित थे को याद कर एलिस इन चेन्स से सहयोगी गायक के तौर पर जुड़े रैंडी बिरो कहते हैं, “मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वहाँ एक सूखा- मरियल सा व्यक्ति खड़ा हुआ था, मैं पहचानने की कोशिश करता रहा. लेन कहाँ है? उसका वह हाल देखकर मुझे बड़ा धक्का लगा.

उसके बहुत से दाँत झड चुके थे. यह मृत्यु का चेहरा था, बहुत भयावह.”

कुछ देर बाद लेन ने बिरो को अपने कोंडो अपार्टमेंट में बुलाया, जो बार से कुछ ही दूर स्थित था. फिर वे बच्चों के से उत्साह और गर्व से उन्हें सब कुछ दिखाते रहे, विशेषकर वह विशालकाय टीवी जिसके सामने बैठकर वे उन दिनों नशे में धुत विडियो गेम खेलते रहते थे. बिरो जो नशा नहीं करते थे, ने सिर्फ तजुर्बे के लिए उनसे थोड़ी हेरोइन माँगी. लेन ने कहा, ‘मैं तुम्हें नशीली दवा नहीं दे सकता क्योंकि तुम नशेड़ी नहीं हो. अगर तुम्हें यह करना ही है तो कहीं और जाकर करो. मैं अपने हाथों तुम्हारा जीवन बर्बाद नहीं कर सकता.

जिस लेन का नशेड़ी पिता उसे ६ वर्ष की उम्र में छोड़कर चला गया और २२ वर्ष में सिर्फ उसकी ख्याति और समृद्धि में अपना हिस्सा बंटाने और नशे की लत में दोबारा खींचने के लिए लौटा, वह लेन अपनी दुरावस्था में भी स्वयं किसी को नशीली दवा देने से इंकार कर देता है. वह लगातार ऐसे गीत लिखता और गाता है जो उसकी दुर्दशा का चित्रण कर युवाओं को इस लत से दूर रहने की हिदायत देते हैं, वह उनका मानवाधिक नायक बनने की बजाय कहता है कि “मुझे मालूम है मैं जल्द ही मरने वाला हूँ. नशीली दवाओं के दुष्प्रभाव से मेरा लिवर खराब हो गया है, मैं लगातार उल्टियाँ करता हूँ. मेरा पैन्ट ख़राब हो जाता है .मेरी हालत बहुत ख़राब हो चुकी है.”

यह सब करने के लिए कितना साहस चाहिए. ऐसा कुरूप सत्य बोलने से एक संगीत सितारे की चमकदमक से भरपूर आकर्षक छवि को नुकसान पहुँचने का पूरा खतरा था फिर भी लेन यह सन्देश देते ही रहे. नशे की लत एक बार लग जाये, जो कुछ  बार के प्रयोग से ही लग जाती है तो उससे छूट पाना लगभग असम्भव है. अपनी तमाम जीतोड़ कोशिशों के बावज़ूद लेन भी इससे मुक्त न हो सके लेकिन वे निरंतर मानवता के प्रति एक ज़िम्मेदार मनुष्य रहे.

उनके गीत, पश्चिम के दिखावटी अभिमान, अभिजात्य से नहीं जीवन की गहनतम यातना और अँधेरे से जन्म लेते थे. अपने एक गीत ‘हेट टू फील’ में वे लिखते हैं

मैंने कसम खाई थी कि

कभी अपने पिता जैसा नहीं बनूँगा

यह कैसी विडम्बना है कि

मुझे अपने आपको इस हाल में देखना पड़ रहा है.

ये पंक्तियाँ उनके और पिता के शोचनीय संबंधों और एक अच्छा मनुष्य बने रहने की उनकी उत्कट लालसा का खुलासा करती हैं. नशे की लत का शिकार होकर उन्होंने सबसे अधिक खुद को निराश किया, क्योंकि वे एक सुखी मनुष्य सा स्वस्थ व रचनात्मक जीवन बिताना चाहते थे.

उनका एक गीत ‘डाउन इन अ होल’ उनके श्रोताओं को उनके संघर्ष और नशे के विरोध में लड़े गए, बार- बार लड़े गये इस युद्ध में उनकी पराजय से रूबरू करवाता है. इसे उनके मित्र और सहगायक जैरी कैन्ट्रेल ने लिखा और इसे गाने में भी स्टेली का साथ दिया है. इस गीत में एक गहरे गड्ढे में और अपनी कब्र में लेटे होने के बिम्ब नशे की समस्या से पीड़ित व्यक्ति के भयावह अकेलेपन, रुग्ण देह और अवसादग्रस्त मनःस्थिति को सशक्त तरीके से प्रस्तुत करते हैं. उसके हाथों में दुर्लभ फूलों जैसा जीवन व्यर्थ हो रहा है.

मैं एक गड्ढे में हूँ

इस गर्भ में मुझे धीरे से दफनाओ

मैं अपना यह हिस्सा तुम्हें सौंपता हूँ

मुझ पर रेत बरस रही है और मैं यहाँ,

इस मकबरे में

खिलते हुए दुर्लभ पुष्प लिये बैठा हूँ,

मुझे नहीं पता

कि मुझे बचाया जा सकेगा या नहीं

मेरा ह्रदय देखो, मैं इसे एक कब्र की तरह सजाता हूँ

तुम नहीं समझोगे

वे मुझसे क्या- क्या होने की उम्मीदें रखते थे

और देखो, मैं वही आदमी हूँ

जो खुद को वह सब होने नहीं देगा

गर्त में गिरा हुआ, तुच्छ, पतित

गर्त में गिरा हुआ, आत्महीन इन्सान

मैं उड़ना चाहता हूँ लेकिन मेरे पंख नकार दिए गए हैं

मैं एक गड्ढे में गिर पड़ा हूँ

उन्होंने पत्थरों को यथास्थान रख दिया है

मैंने सूरज को खा लिया है

और मेरी जुबान जलकर बेस्वाद हो गयी है

मैं अपने ही दांतों पर पदप्रहार का दोषी हूँ

अपनी भावनाओं के बारे में और नहीं बोलूँगा

बस हूँ गर्त में गिरा हुआ, तुच्छ, पतित

गर्त में गिरा हुआ, आत्मा से हारा हुआ इन्सान.

लेन को उनके जीवन की आरंभिक असावधानियों ने अनायास जिन जंज़ीरों में जकड़ दिया वे नहीं चाहते थे कि उनके युवा प्रशंसक भी

 उसी लत के शिकार होकर अपना अमूल्य जीवन और उसकी सब खुशियाँ गँवा दें .

ढूँढ़ लाया हूँ वही गीत मैं तेरे लिए : लेन का अंतिम गीत

अगस्त १९९८ में एक दिन डेव जेर्डन के पास यह फ़ोन आया कि एलिस इन चेन्स अपने नए सेट ‘म्यूजिक बैंक’ के लिए स्टेली के दो गाने रिकॉर्ड करना चाहते हैं. जेर्डन उस समय ऑफ़स्प्रिंग के नये एल्बम पर काम कर रहे थे. लेकिन एलिस इन चेन्स के साथ फिर काम कर सकने की खबर सुनकर उत्साहित हो गए. रिकॉर्डिंग स्टूडियो की बुकिंग २२ और २३ अगस्त की हो सकी. संयोगवश २२ अगस्त को लेन का जन्मदिन भी था तो केक भी आर्डर कर दिया गया. शनिवार २२ अगस्त को पूरी प्रोडक्शन और फ्रंट टीम सुबह से ही तैयार थी. जेर्डन यह काम करने के लिए पागल थे. बेस और गिटार की रिकॉर्डिंग हो गयी. गायकों ने अभ्यास कर लिया. सभी वाद्ययंत्र और गीयर सेट कर दिए गए. लेन की प्रतीक्षा अतीव उत्साह से की जाने लगी, जेर्डन समेत कुछ लोग उनसे पूरे चार साल बाद मिलने वाले थे. लेन बहुत देर में पहुंचे, रात तीन बजे. उनकी अवस्था देखकर सभी को गहरा धक्का लगा. उनकी हालत बेहद ख़राब थी. मात्र ३० की उम्र में उनके पूरे दांत गिर चुके थे. वे खाना पचा नहीं सकते थे इसलिए ८० साल के जर्जर इन्सान से दिख रहे थे. उनकी टांगें दवाओं के असर से काँप रही थीं. उनकी उस दिन की स्थिति २ साल पहले हुए उनके अंतिम लाइव शो के समय ख़राब रही स्थिति से और गिरी हुई लग रही थी. ऐसा कहते हैं कि एक साल पहले नवम्बर १९९७ में उनकी दस वर्ष की साथी, उनकी प्रेयसी, डेमरी पैरट की मृत्यु के बाद से उनकी स्थिति इतनी बिगड़ गयी थी.

बहरहाल, उस दिन लॉस एंजिलिस के उस स्टूडियो में स्टेली, जेर्डन के नये टीम मेम्बर ट्रूजिलो के साथ ड्रम्स की नई डिजिटल प्रोग्रामिंग सीखते रहे. वे उसे वीडियो गेम में जीतने की तरकीबें सिखाते रहे. नशे के पूरे असर में , अपने में गुम, आसपास से बेख़बर. उन्होंने रिकॉर्डिंग से सम्बन्धी कोई बात नहीं की. सुबह पाँच बजे जब वे इस सबके लिए राज़ी हुए तब तक दल के सदस्य बहुत थक चुके थे, उनमें से कुछ तो २० घंटे से अधिक समय से स्टूडियो में ही उनका इंतज़ार करते रहे थे. सो जेर्डन ने तय किया कि अभी छुट्टी करते हैं रिकॉर्डिंग कल की जाएगी. इस पर लेन ने कहा कि उन्हें अगले दिन उनकी बहन की शादी में सिएटल जाना है. यह सरासर झूठ था, वे सिर्फ नशे के लिए सिएटल वापस जाना चाहते थे, शेष किसी भी काम में उनकी दिलचस्पी नहीं रह गयी थी. इस बात पर जेर्डन का सब्र चुक गया और वे उखड़ गए. उन्होंने सतेली को डपट दिया. जेरी कैन्ट्रेल भी नाराज़ हो गए. सतेली चुपचाप बैठे रहे और उसी दिन सिएटल लौट गए.

 बाद में जेर्डन ने बहुत चाहा कि वे लॉस एंजिलिस में न सही स्टेली की सहूलियत देखते हुए सिएटल में ही एक स्टूडियो बुक करके उनकी रिकॉर्डिंग कर लें लेकिन स्टेली फिर जेर्डन के साथ काम करने को राज़ी ही नहीं हुए. हेरोइन और कोकेन के असर से उनका दिमाग अस्थिर रहता था, वे जल्दी नर्वस हो जाते थे, शारीरिक रूप से दुर्बल हो गए थे, फिर भी वे लेन थॉमस स्टेली थे, एलिस इन चेन्स के फ्रंटमैन, सदी के सबसे महत्वपूर्ण रॉक सितारों में से एक. और यह वे मरते दम तक रहे, मृत्यु के उपरांत भी.

कुछ समय बाद एक और प्रमुख निर्माता टोबी राइट को जैरी और स्टेली का यह प्रस्ताव मिला कि यदि वे चाहें तो जेर्डन के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा कर सकते हैं. टोबी ने जेरी और स्टेली की वोकल रिकॉर्डिंग और फिर उसे जेर्डन द्वारा तैयार ट्रैक से मिलाने के लिए मशहूर रॉबर्ट लैंग स्टूडियो बुक कर लिया. .

इस काम में दो परेशानियाँ थीं, पहली तो यह कि जैरी और स्टेली का लॉस एंजिलिस वाले प्रकरण के बाद से ही आपस में बोलचाल बंद था सो वे रिकॉर्डिंग के लिए अलग- अलग समय पर स्टूडियो आते थे. और आकर एक दूसरे के द्वारा की गयी रिकॉर्डिंग में बदलाव करते देते थे. लिहाज़ा, टोबी को बहुत भारी प्रो टूल्स एडिटिंग करनी पड़ती थी.

दूसरे, लेन के दांत न होने के कारण वे कुछ अक्षरों का उच्चारण नहीं कर पा रहे थे. रिकॉर्डिंग में इस कमी पर बहुत जगह ध्यान भी जाता है. लेकिन, टोबी कहते हैं कि स्टेली बहुत सरल व्यक्ति थे और उनके साथ काम करना आसान था. मुश्किल तो सिर्फ उन्हें स्टूडियो लाने, रिकॉर्डिंग के लिए बैठाने और रिकॉर्डिंग की प्रक्रिया में उनकी रूचि बनाये रखने की थी .

‘गेट बॉर्न अगेन’ और ‘डाइड’ उनके दो अंतिम गीत थे जो उन्होंने एलिस इन चेन्स के लिए १९९९ में गाये. माना जाता है कि ये दोनों गीत डेमरी पैरट की याद में लिखे और गाये गए .

मृत्यु से ठीक एक साल पहले अप्रैल २००१ में स्टेली को पता चला कि वे बाप बन गए हैं. डेमरी की मृत्यु के बाद कुछ समय के लिए उनके जीवन में आई हेलेन वूली ने एक स्वस्थ बच्ची, मार्नी रोज़ वूली को जन्म दिया है. जिसे तुरंत उनके नवविवाहित पति क्रिस्टोफ़र वूली ने गोद ले लिया और स्टेली या उनके परिवार को बच्ची के जन्म की कोई सूचना नहीं दी.

लेन ने इस प्रकरण पर लिखा, “मुझे बहुत समय से ऐसा महसूस होना बंद हो गया था जैसा आज हो रहा है. वह आदमी यानी हेलेन का पति क्या सोचता होगा? हेलेन ने इसे मुझसे छिपाया और शायद वह कभी मुझे उस बच्ची से मिलने भी न दे. मेरी अपनी संतान, मेरा बच्चा, मेरा अपना खून, मैं उसे पालना- पोसना, बड़े होते देखना चाहता हूँ. यह बहुत नाइंसाफ़ी है लेकिन मेरी वर्तमान शारीरिक अवस्था में मैं क्या कर सकता हूँ?”

खबर सुनकर जैरी लेन से मिलने आये और उन्हें टोरंटो जाकर बच्ची को देखने के लिए हिम्मत बंधाई. स्टेली दुविधा में थे. एक तरफ वे अपनी बच्ची को देखने, छूने, प्यार करने को तड़प रहे थे और दूसरी तरफ अपने जैसे नशेड़ी का नाम उसके साथ न जोड़े जाने के हेलेन के निर्णय को भी सही मान रहे थे.

जैरी के इसरार पर वे टोरंटो जाकर बच्ची को देखने को तैयार हो गए, और दोनों अगले ही दिन टोरंटो के लिए उड़ गए. आगे स्टेली लिखते हैं :

“दरवाज़ा हेलेन के पति क्रिस ने खोला, वह जैरी को वहाँ देखकर हैरान हो गया, मुझे तो पहचाना भी नहीं.

जैरी ने उसे बता दिया कि मैं उसके साथ अपनी बच्ची मार्नी से मिलने आया हूँ.

क्रिस जब तक कुछ समझता हेलेन बाहर आ गयी और उसने क्रिस को बच्ची के पास भीतर भेज दिया. जैरी का दावा और पुख्ता दलील सुनकर हेलेन आपे से बाहर हो गयी और पुलिस को बुलाने की धमकी देने लगी. इस पर जैरी ने हेलेन से कहा कि, तुम लेन को उसकी बच्ची से दूर करना चाहती हो, तुम कितनी भी कोशिश कर लो पर उसे लेन जैसा महान, स्नेही और उदार पिता नहीं दे पाओगी. हम वापस आ गए. जैरी ने मुझसे कहा कि यदि तुम्हें बच्ची चाहिये तो एडिक्शन से मुक्त हो जाओ. मैं राज़ी हो गया और टोरंटो के ही एक रिहैब में भर्ती होने को भी तैयार हो गया. लेकिन धीरे- धीरे मुझे यह समझ में आया कि मैं टोरंटो में अकेला  नहीं रह पाऊंगा. नशे से मुक्त होने पर भी ज़रूरी नहीं कि यह आदत दोबारा न लौटे, उस हाल में बच्ची का क्या होगा? कानूनी लड़ाई लड़ने लायक पैसे और ताकत मेरे पास शेष नहीं. और ऐसा करने से उस नन्ही सी जान का जीवन बहुत अस्त व्यस्त हो जायेगा. सो बच्ची को पाने का ख्याल मैंने बहुत पीछे छोड़ दिया. उसके जीवन के लिए यही ठीक था कि वह मेरे जैसे ड्रगी की परछाईं से भी दूर रहे.”

 स्टेली को अपनी मृत्यु का पूर्वभान हो गया था. उन्हें पता था कि वे अब बहुत नहीं जी सकेंगे.

बेसिस्ट माइक स्टार वे अंतिम व्यक्ति थे जिन्होंने स्टेली को जीवित देखा. मृत्यु से एक दिन पहले यानी ४ अप्रैल, २००२ को वे स्टेली  से मिले थे. दोनों में किसी बात पर बहस हो गयी और स्टार नाराज़ होकर चले आये. जब वे बाहर जा रहे थे तो स्टेली ने आर्त स्वर में चिल्लाकर कहा, “ऐसे नहीं, ऐसे तो न जाओ”.

स्टार नहीं रुके और हेरोइन व कोकेन दवाओं के सम्मिश्रण से बने ओवरडोज़ के घातक प्रभाव से स्टेली अगले ही दिन अपनी रुग्ण देह, क्षतविक्षत जीवन और नशे की अटूट कारा को तोड़ कर सदा के लिए चले गए.

बेटी के जन्म की खबर सुनकर उससे मिलने को तड़पते स्टेली ने रोते हुए जेरी से कहा था, “मैं आम आदमी सा जीवन क्यों नहीं जी सकता जिसमें एक बीवी हो, बच्चे हों और एक साधारण सी नौकरी हो?” जैरी के पास कोई जवाब नहीं था. स्टेली संगीत का ऐसा देवदूत था जो बहुत थोड़े समय के लिए इस दुनिया में आया. दुनिया ने उसे सुपरस्टार कहकर सर माथे बैठाया लेकिन वह अपने छोटे- छोटे सपनों के पीछे ही दौड़ता रहा, पिता से प्रेम की बजाय मिला छल, डेमरी पैरट के साथ जीवन बिताने की, उससे विवाह करने की अतृप्त कामना, फिर उसकी असमय मृत्यु से उपजा चिर विछोह , अपनी बच्ची को बस एक बार देख लेने की तड़प. वह इस जीवन से तृषित, अतृप्त ही चला गया. वह भग्न स्वप्नों का देवदूत- लेन स्टेली.

जो स्टेली जाता दिखे तो आज हम भी कहेंगे, ‘ऐसे नहीं जाओ, ऐसे भी कोई छोड़कर जाता है लेन थॉमस स्टेली !!”

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अनुराधा सिंह कवयित्री हैं। ज्ञानपीठ से प्रकाशित उनके पहले कविता संग्रह ‘ईश्वर नहीं नींद चाहिए’ के लिए शीला सिद्धान्तकर सम्मान की घोषणा हुई है।

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