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Channel: जानकी पुल – A Bridge of World Literature

भाषाशास्त्री कुशाग्र अनिकेत से प्रचण्ड प्रवीर की बातचीत

श्री कुशाग्र अनिकेत अर्थशास्त्री और मैनेजमेण्ट कंस्लटेण्ट होने के अतिरिक्त भाषाशास्त्र के प्रतिष्ठित विद्वान हैँ। इनकी शिक्षा-दीक्षा न्यूयॉर्क कॉर्नेल और कोलम्बिया विश्वविद्यालयों मेँ हुई। सम्प्रति...

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आनंद पांडेय की पुस्तक ‘आशंकाओं के द्वीप में लघुमानव’ की समीक्षा

हाल ही में आनंद पांडेय ने विजयदेव नारायण साही पर केंद्रित किताब लिखी है ‘आशंकाओं के द्वीप में लघुमानव’। प्रस्तुत है इस किताब की पहली समीक्षा, समीक्षक हैं शुभम् मोंगा – अनुरंजनी...

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कुमार पाशी की दस नज़्में

आज उर्दू के प्रसिद्ध शायर कुमार पाशी की जयंती है। शंकरदत्त सचदेवा उर्फ़ कुमार पाशी का जन्म 03 जुलाई 1935 में बग़दाद-उल-जदीद (बहावलपुर, पाकिस्तान) में हुआ। तक़सीम-ए-हिंदुस्तान के बाद उनका परिवार दिल्ली आ...

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कृष्ण बलदेव वैद: अपनी भाषा का विस्थापित लेखक

आज रज़ा न्यास की तरफ़ से मूर्धन्य लेखक कृष्ण बलदेव वैद की स्मृति में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। मुझे उनके ऊपर लिखे गये अपने इस लेख की याद आई। मन करे तो पढ़ियेगा-...

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स्त्री मुगल: कविता में दर्ज स्त्रियों की ऐतिहासिक व्यथा

वरिष्ठ कवि पवन करण के कविता संग्रह ‘स्त्री मुग़ल’ पर यह टिप्पणी लिखी है दूसरे वरिष्ठ कवि बोधिसत्व ने। ‘स्त्री मुग़ल’ की कविताएँ मुग़ल वंश की स्त्रियों को लेकर है। राधाकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब...

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रतन पंडोरवी की शायरी

शाइर हमारे सीरीज़ में प्रत्येक सप्ताह उर्दू के एक जाने-अनजाने शाइर तथा उनके कलाम से रूबरू कराएँगे। इस सीरीज़ की पहली कड़ी में पेश हैं शाइर ‘रतन पंडोरवी’। रला राम उर्फ़ रतन पंडोरवी उर्दू के प्रसिद्ध शाइर,...

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प्रज्ञा विश्नोई की कहानी ‘भिक्खुनी’

कभी कभी बहुत अलग परिवेश, अलग मिज़ाज की कहानी मिल जाती है तो आप लोगों से तत्काल साझा करने का मन करता है। आज पढ़िए प्रज्ञा विश्नोई की ऐसी ही एक कहानी। कहानी बौद्ध परिवेश की है, एक भिक्खुनी की है। प्रज्ञा...

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कोआन, जॉन रॉल्स और विदुषी विद्योत्तमा 

कम से कम एक दशक से युवा लेखक प्रचण्ड प्रवीर ‘कल की बात’ नामक एक सीरीज़ लिख रहे हैं। इस सीरीज़ की तीन किताबें आ चुकी हाँ और अभी तीन और किताबें आने को तैयार हैं। ख़ैर इसी सीरीज़ के लिए लिखी एक टिप्पणी...

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‘चुप्पी प्रेम की भाषा है’ की समीक्षा

हाल ही में कवयित्री रंजिता सिंह ‘फ़लक’ का काव्य संग्रह ‘चुप्पी प्रेम की भाषा है’ प्रकाशित हुआ है।इससे पहले उनकी कुछ प्रेम कविताएँ हम जानकीपुल पर पढ़ चुके हैं, जिनसे हमारा परिचय युवा कवि आशुतोष प्रसिद्ध...

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उपासना की कहानी ‘एगही सजनवा बिनु ए राम!’

आज पढ़िए युवा लेखिका उपासना की कहानी- एगही सजनवा बिनु ए राम!। समकालीन कहानी में उपासना की उपस्थिति बहुत अलग और ठोस है। ग्रामीण जीवन की एक से एक पेंचदार कहानियाँ लिखने वाली उपासना का कहानी संग्रह ‘दरिया...

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